बुधवार, 16 नवंबर 2016

नोटबंदी पर छिडी सियासी जंग-बेनामी संपत्ति रखने वालों की अब खैर नहीं..

केंद्र ने कसी कानूनी शिकंजा कसने को कमर
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कालेधन के खिलाफ नोटबंदी के फैसले के बाद दिये गये संकेतों के आधार पर केंद्र सरकार ने बेनामी संपत्ति रखने वालों पर शिकंजा कसने के लिए कमर कसना शुरू कर दिया है। मसलन देशभर में लागू हो चुके रियल एस्टेट संबन्धी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए ऐसी बेनामी संपत्ति वालों के खिलाफ मुहिम चलाने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिसके कारण ऐसे लोगों पर नकेल कसना तय है।
मोदी सरकार ने पहले से ही रियल एस्टेट विनियमन विधेयक को गत एक नवंबर से लागू कर दिया है, जिसके जरिए घरो का सपना देखने वालों को बिल्डरों की मनमानी का शिकार नहीं होना पड़ेगा। वहीं सरकार ने लोगों की काली कमाई पर शिकंजा कसने के लिए नोटबंदी के कड़े फैसले की ही तरह से अब बेनामी संपत्ति को रडार पर ले लिया है। इस शिकंजे में ऐसे अकूत संपत्ति रखने वाले कानूनी में दावंपेंच में फंसने के मुहाने पर हैं, कालेधन को सफेद करने के लिए अपने ड्राइवरों और घरेलू नौकरों या किसी रिश्तेदारों के नाम जमीन खरीद लेते हैं। सरकार की सख्ती में अब नए कानून के लागू होने से बेनामी सम्पत्ति बनाने वालों लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी होना तय है, जिसका सरकार ने पहले ही संकेत दे दिया है। सरकार के प्रस्तावित फैसलों और इस कानून के तहत अब बेनामी संपत्ति का कारोबार करना संभव नहीं होगा। मोदी दो दिन पहले कह ही चुके है कि सरकार का अगला कदम बेनामी प्रॉपर्टी के खिलाफ होगा, जो भष्ट्राचार और कालेधन की सफाई के लिए देशहित को साधेगा।
मुश्किलों में बेनामी संपत्ति वाले
सुप्रीम कोर्ट के वकील एस.के. पॉल के मुताबिक बेनामी प्रॉपर्टी से निकलना लोगों के लिए बहुत मुश्किल होगा। लोगों को इन प्रॉपर्टी को छोड़ना होगा या इन पर भारी पेनल्टी देनी होगी। जिन ड्राइवर और नौकर के नाम पर ये प्रॉपर्टी खरीदी गई है उनको अपनी आय का स्रोत बताना पड़ सकता है। अगर वो नहीं बता सके तो उनको प्रॉपर्टी को त्यागना पड़ सकता है। मसलन जिन लोगों ने बेनामी संपत्ति खरीद ली है उनके लिए भी दिक्कत खड़ी होने वाली है। उनका इन प्रॉपर्टी से निकलना मुश्किल होगा।
क्या है बेनामी प्रॉपर्टी?
बेनामी का मतलब है बिना नाम के प्रॉपर्टी लेना। इस ट्रांजैक्शन में जो आदमी पैसा देता है वो अपने नाम से प्रॉपर्टी नहीं करवाता है। जिसके नाम पर ये प्रॉपर्टी खरीदी जाती है उसे बेनामदार कहा जाता है। जो व्यक्ति पैसे देता है घर का मालिक वही होता है। बेनामी सम्पत्तियों पर बना कठोर कानून प्रोहिबीशन आॅफ बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन्स एक्ट (पीबीपीटी) एक नवंबर से लागू हो चुका है। इस कानून में अवैध तरीके के बेनामी ट्रांजैक्शन पर रोक लगाने का सख्त प्रावधान किया गया है। बेनामी सम्पत्ति रखने वालों को सबसे बड़ी डरने वाली बात यह है कि अगर कोई बेनामी सम्पत्ति रखने का दोषी पाया जाता है,तो उसे सात साल तक के लिए जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ सकता है। वहीं जेल के साथ भारी जुमार्ना भुगतने की नौबत भी आ सकती है।
16Nov-2016

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