सोमवार, 7 नवंबर 2016

रिंगमेन सिस्टम पर बनेगा नया एक्सप्रेस-वे!

दिल्ली-जयपुर मार्ग पर नहीं लग सकेगा जाम

ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने दिल्ली-जयपुर के सफर को आसान बनाने के लिए 1500 करोड़ रुपये की जिस नए एक्सप्रेस-वे निर्माण की परियोजना को मंजूरी दे चुकी है, उसे रिंगमेन सिस्टम की तर्ज बनाने का फैसला किया है। मसलन रिंगमेन सिस्टम लागू होने के बाद यातायात जाम की समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश में सड़कों के निर्माण की परियोजनाओं के तहत दिल्ली-गुरुग्राम-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आए दिन यातायात जाम से ग्रस्त रहता है, जिसकी चिंता को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही इस हाइवे से अलग हटते हुए गुरुग्राम-मानेसर एक्सप्रेस-वे परियोजना को हरी झंडी दी है, जिसमें 1500 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया है। इस नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने के लिए सरकार ने रिंगमेन सिस्टम का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है, ताकि गुरुग्राम जैसे साइबर सिटी में एक्सप्रेस-वे एक रिंगमेन सिस्टम के रूप में दिखाई दे। मंत्रालय के अनुसार यह सिस्टम गुरुग्राम-मानेसर एक्सप्रेस-वे बनने के बाद पूरा किया जाएगा, जिसके बाद इस नए एक्सप्रेस-वे पर कभी लंबा यातायात जाम नहीं लग सकेगा। मसलन इस सिस्टम में एक एक्सप्रेस-वे पर जाम लगते ही तत्काल प्रभाव से यातायात को दूसरे एक्सप्रेस-वे पर परिवर्तित किया जा सकेगा। इस सिस्टम को लागू करने के लिहाज से एनएचएआई ने नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण का कार्य शुरू करा दिया है।
क्या है रिंगमेन सिस्टम
मंत्रालय के अनुसार वैसे रिंगमेन सिस्टम शब्द का उपयोग बिजली आपूर्ति व्यवस्था को लेकर विशेष रूप से किया जाता है। इस सिस्टम के माध्यम से सभी सब स्टेशन एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इससे एक तरफ से बिजली जाते ही दूसरी तरफ से चालू कर दी जाती है। गुरुग्राम जैसे साइबर सिटी में यातायात व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने ऐसी व्यवथा को तरजीह देने का फैसला किया है। दरअसल तीन एक्सप्रेस-वे को मिलाकर रिंगमेन सिस्टम बनाया जाएगा। मसलन गुरुग्राम-मानेसर एक्सप्रेस-वे बनने के बाद तीन एक्सप्रेस-वे हो जाएंगे। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे, द्वारका एक्सप्रेस-वे एवं गुरुग्राम-मानेसर एक्सप्रेस-वे। तीनों एक-दूसरे से जोड़े जाएंगे। यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली इलाके में दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित शिवमूर्ति से लेकर गुरुग्राम इलाके में खेड़की दौला टोल प्लाजा तक होगा।
ऐसे नियंत्रित होगा जाम
तीन एक्सप्रेस-वे से मिलकर बनने वाले रिंगमेन सिस्टम के परिणाम स्वरुप यदि सरहौल बॉर्डर के नजदीक जाम लगा हो, तो ट्रैफिक को शिवमूर्ति के नजदीक से द्वारका एक्सप्रेस वे पर या सरहौल बॉर्डर के नजदीक से बनने वाले गुरुग्राम-मानेसर एक्सप्रेस-वे की ओर मोड़ दिया जाएगा। इसी प्रकार यदि मानेसर के नजदीक यदि दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जाम लगता है तो एनएसजी कैंप से पहले ही इस यातायात को को गुरुग्राम-मानेसर एक्सप्रेस-वे पर परिवर्तित कर दिया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार एनएचएआइ ने गुरुग्राम बाईपस एक्सप्रेस-वे को आगे बढ़ाकर गुरुग्राम-मानेसर एक्सप्रेस-वे बनाने का निर्णय लिया है। पहले यह एक्सप्रेस-वे सरहौल बॉर्डर से शुरू होकर एंबियंस माल के पीछे से होते हुए नाथूपुर के सामने एमजी रोड तक बनाया जानाथा। रिंगमेन सिस्टम के तहत अब यह मानेसर स्थित एनएसजी कैंप से आगे जाकर दिल्ली-जयपुर हाईवे में ही मिला दिया जाएगा।
गडकरी की प्राथमिकता
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की दिल्ली-गुरुग्राम-जयपुर हाइवे को जाम फ्री करने की प्राथमिकता है, जो इस हाइवे पर खुद भी घंटो जाम में फंसकर शिकार हो चुके है। इसलिए खासकर गुरुग्राम जैसे साइबर सिटी को जामफ्री बनाने की दिशा में मौजूदा राष्टÑीय राजमार्ग के अलावा एक अन्य नया एक्सप्रेस-वे परियोजना तैयार करके पटरी पर उतारी है। मंत्रालय के अनुसार इस एक्सप्रेस-वे के पूरा होने के बाद मौजूदा हाइवे पर यातायात का दबाव बेहद कम हो जाएगा। इसके बावजूद फिर भी जाम की नौबत आने पर रिंगमेन सिस्टम के जरिए साइबर सिटी को जामफ्री रखने की योजना का अंजाम दिया गया है। इस परियोजना के तहत जल्द ही द्वारका एक्सप्रेस-वे का काम भी शुरू किया जाएगा, जिसके लिए दिल्ली क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
एक्सप्रेस वे से घटेगी दूरी
सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस-वे जैसी सड़क परियोजनाएं पूरी होने पर दूरी में भी कमी आएगी और सफर के दौरान समय की भी बचत होगी। दिल्ली-जयपुर के बीच इस नए एक्सप्रेसवे की परियोजना के बारे में गडकरी का कहना है कि इस परियोजना के पूरा होने से दिल्ली में इंदिरा गांधी हवाईअड्डे से शुरू होकर मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग-8 पर दौलतपुर में खत्म होगा, लेकिन इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली और जयपुर के बीच दूरी घटाने में मदद मिलेगी। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग-8 के गुडगांव-जयपुर खंड को छह लेन की करने की लंबित परियोजना पूरी होने को है जिसे आगामी दिसंबर में जनता को समर्पित कर दी जाएगी। हालांकि इस परियोजना के साथ ही सरकार ने दिल्ली-अमृतसर-कटरा परियोजना को भी मंजूरी दी है, जो हरियाणा के जिंद से होकर जाएगा। मसलन इन दोनों परियोजनाओं से हरियाणा को ज्यादा फायदा हो रहा है।
o7Nov-2016

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