पीएम मोदी की मौजूदगी में नोटबंदी पर चर्चा
मनमोहन सिंह ने फैसले की गिनाई खामियां
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद
के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही अभी तक पटरी पर नहीं आ सकी है और नोटबंदी
के मुद्दे विपक्ष लगातार सरकार को घेरते आ रहा है, लेकिन गुरुवार को
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राज्यसभा में उपस्थिति से सरकार और विपक्ष
के गतिरोध टूटता नजर आया और इस मुद्दे पर अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाया गया। जब
पीएम भोजनावकाश के बाद सदन नहीं पहुंचे तो विपक्ष के हंगामे के कारण सदन
की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
संसद नोटबंदी के मुद्दे पर पिछले
छह दिन से ठप चल रही राज्यसभा की कार्यवाही में गुरुवार को उस समय गतिरोध
की बर्फ पिंघलती नजर आई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रश्नकाल के समय
सदन में आए और उन्होंने एक घंटे तक कार्यस्थगन प्रस्ताव पर फिर से शुरू
कराई गई चर्चा को बड़े गौर से सुना। भोजनावकाश के लिए स्थगगित हुई सदन की
कार्यवाही से पहले चर्चा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सदन में
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, भाजपा सांसद
भूपेन्द्र यादव, सपा सांसद नरेश अग्रवाल, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक अब्राहम
जैसे नेता अपना पक्ष रख चुके थे। भोजनावकाश के बाद पीएम मोदी सदन में नहीं
आए,तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी
पड़ी। विपक्ष के हंगामे पर सदन के बार जेटली ने विपक्षी दलों पर पलटवार करते
हुए पीएम के दोबारा सदन में न आने की बात करते हुए तर्क दिये कि जहां पूरा
देश नोटबंदी का स्वागत कर रहा है, वहीं विपक्ष विरोध करके जनता को गुमराह
करने का प्रयास कर रहा है।
इस अंदाज में पहुंचे पीएम
उच्च
सदन में गुरुवार को बारह बजे जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ काले रंग की बंडी
और सफेद चूड़ीदार पाजामा-कुरते में मोदी ने सदन में प्रवेश किया और सबसे
आगे की सीट पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के बगल में चुपचाप बैठ गए। सदन की
कार्यवाही शुरू हुई और नोटबंदी पर अधूरी चर्चा फिर से शुरू हो गई। सदन में
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन में आए हैं तो
वह पूरी चर्चा के दौरान उपस्थित रहें और चर्चा में हस्तक्षेप भी करें, अगर
ऐसा नहीं होता है तो हमारी पुरानी मांग बनी रहेगी। भोजनावकाश से पहले बसपा
नेता मायावती ने भी इसी बात को दोहराया। इसके जवाब में सदन के नेता जेटली
ने कहा कि अब कोई किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए, क्योंकि प्रधानमंत्री चर्चा
में हस्तक्षेप भी करेंगे।
मनमोहन ने गिनाई नोटबंदी की खामियां
पूर्व
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चर्चा के दौरान मोदी सरकार के नोटबंदी के
निर्णय को लागू करने के तरीके पर निशाना साधा और इसके कारण देशभर में जमकर
‘संगठित’ तथा ‘कानूनी लूट मार’ से आम आदमी को भारी परेशानियों का जिक्र
किया। सिंह ने राज्यसभा में नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर कई सवाल
दागे और यह भी साफ किया वह खुद और कांग्रेस पार्टी काले धन तथा भ्रष्टाचार
पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी के विरोध में नहीं है, लेकिन इसे लागू करने
के तरीके में सरकार की एक नहीं अनेक खामियां उजागार हो रही है, जो इस फैसले
की विफलता साबित करती हैं। सिंह ने कहा कि इस निर्णय के कारण आम आदमी को
हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री को रचनात्मक और
व्यवहारिक उपायों की घोषणा करनी चाहिए। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने
दलील दी है कि यह कदम काले धन पर अंकुश लगाने तथा आतंकवादियों को हो रही
