
नए
राज्यसभा सदस्यों ने लिया संसदीय प्रणाली व नियमों का ज्ञान
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
राज्यसभा
के नवनिर्वाचित सदस्यों को संसदीय प्रणाली का प्रशिक्षण देने के लिए शुरू हुए एक बोध
कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्राइन क्वीज मास्टर की भूमिका में
नजर आए, जिन्होंने सवालों का सही जवाब देने के लिए नए सांसदों को चाकलेट देकर
पुरस्कार भी दिया।
दरअसल
लोकसभा और राज्यसभा में निर्वाचित होकर आने वाले नए सांसदों को संसदीय प्रणाली और
नियमों का ज्ञान देने के लिए
संसद
के ब्यूरो ऑफ पार्लियामेंट्री स्टडीज एवं ट्रेनिंग डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित किया
जाता है। उसी के तहत शनिवार को यहां संसदीय सौंध के मुख्य सभागार में शुरू हुए दो
दिवसीय बोध कार्यक्रम में राज्यसभा के नवनिर्वाचित और मनोनीत सदस्यों के लिए
संसदीय समिति प्रणाली की की जानकारी देने के लिए जब तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ
राज्यसभा सांसद डेरेके ओब्राइन पहुंचे तो कार्यक्रम का माहौल ही बदल गया। मसलन
ओब्राइन के मंच पर लगी संबोधन डेस्क को अचानक छोड़कर सांसदों के बीच छलांग लगाई और
वायरलैस माइक लेकर सांसदों की इस पाठशाला को ‘क्वीज कंपीटन’ में बदल दिया, जिसके
लिए संसदीय समितियों के कामकाज और उसके नियमों तथा अन्य कार्यप्रणाली की जानकारी
देने के साथ-साथ नए सांसदों से समितियों से संबन्धित सवाल पूछने शुरू कर दिये,
जिसका बकायदा मंच के दोनो और लगाई गई स्क्रीनों पर प्रदर्शन भी हुआ। राज्यसभा के
अधिकारियों और वरिष्ठ सांसदों को डेरेक ओब्राइन का नए सांसदों को समितियों का
ज्ञान देने का यह तौरतरीका मौजूद सभी को हैरान करने वाला था, लेकिन प्रश्नोत्तरी
के रूप में बोध कराने का यह फार्मूला बेहद पसंद भी किया गया। तृणमूल नेता ओब्राइन
की इस कार्यक्रम में एक ‘क्वीज मास्टर’ की भूमिका को आयोजक और राज्यसभा सचिवालय के
अधिकारियों के साथ ही नए सांसदों को भी रास आया, जिसमें उन्हें एक प्रयोगात्मक रूप
से संसदीय समितियों की प्रणाली का ज्ञान मिला।
नए सदस्यों ने दिखाई रूचि

अब तक 14 निजी विधेयक बने
कानून
इस
बोध कार्यक्रम के दौरान आप सांसद संजय सिंह ने निजी विधेयकों के बारे में जानकारी
मांगी तो राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा ने बताया कि भारतीय संसदीय इतिहास
में अब तक अब तक संसद में 14 निजी विधेयक पारित होकर संविधान में कानून बने हैं,
जिनमें नौ राज्यसभा और पांच लोकसभा में पास किये गये। अन्नाद्रमुक सांसद त्रिरूची
शिवा का राज्यसभा में पारित ट्रांजेंडर संबन्धी निजी विधेयक लोकसभा में लंबित है।
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जनहित के मुद्दो पर न हो
राजनीति: नायडू
इससे
पहले संसदीय सौंध के मुख्य सभागार में शुरू हुए राज्यसभा के नए सदस्यों के लिए दो
दिवसीय बोध कार्यक्रम का दीप प्रज्जलित करके उप राष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति
एम. वेंकैया नायडू ने उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन
में
कहा कि सदन के नए सदस्यों सदन में सुचारू रूप से कार्यवाही चलाने के लिए अपना
सकारात्मक योगदान देना चाहिए। उन्हें देश या जनहित के मुद्दो पर राजनीति से ऊपर
उठकर राज्यसभा की कार्यप्रणाली को प्रभावी बनाने में योगदान देने की जरूरत है।
नायडू ने कार्यक्रम के दौरान राज्यसभा के सभी नए और मनोनीत सदस्यों से संसद के
कामकाज और विभिन्न पहलुओं पर बातचीत भी की और उनके सवालों के जवाब भी दिये। नायडू
ने सभी से संसद की गुणवत्ता और सदन में कार्यवाही को सक्षम करने की अपील करते हुए
कहा कि नियमों का उल्लंघन लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए घातक है।
40 सदस्यों ने लिया हिस्सा
राज्यसभा
सचिवालय के अनुसार उच्च सदन में नए और मनोनीत करीब 61 सदस्यों को आमंत्रित किया
गया था, लेकिन शनिवार को पहले दिन 40 सदस्यों ने हिस्सा लिया है। इनमें केंद्रीय
शहरी आवास एवं विकास मंत्री हरदीप पुरी भी शामिल रहे। जबकि उद्घाटन सत्र के दौरान
राज्यसभा सदस्य डी. राजा ने भारतीय राजनीति में राज्यसभा सभी की भूमिका और योगदान
को लेकर नए सदस्यों को ज्ञान दिया, जबकि अन्नाद्रमुक के त्रिरूचि शिवा ने
प्रश्नकाल की महत्ता पर प्रकाश डाला।
05Aug-2018
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