सोमवार, 28 नवंबर 2016

नोटबंदी: ‘आक्रोश दिवस’ पर बंटा विपक्ष!


नीतीश व ममता ने भी बनाई दूरी, अन्य दल भी बेचैन
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी वाले फैसले के विरोध में जनसमर्थन न मिलने के कारण विपक्ष की लामंबदी टूटती नजर आने लगी है। मसलन इस मुद्दे पर पीएम मोदी पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में बसपा, आप और वामदल जैसे एकजुट हुए विपक्ष की सोमवार को आक्रोश दिवस में भारत बंद की मुहिम को जद-यू और तृणमूल कांग्रेस ने तगड़ा झटका दिया है, जो इस आक्रोश दिवस से अपने कदम वापस खींचने का ऐलान कर चुके हैं। वहीं नोटबंदी को राजनीतिक मुद्दा बनाने वाले विपक्षी दलों की व्यापारिक और अन्य संगठनों समेत जनसमर्थन की उम्मीदें भी क्षीण हो गई हैं।
संसद से लेकर सड़क तक नोटबंदी के फैसले को वापस लेने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में बसपा, आप और वामदल जैसे कई दल एकजुट होकर मोदी पर दबाव बनाने का प्रयास करते आ रहे है, जिसके लिए सोमवार को आक्रोश दिवस के रूप में भारत बंद का आव्हान किया हुआ है। इस आक्रोश दिवस से पहले ही इस मुद्दे का विरोध कर रहे विपक्षी दलों की एकजुटता बिखरने लगी, जिसमें नोटबंदी के फैसले पर पीएम मोदी के फैसले का आरंभ से ही समर्थन कर रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि इस आक्रोश दिवस में जदयू हिस्सा नहीं लेगी। वहीं अभी तक विपक्ष की लामबंदी में शामिल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने भी खुद अपने राज्य में इसी मुद्दे पर लेμट पार्टियों की हड़ताल को गलत करार करते हुए इस विरोध को तगड़ा झटका दिया है। माना जा रहा है कि कुछ अन्य पार्टी में भी विपक्ष के बंटने की संभावनाओं से अपनी रणनीति बदल सकती हैं।
कांग्रेस ने बदला पैंतरा
संसद के शीतकालीन सत्र के दो सप्ताह की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व में हंगामा करते विपक्षी दलों की लामबंदी टूटने की स्थिति में कांग्रेस ने भी अपन पैंतरा बदला है। कांग्रेस आक्रोश दिवस से एक दिन पहले यह कहने को मजबूर हो रही है कि उनकी पार्टी ने सोमवार को 'भारत बंद' का आह्वान नहीं किया है और कांग्रेस नोटबंदी के मुद्दे पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने रविवार को ऐसा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल सोमवार को 'जन आक्रोश दिवस' मनाएंगे और देशभर में विरोध प्रदर्शन करेंगे, न कि भारत बंद।
असमंजस में सपा
समाजवादी पार्टी के विवादित नेता अमर सिंह देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद होते नजर आए, जिन्होंने मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि यह कालाधन, भ्रष्टाचार और नकली मुद्रा को खत्म करने का एक साहसिक प्रयोग है और एक देशवासी के तौर पर मुझे गर्व है कि हमें एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है, जो भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए समर्पित हैं। अमर सिंह ने दावा किया कि नोटबंदी के फैसले से अमीर और गरीब के बीच की खाई कम हुई है और अब लोग कर चोरी करने की बजाय कर अदा करेंगे। अमर सिंह ने यहां तक कहा कि इस फैसले से अब काला धन जमा रखने वालों की दिन का चैन और रात की नींद हराम हो गई है।
विपक्ष को नहीं मिला जनसमर्थन
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को राजनीतिक मुद्दा बनाने की विपक्षी दलों को दिल्ली के बाजारों की एसोसिएशनों ने समर्थन देने से साफ इन्कार कर दिया है, जो केवल इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत कराना चाहते हैं। दिल्ली के व्यापारियों के रुख को देखते हुए दिल्ली में सत्तारूढ़ और नोटबंदी की मुखर आलोचक आम आदमी पार्टी के ट्रेड विंग ने भी आक्रोश दिवस पर तटस्थ रुख अपना लिया है। विंग के संयोजक बृजेश गोयल का कहना है कि राष्टÑीय स्तर की ट्रेड विंग ने यह फैसला दिल्ली के व्यापारियों पर ही छोड़ा है कि वह क्या रुख अपनाते हैं, जो इस विरोध के पक्ष में नहीं हैं। यहां प्रमुख व्यापारियों ने स्पष्ट किया कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री के फैसले के साथ हैं। फेडरेशन आॅफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव ने साफ कर दिया है 28 नवंबर को सदर बाजार की सभी दुकानें खुली रहेंगी। वहीं भारतीय उद्योग व्यापार मंडल दिल्ली के महासचिव व नया बाजार में खाद्य तेल कारोबारी हेमंत गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के कारोबारी विपक्ष के भारत बंद के साथ नहीं है, क्योंकि नोटबंदी का यह देशहित में लिया गया फैसला है। वहीं चांदनी चैक सर्व व्यापार मंडल के महासचिव संजय भार्गव के मुताबिक नोटबंदी के बाद व्यापारियों को होने वाली समस्याओं को दूर करने की सरकार ने काफी कोशिशें की हैं। इसलिए दुकानदार विपक्ष के साथ नहीं है।
