
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा
में पिछले दिनों नवनिर्वाचित सदस्यों को संसदीय प्रणाली का प्रशिक्षण देने के लिए दो
दिवसीय बोध कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन राज्यसभा के सभापति
एम. वेंकैया नायडू करेंगे।
राज्यसभा
सचिवालय के अनुसार चार और पांच अगस्त को संसदीय सौंध के मुख्य सभागार में यह
कार्यक्रम संसद के ब्यूरो ऑफ पार्लियामेंट्री स्टडीज एवं ट्रेनिंग डिपार्टमेंट
द्वारा आयोजित किया जाएगा। इस दो दिवसीय बोध कार्यक्रम के तहत नवनिर्वाचित और
मनोनीत होकर उच्च सदन में आने वाले नए सांसदों को संसदीय प्रणाली के बारे में
जानकारी दी जाती है। सचिवालय के अनुसार राज्यसभा के ऐसे सांसदों को संसद में उनकी
अलग-अलग भूमिकाओं के साथ ही संसदीय परिपाटी और नियमों के बारे में प्रशिक्षण देता
आ रहा है। इसी परंपरा के तहत इस साल पहली बार राज्यसभा में नवनिर्वाचित एवं मनोनीत
होकर आये ऐसे सांसद जो पहली बार संसद पहुंचे हैं को ऐसे ही प्रशिक्षण के रूप में जानकारी
से अवगत करया जाता है।
कार्यक्रम का ये होगा एजेंडा
राज्यसभा
सचिवालय के एक अधिकारी का कहना है कि संसद की गरिमा को बनाये रखने के लिये सदन के
सदस्य के रूप में हर जनप्रतिनिधि को संसद के सभी कायदे-कानूनों का ज्ञान जरूरी है।
इसलिये संसद में ऐसे नये सांसदों को एक प्रशिक्षण के रूप में सभापति, उप सभापति,
राज्यसभा महासचिव और वरिष्ठतम सांसद, संविधान विशेषज्ञ संसदीय परंपराओं और
नियम-कायदों का विस्तार से ज्ञान बोध कराते हैं। ऐसे संसदीय ज्ञान नए सांसदों को
प्रभावशाली जनप्रतिनिध बनाने की दिशा में सदन के भीतर उनका आचरण कैसा होना चाहिए,
संसदीय भाषाओं में एक सांसद का कैसा व्यवहार होना चाहिए जैसी जानकारी दी जाती है।
वहीं सांसद की भूमिका और भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में योगदान, सदस्य की सुविधाएं
और विशेषाधिकार, संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, कानून बनाने की
प्रक्रिया, समिति प्रणाली, राजनीति में आचार संहिता जैसे विषयों के के अलावा नए
सदस्यों को प्रश्नकाल,शून्यकाल, चर्चा या वाद-विवाद, विधेयकों, संसदीय समितियों,
सांसद निधि और उसके विभिन्न योजनाओं में उपयोग, सदस्यों को दी जाने वाली
सुख-सुविधाओं की क्या प्रक्रिया से भी अवगत कराया जाता है। वहीं सदन की कार्यवाही
के दौरान मुद्दे उठाने के नियम और प्रक्रिया के साथ प्रश्नकाल, वाद-विवाद में
हिस्सा लेने के नियमों की जानकारी तक दी जाती है।
03Aug-2018
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