फंडिंग रोकने के लिए उठाया गया है। वह इससे असहमत नहीं हैं लेकिन इस निर्णय
को लागू करने में सरकार ने भारी गलतियां की हैं और वह पूरी तरह विफल रही
है।
दो फीसदी के पास कालाधन
तृणमूल कांग्रेस के
नेता डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा में नोटबंदी पर सरकार की घेराबंदी करते
हुए कहा कि देश में केवल 2 फीसदी लोगों के पास ही काला धन है। तो फिर देश
के 98 प्रतिशत लोग क्यों इसकी वजह से परेशान हों। उन्होंने ये भी कहा कि हम
सुझाव देना चाहते हैं कि 500 के नोट को और अधिक समय तक इस्तेमाल करने की
इजाजत दी जाए।
नोटबंदी पर माया का समर्थन
राज्यसभा
में भोजनावकाश से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में बहस के
दौरान मौजूद रहे। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पीएम से इस मुद्दे पर बोलने की
मांग की। उन्होंने ये भी कहा कि वह नोटबंदी के फैसले के समर्थन में तो हैं
लेकिन इसे लागू करने के तरीके को गलत बताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी
चर्चा के दौरान सदन फिर मौजूद होकर विपक्ष की राय जाने।
पीएम का सर्वे झूठा: मायावती
बसपा
सुप्रीमो मायावती ने नोटबंदी के मुद्दे पर कहा कि आज विपक्ष को अच्छी
सफलता मिली है, लेकिन पूरी कामयाबी नहीं मिली। अभी प्रधानमंत्री का बोलना
बाकी है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी का सर्वे झूठा है और देश के 90
प्रतिशत पीएम के साथ नहीं बल्कि विरोध में हैं। अगर अभी चुनाव हो तो जवाब
मिल जाएगा।
28 तक बात नहीं करेगा विपक्ष
संसद
में नोटबंदी पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार की कोशिश को विपक्ष
ने झटका दिया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि विपक्षी दलों ने तय किया
है कि वो सरकार से इस मुद्दे पर 28 नवंबर तक कोई आत नहीं करेगा। दरअसल
सरकार की तरफ से गृहमंत्री ने सर्वदलिय बैठक बुलाई थी वहीं संसदीय कार्य
मंत्री अनंत कुमार भी विपक्ष से संपर्क साधने की कोशिश में थे, ताकि संसद
में चर्चा हो सके। यही कारण है कि संसद में लगातार जारी गतिरोध को दूर करने
के लिए अब सरकार आगे आई है और इसके लिए गृहमंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुलाई
थी लेकिन खबर है कि विपक्ष ने इस बैठक से दूरी बनाए रखी।
जेटली ने दी सफाई
राज्यसभा
में पीएम की गैरमौजूदगी पर विपक्ष के हंगामे पर सफाई देते हुए वित्तमंत्री
अरुण जेटली ने कहा कि पीएम सदन में इसलिए नहीं आए। देशभर के लोग नोटबंदी
का स्वागत कर रहे हैं, जबकि विपक्षी पार्टियां इस पर बेमतलब का हंगामा कर
रही हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कहने को कुछ नहीं है, इसलिए वो
चर्चा को टाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा नहीं
चाहता और जब प्रधानमंत्री सदन में पहुंचे तो विपक्ष आश्चर्य चकित रह गया।
जेटली ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर सकारात्मक चर्चा चाहती है ताकि गतिरोध
दूर हो सके। सरकार पहले सी सदन को फैसले के बारे में अवगत करा चुकी है।
जेटली ने मनमोहन पर किया पलटवार
संसद
के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने
सरकार का पक्ष रखते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला। वित्त मंत्री ने कहा कि
जिन लोगों को बड़े-बड़े घोटाले कभी ब्लंडर नहीं लगे उन्हें नोटबंदी ब्लंडर
नजर आ रही है। जो पार्टी एक वक्त में देश के सभी बड़े घोटाले का हिस्सा थी
आज नोटबंदी का विरोध कर रही है। जेटली ने कांग्रेस को निशाना बनाते हुए आगे
कहा कि उनकी सरकार में सबसे ज्यादा घोटाले हुए और काला धन देश में पैदा
हुआ। 2जी स्कैम और कोल स्कैम जैसे घोटाले उनके शासनकाल में ही हुए। पूरे
देश ने वो घोटले वाली सरकार भी देखी है जिसके राज में कालाधन पैदा हुआ था।
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राज्यसभा में विपक्षी नेताओं से ऐसे मिले पीएम मोदी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा
