मंगलवार, 8 नवंबर 2016

अब अपनी सेवा और छवि सुधारेगा रेलवे!

भारतीय रेलवे ने मांगे तमाम रेलकर्मियों से सुझाव
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
भारतीय रेल का कायाकल्प करने में जुटी सरकार को जहां रेलवे को घाटे से उबारने की चिंता है, वहीं रेल यात्रियों के लिए रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों की छवि तथा रेलवे की सेवाओं में सुधार करने के लिए भी केंद्र सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाया है, जिसके लिए रेलवे में देशभर के अधिकारियों समेत करीब 13 लाख से ज्यादा कर्मचारियों से सुझाव मांगे गये हैं।
मोदी सरकार रेलवे को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के साथ रेलवे की कायाकल्प की परियोजनाओं को लागू कर रही है, जिसमें यात्रियों की सुविधाओं में सुधार के साथ रेलवे के आधुनिकीकरण करने की दिशा में रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियोें से लेकर गैंगमैन तक को रेलवे की परियोजनाओं में भागीदार बनाने का प्रयास किया जा रहा है। रेल मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो रेल मंत्री सुरेश प्रभु के सामने रेलवे के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक के व्यवहार और उनकी छवि को लेकर बन रही तस्वीर को पारदर्शी रूप से सुधारने पर जोर दिया है। इसके लिए रेलवे की सेवाओं में सुधार के साथ रेलवे की छवि को सुधारने की दिशा में काई दिशानिर्देश तैयार करने से पहले रेलवे ने एक सरकुलर जारी करके तमाम रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों को सुझाव देने को कहा है। मसलन रेलवे की छवि और सेवाओं में सुधार करने के लिए देशभर में 17 रेलवे जोनों के महाप्रबंधकों से लेकर गैंग मैन तक से इस दिशा में सुझाव मांगे गये हैं। रेलवे प्रशासन का कहना है कि इन सुझावों को मकसद भारतीय रेल को हर स्तर से सुधार के साथ विश्व स्तर रेल बनाना है। रेलवे के अनुसार इससे पहले भी रेलवे प्रशासन ने रेलवे की अर्थव्यवस्था में सुधार और रेलवे के आधुनिक विकास की दिशा में सुझा मांगे थे, जिसके तहत रेल मंत्री सुरेश प्रभु के समक्ष एक लाख से जयादा सुझाव आए।
योजनाओं पर अमल होगा
रेल प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि भारतीय रेल के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि देशभर में फैले रेलवे कर्मचारियों को निर्णायक योजनाओं में सामूहिक रूप से सहभागी बनाने की परंपरा शुरू हुई है। इसका मकसद रेलवे का कायाकल्प और रेलवे में पारदर्शिता के साथ रेलवे को मुनाफे में लाना और रेलवे का आधुनिकीकरण करना है, जिसके लिए सरकार ऐसे बेहतर सुझावों को रेलवे की योजनाओं में शामिल करके उनका कार्यान्वयन करने की तैयारी में है। 
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रह चुके एसएस खुराना का कहना है कि रेल मंत्री की यह परंपरा रेलवे को बुलंदियों तक पहुंचाने में कामयाब हो सकती है, जिसमें पहली बार रेलवे ने तमाम कर्मचारियों से लीक से हटकर उनके अनुभव और सुधार की दिशा में सोच कायम करने को कहा गया है। वास्तव में भारतीय रेल ने खुद की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने और आधुनिकीकरण के मकसद से यह कदम उठाया है। खुराना का कहना है कि यह हकीकत है कि रेलवे को माल ढुलाई से ज्यादा आर्थिक नुकसान हो रहा है, जिसके साथ रेल यात्रियों से हो रही कमाई को बढ़ाने के लिए भी सरकार को ठोस रणनीति के साथ परियोजना शुरू करना जरूरी होगा।
सर्वोत्तम सुझावों का प्रस्तुतिकरण
रेलवे प्रशासन के अनुसार रेलवे का आगामी 18 से 20 नवंबर तक सूरजकुंड में रेलवे का तीन दिवसीय ‘विकास शिविर’ आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री सुरेश प्रभु की मौजूदगी में सर्वश्रेष्ठ सुझावों को सार्वजनिक करके इनका प्रस्तुतिकरण भी किया जाएगा। ऐसे सुझावों का चयन करने के लिए पहले से ही रेल मंत्री ने सात संयुक्त सचिवों का एक दल गठित कर रखा है, जो आने वाले सुझावों की छंटनी करके उनमें से सर्वोत्तम सुझावों का चयन भी करता है। इससे पहले रेलवे के कायाकल्प और आधुनिकीकरण की योजनाओं पर भी आए एक लाख से ज्यादा सुझावों में 15 सर्वोत्तम सुझाव चयनित किये जा चुके हैं। इनके साथ ही रेलवे की छवि और सेवा में सुधार के लिए आने वाले सुझावों की छंटनी करके सर्वोत्तम सुझावों का चयन करेगा। ऐसे सभी सर्वोत्तम सुझाव पर रेलवे अमल करने के लिए एक खाका तैयार करेगी।
08Nov-2016

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