शुक्रवार, 4 नवंबर 2016

आईटीएस तकनीक बदलेगी परिवहन व्यवस्था!

सुरक्षित सड़को से हादसे रोकने को तैयार होगा एक्शन प्लान
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में बढ़ते सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की कवायद में जुटी केंद्र सरकार ने सुरक्षित सड़कों के निर्माण के लिए इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आईटीएस) तकनीक का अपनाने का निर्णय लिया है। इस तकनीक के जरिए स्मार्ट मोबिलिटी को सफल बनाने के लिए सरकार आईआरएफ डेवलपमेंट एक्शन प्लान तैयार करने में जुटी हुई है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार जेनेवा स्थित अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) ने भारत में सड़कों को और अधिक सुरक्षित बनाने और सड़कों के नेटवर्क की समस्याओं का हल तलाशते हुए इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की तकनीक पर सुरक्षित सड़कों का निर्माण करने के लिए आगे आने का फैसला किया है। महासंघ के अध्यक्ष के.के. कपिला ने हरिभूमि को इस तकनीक के बारे में बताया कि आईटीएस के भारत में लागू करने के कई दूरगामी और प्रभावी प्रभाव होंगे। जिससे मोबिलिटी अर्थात ट्रैफिक की निरंतरता कायम होने से सफर के समय की बचत होगी। वहीं इसमें मौजूदा नेटवर्क और सेवाओं का ही इस्तेमाल करके उनका बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा। मसलन ट्रांसपोर्ट प्रदान करने वाले संगठनों अथवा संस्थाओं के धन की भी बचत हो सकेगी। मंत्रालय के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ दुनियाभर में सड़क परिवहन को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से काम करता आ रहा है,जिसकी इस तकनीक का असर भी कई देशों में सकारात्मक दृष्टिकोण प्रकट कर चुका है। सड़क हादसों के मामलों में भारत दुनियाभर के अन्य देशों के मुकाबले सड़क दुर्घटनाओं में हो रही सर्वाधिक मौतों को लेकर चिंतित है। अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ के अध्यक्ष के.के. कपिला ने इस तकनीक के बारे में बताया कि इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर आधारित अगले सप्ताह पहली राउंड टेबल कांफ्रेंस करने का केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का कदम सरकार की चिंता में कमी का सबब बनेगा।
आईटीएस से होगा समाधान
अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ के अध्यक्ष के.के. कपिला के अनुसार आईटीएस की तकनीक के जरिए देश में सुरक्षित सड़के बनाए जाने से जहां सड़क दुर्घटनाओं, जाम और प्रदूषण जैसी समस्याओं को काफी हद तक खत्म किया जा सकता है, वहीं हादसों में हो रही असामयिक मौतों में तेजी से कमी लाने के लक्ष्य को भी कम किया जा सकेगा। केंद्र सरकार उसी तरह सड़क परियोजनाओं में इस तकनीक को वित्तीय मदद देगी, जिस प्रकार कई अन्य देशों में इस तकनीक को वित्तपोषित किया जाता रहा है। अभी तक इस तकनीक का प्रयोग भारत में आंशिक रूप से ही किया गया है। कपिला का कहना है कि उनका संघ आईआरएफ देश में राष्ट्रीय एवं स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर उन्हें एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहा है, ताकि कार्यपालिका, वित्तीय संस्थाएं और तकनीकी विशेषज्ञ एक साथ मिलकर नीतियों में बदलाव कर सकें। इस दिशा में आईटीएस से होने वाले तकनीकी लाभ का इस्तेमाल आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में भी बढ़ाकर एक एक्शन प्लान के तहत भारत में स्मार्ट मोबिलिटी का सपना साकार करना पूरी तरह से संभव है।
कैसा होगा एक्शन प्लान
दुनियाभर में सुरक्षित सड़कों के जरिए हादसों को रोकने के लिए काम कर रहे अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ का दावा है कि इस तकनीक से सड़कों के निर्माण के लिए तैयार किये जा रहा एक्शन प्लान भारत में आईटीएस के लिए एक रणनीति भी प्रदान करेगा, ताकि आईटीएस को भारत में बढ़ावा मिल सके और आईटीएस उपकरणों की भारत में ‘मेक इन इंडिया’ मिशन के तहत मैन्युफैक्चरिंग को दिया जा सकेगा। सके और अंत में मेक इन इंडिया को भी इसका फायदा मिल सके। आईटीएस तकनीक भारत में सड़क परिवहन की दो प्रमुख समस्याओं को दूर करने में वरदान साबित हो सकेगी, जिसमें सड़क सुरक्षा-ट्रैफिक नियमों और उनके अनुपालन के बीच के अंतर को खत्म करना और दूसरा ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान होना तय माना जा रहा है। यही नहीं देश में वाहनों की गति पर बेहतर नियंत्रण, ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने, ईंधन की बचत से पर्यावरण को होने वाली हानि होने जैसे मुद्दों का समाधान भी होगा।
पहली राउंड कांफ्रेंस दस को
अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) ने इस तकनीक पर भारत में अगले 15 महीनों में उच्च स्तरीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन करने का फैसला किया है। इसके तहत केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने महासंघ के साथ मिलकर आगामी दस नवंबर को नई दिल्ली में एक्शन प्लान पर मंथन करने के लिए पहली उच्च स्तरीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। इस कांफ्रेंस में आईटीएस एक्सपर्ट और इस परियोजना में सहयोग कर रहे संबंधित अधिकारी ऐसी राउंड टेबल्स में आईटीएस को भारत में लागू करने के रोडमैप और इसकी शीध्र क्रियान्वयन की रूपरेखा तैयार करेंगे।
दुनियाभर में दिखा असर
महासंघ का कहना है कि आईटीएस की अवधारणा भारत सरकार के कई अन्य प्रकल्पों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। सरकार ने मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं। आईटीएस तकनीक ने दुनियाभर में ट्रांसपोर्ट सिस्टम कई अहम बदलाव किए हैं। आईटीएस ने डायनामिक स्पीड जोन,स्पीड मैनेजमेंट, एक्टिव लेन मैनेजमेंट, रैंप मीटरिंग, ट्रैवल इन्फोरमेशन सिस्टम, ई-टोलिंग जैसी नई चीजें को लागू किया है जिससे ट्रांसपोर्ट सिस्टम में अहम बदलाव हुए हैं।
04Nov-2016

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