में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं चलकर विपक्षी नेताओं के पास गए और
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत विभिन्न दलों के नेताओं से काफी देर
तक बातचीत की। यही नहीं भोजनवकाश की घोषणा होने के बाद भी मोदी विपक्षी
दीघार्ओं में पहुंचकर विपक्षी नेताओं के साथ हंसी मजाक तक किया।
उच्च
सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह,
कांग्रेस नेता कर्ण सिंह, आनंद शर्मा आदि से ठहाकों के साथ बातचीत करते
देखे गये, जो सदन में आम तौर पर सदन में गंभीर मुद्रा में रहने वाले मनमोहन
का कुछ देर तक हाथ पकड़े रहे और दोनों को किसी बात पर हंसते हुए देखा गया।
मोदी ने इससे पहले जदयू नेता शरद यादव, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर,
कांगे्रस के सुम्बीरामी रेड्डी आदि से भी बातचीत की। उन्होंने बसपा प्रमुख
का हाथ जोड़कर अभिवादन किया और और जवाब में मायावती ने भी हाथ जोड़े। किंतु
दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। प्रधानमंत्री जब राकांपा नेता प्रफुल्ल
पटेल और द्रमुक की कनिमोजी से बात कर रहे थे, उसी समय विख्यात महिला बॉक्सर
एवं मनोनीत मैरीकॉम एवं मनोनीत संभाजी राव भी वहां पहुंचे। मोदी मैरीकॉम
और संभाजी राव के साथ काफी उत्साह से बात करते दिखे। इस दौरान उन्होंने
संभाजी के कंधे पर हाथ रखा हुआ था।
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संसद में सपा ने तोड़ी संसदीय मयार्दा
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पर फेंके कागज
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
नोटबंदी
को लेकर संसद में जारी गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को
विपक्षी समाजवादी पार्टी के सांसद अक्षय यादव ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा
महाजन पर कागज के टुकड़े फाड़कर फेंक दिए। इससे गुस्साई लोकसभा स्पीकर ने सदन
की कार्यवाही स्थगित कर दी। अक्षय यादव सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के
भतीजे और पार्टी के पूर्व महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे हैं।
जानकारी
मुताबिक लोकसभा में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सदन में कामकाज को सुचारू रूप
से संचालित करने की कोशिश कर रही थीं। इसी दौरान जब सदस्यों उनकी बात नहीं
मानी तो इसके बाद सुमित्रा महाजन ने नोटबंदी पर चर्चा के लिए सदन की
कार्यवाही स्थगित करने वाले नोटिस को रद्द कर दिया, जिससे विपक्षी खेमे में
भारी कोलाहल मच गया। शोर-शराबे को देखते हुए महाजन ने सदन की कार्यवाही
दिनभर के लिए स्थगित कर दी।लोकसभा अध्यक्ष महाजन जब लोकसभा की कार्यवाही 12
बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर आसन से उठकर जाने लगीं, तभी अक्षय
यादव ने कुछ कागज आसन की तरफ उछाले जिसमें से एक कागज अध्यक्ष सुमित्रा
महाजन पर भी आकर गिरा। बताया जा रहा है कि अक्षय यादव के इस व्यवहार के
खिलाफ सुमित्रा महाजन कार्रवाई कर सकती हैं। वह अक्षय यादव को कुछ दिन के
लिए या फिर पूरे सत्र के लिए प्रतिबंधित कर सकती हैं, यह पूरी तरह से
लोकसभा स्पीकर पर निर्भर करता है। सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू
होने के बाद दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद दोपहर 12 बजे
कार्यवाही शुरू होने पर भी जब हंगामा नहीं थमा तो इसकी कार्यवाही दिनभर के
लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद विपक्षी
दलों के सदस्य सदन की अध्यक्ष के आसन के पास इकट्ठा हो गए और नोटबंदी के
खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। अध्यक्ष ने सांसदों से अपनी सीटों पर जाने की
अपील की, लेकिन सदस्यों ने इसे अनसुनी कर दिया।
25Nov-2016
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