सोमवार, 14 नवंबर 2016

संसद का शीतकालीन सत्र: जीएसटी समेत दर्जनभर विधेयक होंगे पेश

कई मुद्दों पर सरकार व विपक्ष होगा आमने-सामने
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की प्राथमिकता वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संबन्धी तीनों विधेयको को पारित कराना सबसे पहली प्राथमिकता है, लेकिन इसके अलावा सामाजिक और अर्थव्यवस्था से जुडे विधेयक करीब एक दर्जन विधेयक पेश किये जाएंगे। वहीं कालेधन के खिलाफ पीएम मोदी के कड़े फैसले यानि नोटबंदी, पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक, तीन तलाक और सिमी के आतंकियों की मुठभेड के साथ कई मुद्दो पर विपक्ष लामबंदी करके सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। सरकार भी विपक्षी दलों को माकूल जवाब देने की तैयारी के साथ संसद में आएगी।
संसद के 16 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में सरकार ने पहले से लंबित महत्वपूर्ण विधेयकों के अलावा करीब एक दर्जन और विधेयक पेश करने पर विचार किया है, लेकिन केंद्र सरकार की जीएसटी से जुड़े तीन विधेयकों को पारित कराना सबसे पहली प्राथमिकता होगी। जाहिर सी बात है कि सरकार आगामी एक अप्रैल को हर हालत में जीएसटी कानून को लागू करना चाहती है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संबन्धित विधेयक तीन हिस्सों में होंगे, जिसमें केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, समन्वित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर (राजस्व के नुकसान का मुआवजा) विधेयक शामिल है। जीएसटी की ज्यादातर दरों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। सूत्रों के अनुसार इसके अलावा सरकार सरगोसी को लेकर भी किराये की कोख (नियमन) विधेयक पेश करेगी, जिसमें किराये की कोख संबंधी राष्ट्रीय बोर्ड, किराये की कोख संबंधी राज्य स्तरीय बोर्ड और किराये की कोख की प्रक्रिया एवं चलन के नियमन के लिए उपयुक्त प्राधिकार की नियुक्ति और इससे जुड़े मामले शामिल हैं। इसके अलावा तलाक संशोधन विधेयक,भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक, भारतीय प्रबंध संस्थान विधेयक, सांख्यिकी एकत्रीकरण संशोधन विधेयक, संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, नौसेना अधिकरण (नौवहन अधिकार क्षेत्र एवं दावों के निपटारा) जैसे महत्वपूर्ण विधेयक शामिल है। वहीं सरकार देश में सड़क सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था दुरस्त करने की दिशा में मोटर वाहन (संशोधित)विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगी। तो शत्रु संपत्ति अध्यादेश के विकल्प के रूप में विधेयक पेश करने का प्रयास होगा। सत्र के दौरान आने वाले ऐसे विधेयकों में पहले से ही लोकसभा और राज्यसभा में लंबित मानसिक स्वास्थ्य देखरेख 2016 और मातृत्व लाभ संशोधन विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगी। खाद्य पदार्थो में मिलावट रोकने संबन्धी कानून संबन्धी विधेयक का मसौदा भी सरकार के पास तैयार है। संसद में इसके अलावा वित्तीय कार्यो में सत्र के दौरान 2016-17 के लिए दूसरी अनुदान की अनुपूरक मांग (सामान्य) और 2013-14 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांग संबंधी प्रस्ताव पेश किया जाएगा और इस पर चर्चा एवं मतविभाजन होगा।
सांसदों को मिल सकता है तोहफा
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्र सरकार की विपक्ष के साथ तालमेल व सहयोग की अपेक्षा को देखते हुए सांसदों के वेतन व भत्तो में बढ़ोतरी संबन्धी संसद की संबन्धित समिति और संयुक्त समिति की सिफारिशों के आधार पर सांसदों के वेतन-भत्ते संबन्धी विधेयक को भी प्राथमिकता दिये जाने की संभावना है।
सरकार की घेराबंदी पर लामबंदी
संसद के शीत कालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा होगी, जिसमें विपक्षी दल सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे। विपक्षी दल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सेना द्वारा आतंकवादी हमलों की सर्जिकल स्ट्राइक, तीन तलाक व समान नागरिक संहिता से ज्यादा मौजूदा नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे। सूत्रों के अनुसार ऐसे मुद्दो पर सरकार की घेराबंदी करने के लिए विपक्ष लामबंदी करने में जुटे हैं। दूसरी ओर केंद्र सरकार भी विपक्ष को हर मुद्दे का माकूल जवाब देने की रणनीति तैयार कर चुकी है।
काम रोको प्रस्ताव का नोटिस
संसद में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने 500 एवं 1000 रुपये के नोट को बंद किये जाने के कारण उत्पन्न आर्थिक अव्यवस्था को देखते हुए सत्र के पहले दिन काम रोको प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है। राज्यसभा में पार्टी के उपनेता आनंद शर्मा ने नियम 267 के तहत यह नोटिस दिया है। तो वहीं लोकसभा में कांग्रेस नेता मलिकार्जुन खडगे ने ऐसा ही नोटिस दिया है।
आज होगी पहली सर्वदलीय बैठक
शीतकालीन सत्र के पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 14 नवंबर की शाम को और सरकार ने 15 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलायी है। आमतौर पर शीतकालीन सत्र नवम्बर के तीसरे सप्ताह में होता है, लेकिन जीएसटी एवं कुछ अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के लिए इस बार शीतकालीन सत्र समय से पहले बुलाया गया है।
14Nov-2016

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