शुक्रवार, 18 नवंबर 2016

नोटबंदी की सियासत में फंसी संसद की कार्यवाही

दोनों सदनों में फैसले को वापस लेने पर विपक्ष का हंगामा 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी के मुद्दें पर दोनों सदनों में विपक्ष का जमकर हंगामा हुआ और संसद की कार्यवाही विपक्षी दलों की सरकार पर हमला करके नारेबाजी व हंगामे की भेंट चढ़ गई। राज्यसभा में इस मुद्दे पर विपक्ष पीएम मोदी को सदन में बुलाने की मांग करता रहा, तो लोकसभा में नोटबंदी पर चर्चा कराने की मांग को लेकर जमकर हंगामा बरपता रहा।
मोदी सरकार द्वारा 500 व 1000 के नोटों को अमान्य करने के निर्णय के मुद्दे पर आज संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने भारी हंगामा किया। लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने सदन का कार्य स्थगित करके तत्काल चर्चा कराने की मांग की। जबकि सरकार ने तर्को के साथ कहा कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है, विपक्षी सदस्य इस पर तैयार नहीं थे और कार्यस्थगित करके चर्चा कराने की मांग करते रहे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सरकार चर्चा कराने को तैयार है। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि हमने नियम 56 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। सभी दल चाहते हैं कि इस पर कार्य स्थगित करके चर्चा करायी जाए। इसी सियासत में विपक्षी दल कार्यस्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे और हंगामा करते रहे। सदन में इस मुद्दे पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, अन्नाद्रमुक के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस, तृणमूल, वाम दलों ने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने के कारण आम लोगों को हो रही परेशानियों और इस निर्णय को कथित तौर पर चुनिंदा लीक करने का मुद्दा भी उठाया और कार्यस्थगित करके तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग की।
विपक्षी सदस्य इस पर तैयार नहीं थे और कार्यस्थगित करके चर्चा कराने की मांग करते रहे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सरकार चर्चा कराने को तैयार है। क्या आप चर्चा करना नहीं चाहते। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि हमने नियम 56 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। सभी दल चाहते हैं कि इस पर कार्य स्थगित करके चर्चा करायी जाए।
आतंकवाद खत्म करना प्राथमिकता
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन और जाली नोट को खत्म करने और इसके उपर पनपने वाले आतंकवाद को खत्म करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने यह पहल की है। उन्होंने कहा कि हम इस विषय पर चर्चा कराने को तैयार हैं। विपक्ष इस पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया है। केंद्र सरकार इस पर नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है।

राज्यसभा में भिड़े पक्ष-विपक्ष, तीखी झड़पे
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
नोटबंदी के मुद्दे पर गुरुवार को राज्यसभा में सत्तापक्ष और कांग्रेस के सदस्यों के बीच उस समय तीखी नोंकझोंक हुई, जब सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने यह दावा किया कि नोटबंदी के फैसले के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या उरी में पाकिस्तानी आतंकवादियों की गोलीबारी के शिकार लोगों से ज्यादा है।
उच्च सदन में नोटबंदी मुद्दे पर चर्चा के जवाब के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदन में उपस्थिति की मांग को लेकर हो रहे हंगामे के बीच आजाद ने कहा कि सरकार के गलत फैसले के कारण देश भर में लाखों लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार के नोटबंदी के फैसले के चलते 40 निरपराध लोगों की मौत हो गयी जो उरी में पाकिस्तानी आतंकवादियों की गोलीबारी में मारे गए लोगों की तुलना में भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इन लोगों की मौतों की जिम्मेदारी भाजपा और सरकार पर है। आजाद की इस टिप्पणी पर सत्ता पक्ष ने तीखी आपत्ति जताई और नोटबंदी के फैसले की तुलना उरी हमले से करने के लिए माफी मांगने की मांग की।
राष्ट्र विरोधी बयान का अरोप
सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने उनके बयान को राष्ट्रविरोधी बताते हुए कहा कि गुलाम नबी आजाद पाकिस्तान को प्रमाण पत्र दे रहे हैं। नायडू ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से निकालने का आसन से अनुरोध किया। आजाद ने कहा कि वह सरकार के फैसले के कारण हुयी मौतों का सिर्फ जिक्र कर रहे थे। उन्होंने भाजपा और प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि हम (कश्मीर के लोग) 24 घंटे पाकिस्तान को झेलते रहते हैं, जबकि आप वहां शादी विवाह में शामिल होने जाते हैं। आप उन्हें तोहफे भिजवाते हैं। उपसभापति पी जे कुरियन ने इस मामले में रिकार्ड पर गौर करने का आश्वासन दिया।
18Nov-2016

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