सड़क क्षेत्र में नवाचारों पर विभिन्न हितधारकों से करार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश
में वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने हरित भारत
की कल्पना के तहत देश की प्रमुख सड़कों को खासकर राष्ट्रीय राजमार्गो को
हरित राजमार्गों में तब्दील करने के लिए नेशनल ग्रीन राजमार्ग मिशन योजना
लागू की है। इस मिशन में तेजी लाने की दिशा में केंद्र सरकार अब विभिन्न
हितधारकों के साथ समझौते करने का फैसला किया है।
दरअसल हरित भारत
की कल्पना करते हुए पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में पिछले साल
‘नेशनल ग्रीन राजमार्ग मिशन’योजना शुरू की थी और देश के सभी राष्ट्रीय
राजमार्गो के किनारे और डिवाइडरों पर हरियाली को बढ़ावा देने हेतु हरित
राजमार्ग नीति-2015 भी जारी की थी। हरित राजमार्ग के तहत पौधारोपण,
प्रतिरोपण, सौंदर्यीकरण और रखरखाव वाली इस नीति पर आधारित योजना में सड़क
परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने किसानों और ग्रामीणों की भागीदारी
सुनिश्चित करने और नवाचारों पर यहां एक राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की।
मसलन सरकार ने सड़क परियोजनाओं को पर्यावरण से जोड़ते हुए इस लक्ष्य को जल्द
से जल्द हासिल करने पर जोर दिया गया। इस मौके पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग
प्राधिकरण के अध्यक्ष राघव चंद्रा ने इस बात पर चिंता जताई कि सौंदर्य
हरियाली में राष्ट्रीय निमार्ण को शामिल करने के बावजूद एक साल के भीतर 600
किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग हरित राजमार्ग में बदलने का लक्ष्य पूरा
नहीं हो सका। इस मिशन में तेजी लाने की दिशा में अब सरकार ने संबन्धित
संगठनों और कंपनियों के साथ समझौता करने की रणनीति बनाई है। चन्द्रा का
मानना है कि ऐसे समझौतों से राष्ट्रीय राजमार्गों की हरियाली ग्रामीण
रोजगार की गुंजाइश में सुधार लाने और इसके साथ जुड़े लाखों लोगों के लिए
रोजगार का मौका प्रदान कर सकेगी।
नीति का एक साल
केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार दुनियाभर में बड़ी चुनौती बन
रही प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी रणनीतिक
संधियों का सहारा लिया जा रहा है। भारत में बढ़ते प्रदूषण से मुकाबला करने
के लिए केंद्र की सरकारें भी अलग-अलग ठोस कदम उठा रही है। इसी दिशा में
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भी खासकर वायु प्रदूषण और
वाहनों से निकलने वाले धुंए के असर को कम करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गो
को हरित राजमार्ग में बदलने के लिए हरित राजमार्ग नीति-2015 को लागू किया
गया था।
इनके साथ हुआ करार
इस कार्यशाला के
दौरान नेशनल ग्रीन राजमार्ग मिशन ने वृक्षारोपण, प्रबंधन और राष्ट्रीय
राजमार्गों के किनारे स्थायी कटाई गतिविधियों को संचालित करने के लिए
आईटीसी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। जबकि सीएसआर कार्यक्रम
के तहत वित्त पोषण के लिए सड़क के किनारे वृक्षारोपण के लिए यस बैंक और
ग्रीन राजमार्ग के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के हेतु
टेरी के साथ करार दिया है, ताकिे पर्यावरण पर अध्ययन करने वाली टेरी तकनीकी
सहयोग करके इस मिशन को अंजाम तक पहुंचा सके। यह मिशन भी वृक्षारोपण,
प्रबंधन और राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थायी कटाई गतिविधियों को
संचालित करने के लिए जेके पेपर्स के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने
जा रहा है। जबकि ग्रीन राजमार्ग में बांस आधारित अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने
के लिए विश्व बैंक भी सरकार की इस परियोजना को मजबूती देने के लिए आर्थिक
मदद को तैयार हो गया है।
ऐसे होगी मिशन की निगरानी
देश
में हरित राजमार्ग परियोजना में तेजी लाने, पारदर्शिता और क्षेत्रीय
ग्रामीणों को कार्य में लगाकर रोजगार देने तथा प्रदूषण की चुनौती से निपटने
के लिए जारी की गई हरित नीति को लागू करने और उसकी निगरानी का जिम्मा
मंत्रालय के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साथ एनएचआईडीसीएल
और अन्य संबन्धित संगठनों को सौंपा गया है। इसी दिशा में इस कार्यक्रम को
आगे बढ़ाने के लिए यहां आयोजित कार्यशाला में कसानों और ग्रामीणों की
महत्वपूर्ण भागीदारी को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
09Nov-2016
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