भारत बंद के समर्थन बेइमान: मनोज तिवारी
नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष द्वारा 28 नवंबर को बुलाए गए भारत बंद का कही समर्थन हो रहा है तो कहीं विरोध। इस बीच भोजपुरी गायक और उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने नोटबंदी का विरोध कर रहे लोगों पर कटाक्ष करते हुए कहा की ये वही लोग है जिन्हें तैयारी का पूरा मौका नहीं मिला। वहीं विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा की 28 तारीख को जो लोग भारत बंद में शामिल होने जा रहे है वो देश के बेईमान लोग है।
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नोटबंदी पर मोदी ब्रिगेड जानेगी लोगों का दर्द!
फीडबैक से होगा समस्या का हल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पैशल ब्रिगेड ने देश के कोने-कोने में जाकर इस बात का आंकलन लेना आरंभ कर दिया है, कि नोटबंदी के बाद आम लोगों की क्या परेशानियां आ रही हैं। बैंकों के सामने लाइनों में पैसा निकालने और जमा करने के लिए खड़ी भारी भीड़ को किस तरह की समस्याएं पेश आ रही हैं इसका भी आंकलन किया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय में नोटबंदी को लेकर बाकायदा अलग से सेल काम कर रहा है, जो देशभर से आए फीडबैक के आधार पर सभी सूचनाओं को वित्त मंत्रालय के बैंकिंग डिविजन व रिजर्व बैंक को प्रेषित करने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी के सांसदों के अलावा मोदी ने यह सामानांतर व्यवस्था की है ताकि सभी राज्यों से नोटबंदी के बाद सटीक जानकारी हासिल हो सके। नौकरशाहों को विशेष हिदायतें दी गई हैं कि वे स्वतंत्र फीडबैक दें, ताकि सरकार उसी अनुसार हालात सामान्य करने के लिए कदम उठा सके। मंत्रियों को मोदी ने दिल्ली में संसद सत्र के दौरान अलग तरह से सक्रिय रहने को कहा है। इसके तहत मंत्रियों को भाजपा व सहयोगी दलों के सांसदों से नोटबंदी से उपजे प्रश्नों व विपक्ष के प्रोपगेंडा का जवाब देने को कहा गया है।
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नोटबंदी के फैसले से नीलेकणि खुश
तीन महीने में होगा तीन साल का काम
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी आॅफ इंडिया के पूर्व चैयरमैन नंदन नीलेकणि नोटबंदी के सकारात्मक पहलू को देख रहे हैं। उन्होंने कहा है कि इससे इकॉनमी के डिजिटाइजेशन और वित्तीय समावेशन में तेजी आएगी।
इन्फोसिस के पूर्व सीईओ ने कहा कि समय की मांग यह है कि सामानों की खरीदारी कैशलेश करें। इस बदलाव के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना पहले से ही उपलब्ध है। लाखों स्मार्टफोन के साथ ही फीचर फोन यूजर्स भी आॅनलाइन पेमेंट के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूएसपी) का इस्तेमाल कर सकते हैं। फीचर फोन यूजर्स यूपीआई तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं और जिनके पास फोन नहीं है वे माइक्रो एटीएम पर पेमेंट के लिए अपने आधार कार्ड का प्रयोग कर सकते हैं। नीलेकणि ने इस बात की उम्मीद जताई कि सरकार माइक्रो एटीएम की संख्या मौजूदा 130,000 से बढ़ाकर 10 लाख करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कैशलेश ट्रांजैक्शन देश से दμतरशाही खत्म करेगी। मोदी सरकार ने उनकी विरासत (आधार) को आगे बढ़ाया है इसकी उन्हें इस फैसले से बेहद खुशी है कि इसे ना केवल अपनाया गया, बल्कि इसकी रμतार भी बढ़ाई गई है। उनका मानना है इस फैसले से तीन साल में होने वाला काम तीन महीने में पूरा हो सकेगा।
28Nov-2016


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