शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

मध्य प्रदेश में विदेशी कर्ज से सुधरेगी सिंचाई व्यवस्था



एशियाई विकास बैंक से मिलेगा 375 मिलियन डॉलर का ऋण
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश के किसानों की आय को दो गुना करने के मिशन के तहत मध्य प्रदेश में सिंचाई व्यवस्था में सुधार करने के लिए चलाई जा रही सिंचाई कार्यदक्षता परियोजना के लिए एशियाई विकास बैंक से 375 मिलियन डॉलर का कर्ज मिलेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने एडीबी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
नई दिल्ली में गुरुवार को मध्य प्रदेश में सिंचाई की कार्यदक्षता सुधारने के लिये 375 मिलियन डॉलर के कर्ज के लिए भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक के बीच महत्वपूर्ण समझौता किया गया। इस समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामले विभाग के संयुक्त सचिव (बैंक कोष एवं एडीबी) सुनील कुमार खरे और एशियाई विकास बैंक की तरफ से इंडिया रेजीडेंट मिशन एडीबी में राष्ट्रीय उपनिदेशक सब्यसाची मित्रा ने हस्ताक्षर किये हैं। वहीं इस दौरान मध्य प्रदेश सरकार की ओर से परियोजना निदेशक ए.के. उपमन्यु ने एक अलग समझौते पर हस्ताक्षर किये।
मप्र में सृजित होगी सिंचाई क्षमता
इस समझौते की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामले विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार खरे ने बताया कि इस समझौते के तहत मिलने वाले कर्ज से राज्य में सिंचाई के नेटवर्क का विस्तार करने और सिंचाई कार्यकुशलता बढ़ाकर कृषि आय को दोगुना करने में मदद मिलेगी। मसलन मध्य प्रदेश सिंचाई कार्यदक्षता सुधार परियोजना 1.25 लाख  हेक्टेयर भूमि के लिये नये बेहद कार्यकुशल और जलवायु परिवर्तन से अप्रभावित रहने वाले सिंचाई नेटवर्क का विस्तार करके 400 गावों में जल के प्रयोग के तरीके को सुधारा जाना है, जिसका मध्य प्रदेश के 8 लाख से भी अधिक लोगों को लाभ लाभ मिलेगा। खरे ने कहा कि यह परियोजना सिंचाई की कार्यदक्षता और जल की उत्पादकता को अधिकतम संभव सीमा तक बेहतर बनाकर में मध्य प्रदेश सरकार के सिंचाई के विस्तार और आधुनिकीकरण कार्यक्रम में भी मदद करेगी। वहीं एडीबी के मित्रा ने कि एडीबी से मिलने वाली इस ऋण राशि का प्रयोग सिंचाई की कार्यदक्षता को बढ़ाने के लिये एक विशालकाय दाब पर आधारित और स्वाचलित सिंचाई प्रणाली के विकास के लिये किया जायेगा। यह परियोजना डिजायन-बिल्ड-ऑपरेट आधार पर स्थागत नवाचार को प्रोत्साहित करेगी।
दो बड़ी सिंचाई परियोजनाओं पर फोकस
मध्य प्रदेश का इस परियोजना के तहत दो बड़ी सिंचाई परियोजनाओं पर ज्यादा फोकस होगा। इसमें पहली ‘कुंडलिया सिंचाई परियोजना’ में 1.25 लाख हेक्टेयर भूमि के लिये नई एवं अत्यधिक कार्यकुशल और जलवायु परिवर्तन से अप्रभावित रहने वाली सिंचाई प्रणाली का विकास किया जाएगा, जिसमें दो बड़े पंपिंग स्टेशनों का निर्माण करना भी शामिल है जो कि जलापूर्ति कक्षों में पानी की आपूर्ति करेंगे, जहां से भूमिगत पाइपों के नेटवर्क के जरिये जल की आपूर्ति खेतों में की जायेगी। यह परियोजना किसानों को नकदी फसलों की सिंचाई के लिये सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को अपनाने में भी मदद करेगी। जबकि दूसरी बड़ी सिंचाई परियोयजना के रूप में मौजूदा संजय सरोवर सिंचाई परियोजना को एक बेहतर डिजायन वाली परियोजना में विकसित करने हेतु एक व्यापक आधुनिकीकरण संभावना अध्ययन रिपोर्ट तैयार होगी।
क्या है एडीबी का लक्ष्य
एशियाई विकास बैंक एक समृद्ध, समावेशी, टिकाऊ और स्थायी एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र के विकास के साथ-साथ घोर निर्धनता के उन्मूलन के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिये प्रतिबद्ध है। 1966 में स्थापित इस संस्था का स्वामित्व 67 सदस्यों के पास है जिसमें से 48 इस क्षेत्र से ही हैं। 2017 में एशियाई विकास बैंक का सकल कामकाज 32.2 अरब डॉलर रहा था, जिसमें से साझेदारी के जरिये उपलब्ध करायी गयी 11.9 अरब डॉलर की धनराशि भी शामिल थी।
31Aug-2018

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