सोमवार, 21 नवंबर 2016

नोटबंदी पर संसद में गतिरोध खत्म होने के आसार नहीं!

सरकार की ओर से दोनों सदनों में आ सकता है बयान
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र में पहला सप्ताह की कार्यवाही नोटबंदी पर विपक्ष के हंगामे के कारण पटरी पर नहीं आ सकी। कल सोमवार से शुरू होने वाली कार्यवाही में भी इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष का तकरार खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि सोमवार को संसद के दोनों सदनो में सरकार की ओर से इस मुद्दे पर बयान दिये जाने की संभावना है। शायद इसीलिए भाजपा की ओर से अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया गया है।
संसद के शीतकालीन सत्र में पहले तीन दिन की कार्यवाही विपक्षी हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद अब कल सोमवार से दूसरे सप्ताह की कार्यवाही शुरू होगी। सरकार के पास इस सत्र के लिए जीएसटी जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयक के अलावा अन्य सरकारी कामकाज का बोझ है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कालेधन के खिलाफ मुहिम चलाने की दिशा में 500 और एक हजार के बड़े नोट अमान्य करने का विरोध कर रहे विपक्षी दल लामबंदी कर चुके हैं और इस फैसले को वापस लेने का संसद और संसद से बाहर लगातार विरोध करके दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलवाने के लिए सरकार इस प्रयास में है कि विपक्षी दलों के विरोध को बिना किसी दबाव के खत्म करके जरूरी कामकाज को अंजाम दिया जाए। हालांकि सोमवार को भी इस मुद्दे पर गतिरोध खत्म होने के आसार कम हैं, लेकिन सरकार नोटबंदी पर दोनों सदनों में बयान देकर विपक्ष को इस फैसले के तर्क देकर शांत करने का प्रयास करेगी। ऐसी संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि सरकार विपक्ष की मांग पर इस मुद्दे पर चर्चा कराके मतविभाजन कराए। भाजपा द्वारा दोनों सदनों में सोमवार से बुधवार तक अपनी पार्टी के सांसदों को कार्यवाही के दौरान मौजूद रहने के लिए जारी किये गये व्हिप से ऐसी ही संभावना के कयास लगाए जा रहे हैं।
सरकार का तर्क
संसद में नोटबंदी के फैसले का विरोध कर रहे विपक्षी दलों के विरोध पर सरकार का तर्क है कि यह फैसला कालेधन के साथ आतंकवाद, भ्रष्टाचार, नकली मुद्रा पर लगाम कसने का काम करेगा और इसके लिए विपक्षी दल भी पहले कार्यवाही करने की मांग करते रहे हैं। इसके वावजूद विपक्षी दलों का इस फैसले को वापस लेने का दबाव समझ से परे है। गौरतलब है कि संसद के सत्र के पहले ही दिन से इस फैसले के खिलाफ दोनों सदनों में हंगामा करके दोनों सदनों में कार्यवाही पूरी तरह से ठप रखा।
राज्यसभा में व्हिप 
राज्यसभा में सत्तापक्ष का बहुमत न होने के कारण नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी कर रहे एकजुट विपक्ष की रणनीति का जवाब देने के इरादे से भाजपा ने अपने सांसदों को सोमवार से तीन दिन के लिए सदन में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी किया है। इसकी वजह यह मानी जा रही है कि यदि सदन में मतदान की स्थिति आई तो ऐसे में सत्तापक्ष की मौजूदी की ज्यादा जरूरत होगी। दूसरे कारणों में राज्यसभा में पिछले दो दिनों में नोटबंदी के कारण लोगों की मौत और उरी आतंकी हमले में मौत में समानता वाली विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद की टिप्पणी से उत्पन टकराव की स्थिति से निपटने पर भी व्हिप का यह फैसला सरकार के पक्ष में होगा। आजाद की टिप्पणी पर भाजपा उनसे माफी मांगने की मांग कर रही है और विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी के संसद में चर्चा के दौरान मौजूद रहने की मांग कर रहा है।
संसद में आज
संसद में सरकार की ओर से सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में चार विधेयकों को पेश करने के लिए कार्यसूची में रखा है। लोकसभा में नौवाहनविभाग (क्षेत्राधिकार और का समझौता समुद्री दावा)विधेयक, 2016 और सरोगेट मां (विनियमन) विधेयक रखने निर्णय लिया गया है। जबकि राज्यसभा में मानव रोक्ष्म अल्पता विषाणु और अर्जित रोगक्षम अल्पता सरंक्षण निवारण और नियंत्रण विधेयक तथा कर्मचारी प्रतिकर संशोधन विधेयक को कार्यसूची में शामिल किया गया है। इसके अलावा दोनों सदनों में विभिन्न मंत्रालयों व विभागों से संबन्धित सरकारी कामकाज व समितियों की रिपोर्ट भी पेश की जानी है।
21Nov-2016

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