मंगलवार, 29 नवंबर 2016

कर्मचारियों तक ऐसे पहुंचेगा वेतन!

सरकार आरबीआई के साथ बना रही है विशेष योजना
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने नोटबंदी के फैसले के बाद वेतन को लेकर बढ़ती सरकारी कर्मचारियों की चिंता को संज्ञान में लेते हुए योजना बनाना शुरू कर दिया है कि बैंकों में लगी लंबी कतारों से अलग कर्मचारियों को वेतन की राशि किस तरीके से पहुंचाई जाए।
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने नौकरीपेशें वालों की इस चिंता पर काम करना शुरू कर दिया है और योजनाओं पर विचार किया जा रहा कि नवबंर माह समाप्त होते ही वेतन वितरण की व्यवस्था किस योजना के तहत पूरी की जाए। गौरतलब है कि देशभर में जिस प्रकार से बैंकों में पुराने नोट जमा करने के लिए लंबी कतारे अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है, लिहाजा अपने वेतन को हासिल करने के लिए नौकरीपेशा करने वाले लोगों की चिंताएं स्वाभाविक हैं। शायद इसी समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने आरबीआई और बैंकों के साथ समन्वय कायम करके तैयारियों को तेज कर दिया है।
ऐसे हो रही हैं तैयारियां
सूत्रों के अनुसार सरकारी कर्मचारियों की जेब में वेतन की रकम पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एसएस मुंद्रा की अगुवाई में एक विशेष दल का गठन किया है और यह दल वेतन वितरण के नियत दिन तक ऐसी रणनीति व योजना बनाने में जुटा है कि कर्मचारियों के वेतन वितरण में कोई अडचन न आ सके। ऐसी रणनीतियों के तहत पिछले महीने के आंकड़ों के को आधार बनाकर यह आकलन किया जा रहा है कि इस महीने कितनी धनराशि की आवश्यकता होगी। सरकार की इस योजना में जिस इलाके में जितने पैसे निकाले जाते हैं, उसी आधार पर उस इलाके में नकदी भेजने पर विचार हो रहा है।
निजी कंपनियों को भी मिलेगी राहत
केंद्र सरकार निजी कंपनियों को भी अपने कर्मचारियों को वेतन का एक हिस्सा प्री-पेड कार्ड के रूप में देने के लिए मशक्कत कर रही है यानि कंपनियों के ऐसा करने पर नकदी की जरूरत कुछ कम हो सकेगी। ऐसी रणनीति में सरकार एटीएम के बाहर लाइन कम करने हेतु भी कुछ नए कदम उठाने की योजना बना रही है और इसके लिए सरकार 30 नवंबर तक 90 फीसद से ज्यादा एटीएम में अहम बदलाव करके उनमें 500 रुपये के नोट की आपूर्ति बढ़ाएगी। गौरतलब है कि अभी तक एटीएम में अभी तक एक खाते से एक दिन में अधिकतम 2500 रुपए ही निकाले जा सकते हैं। सरकार इसकी सीमा बढ़ाने का भी ऐलान कर सकती है।
29Nov-2016


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें