शुक्रवार, 3 अगस्त 2018

उपभोक्ता न्यायालयों में लंबित हैं 1.30 लाख मामले

अब तक 85.8 फीसदी मामलों का हुआ निपटान
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देशभर में जिला स्तर पर उपभोक्ता न्यायाल के रूप में जिला स्तर पर स्थापित जिला मंचों के स्तर पर जहां 85.8 फीसदी मामलों का निपटान किया जा चुका है, वहीं पांच जुलाई तक करीब 1.30 लाख मामले लंबित पड़े हुए हैं।
केंद्रीय उपभोक्त मामले, खाद्य और सार्वजिनक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सरकार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं के सरंक्षण के प्रति सजग है और उपभोक्तओं के अधिकारों को संवर्धित तथा संरक्षित करने और अनुचित व्यापार व्यवहारों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के प्रति जागरूकता अभियान भी चला रही है, ताकि उपभोक्ताओं को विभिन्न उत्पादों की गुणवत्ता, शुद्धता, उचित मात्रा और मूल्य का लाभ मिल सके। मंत्रालय के अनुसार उपभोक्ताओं के ऐसे मामलों के निपटान के लिए देश में उपभोक्ता न्यायालयों के रूप में जिला स्तर पर स्थापित मंचों का विस्तार करने पर विचार किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार देश में फिलहाल अधिनियम के उपबंधों के अनुसार उपभोक्ताओं की शिकायतों पर निर्णय देने और अनुचित व्यापार व्यहारों, दोषपूर्ण उत्पादों, वस्तुओं तथा सेवाओं में कमी आदि के मामलों में प्रतितोष प्रदान करने के लिए देश में एक त्रि-स्तरीय अर्द्ध न्यायिक तंत्र मौजूद है। इस तंत्र के तहत उपभोक्ताओं के विवादों के निपटान हेतु 622 जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, 35 राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग तथा एक राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग क्रियाशील है।
नौ लाख से ज्यादा मामले आए
मंत्रालय के अनुसार उपभोक्ता न्यायालयों के रूप में स्थापित इस त्रिस्तरीय आयोग के समक्ष कुल आए 910905 मामले आए, जिनमें 781826 मामलों का निपटान इस माह की पांच जुलाई तक किया जा चुका है। जबकि अभी 129079 मामलें लंबित हैं। इनमें राष्ट्रीय आयोग में 122042 मामलों में से 18522 मामले लंबित हैं। जबकि बाकी मामले 35 राज्यों एवं जिला आयोग के शामिल हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 13318 मामले आए, जिनमें से 12857 का निपटान होने के बाद 461 मामले लंबित हैं। जबकि मध्य प्रदेश में 53916 मामलों में से 43857 मामलों का निपटान किया गया और अभी 10059 मामलें विचाराधीन हैं। इसी प्रकार हरियाणा राज्य में 51851 मामले उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज कराए गये, जिनमें 49174 मामलों का फैसला हो गया है और अभी 2677 विवादों में निर्ण आने का इंतजार है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अभी 7387 उपभोक्ता मामले लंबित है, जहां 49190 मामलों में से 41803 मामलों का फैसला किया जा चुका है।
01Aug-2018


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें