शुक्रवार, 3 अगस्त 2018

राज्यसभा: एनआरसी के विरोध में टीएमसी का हंगामा



शाह के बयान की हुई जांच में कुछ नहीं मिला गलत
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा में गुरुवार को शून्यकाल व प्रश्नकाल सुचारू रूप से चलने से ऐसा लग रहा था कि सदन एनआरसी के मुद्दे पर बना गतिरोध खत्म हो गया है, लेकिन उसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने एनआरसी के मुद्दे पर पीएम का बयान कराने की मांग को लेकर हंगामा कर दिया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी।
उच्च सदन में गुरुवार को दोपहर बाद दो बजे किसानों की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में हाल ही में की गई वृद्धि और कृषि क्षेत्र में चुनौतियों पर अल्पकालिक चर्चा होनी थी, जिसकी शुरूआत भाजपा अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद अमित शाह को करनी थी, इसके लिए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई दल सहमति बना चुके थे। जब तक यह चर्चा शुरू होती उससे पहले तृणमूल कांग्रेस के सदस्य एनआरसी के मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान कराने की मांग को लेकर आसन में आकर हंगामा करने लगे। जबकि इस मुद्दे पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि तीन दिन तक गृहमंत्री सदन में बयान देने के लिए आते रहे लेकिन विपक्ष खासकर तृणमूल के सदस्यों ने उन्हें बोलने नहीं दिया और नहीं चर्चा को पूरा होने दिया। नायडू ने यहां तक नसीहत देते हुए तृणमूल कांग्रेस सदस्यों को इंगित करते सवाल किया कि क्या यह तय करके आए हो कि कृषि संबन्धी पर चर्चा नहीं होने दी जाएगी और यह कहते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
आजाद को दी बधाई
राज्यसभा की गुरुवार का शुरू हुई बैठक में सुबह सभापति एम वैंकेया नायडू ने संसद के वर्तमान मानसून सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही सुचारु रूप से चलने पर खुशी जाहिर की। इस दौरान उन्होंने उत्कृष्ट सांसद सम्मान से नवाजे गये नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद को बधाई देने के साथ ही नेता सदन अरुण जेटली के सकारात्मक योगदान की सराहना की। उन्होंने सदन को जानकारी देते हुए उत्कृष्ट सांसद सम्मान प्राप्त आजाद, पूर्व उपसभापति नजमा हेपतुल्ला, लोकसभा सदस्य हुकुमदेव नारायण यादव, दिनेश त्रिवेदी और भर्तहरि महताब की कार्यशैली और आचरण का हवाला दिया। नायडू से सदन के सदस्यों से ऐसे उत्कृष्ट सांसदों अनुसरण करने का भी आव्हान किया। गौरतलब है कि आजाद समेत इन सांसदों को एक दिन पहले ही संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्कृष्ट सांसद सम्मान से सम्मानित किया है। संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने भी सरकार की ओर से गुलाम नबी आजाद की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए उन्हें आदर्श सांसद की संज्ञा दी। हालांकि साथ ही उन्होंने कहा कि जब आनंद शर्मा जी सत्तापक्ष को परेशानी में डालते हैं तो ऐसे समय में आजाद इस परेशानी से बाहर निकालने का काम करते रहे हैं, इस पर सदन का माहौल खुशनुमां नजर आया।
शाह पर कांग्रेस के आरोप गलत
राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा ने सभापति से एक दिन पहले एनआरसी मुद्दे पर चर्चा के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए उन्हें वापस लेने और सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की थी। राज्यसभा सचिवालय के अनुसार सभापति नायडू ने इस मुद्दे पर दिये गये बयान की जांच की और पाया कि शाह ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जिस प्रकार की टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था।
नायडू की शिकायत उन्हीं से करेगी कांग्रेस
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस का आरोप है कि सदन में सभापति सदन में बोलने नहीं देते हैं। इसलिए असम राज्य के कांग्रेसी सांसदों ने सभापति वेंकैया नायडू की शिकायत उन्हीं से करने का निर्णय लिया है। मसलन कांग्रेस सदस्य अब उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू के खिलाफ उन्हीं से शिकायत दर्ज कराएंगे। इस शिकायत पर कांग्रेस के आरोपों का निर्णय भी नायडू को ही लेना है। गौरतलब है कि उच्च सदन में असम के पांच सासंदो हैं जिनका आरोप है कि उन्हें एनआरसी मुद्दे पर बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया।
पेश नहीं हो सकता दंड (संशोधन) विधेयक
देश में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा संबंधी आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018 को गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया जाना था, जिसे 27 जुलाई को लोकसभा से मंजूरी मिल चुकी है। किसानों की फसलों के एमएसपी की चर्चा के बाद इस विधेयक को पेश किया जाना था, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के कारण इसे सदन में पेश नहीं किया जा सका।
03Aug-2018

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