ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश
 में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में जहां सड़कों का जाल बिछाकर 
केंद्र सरकार देश के राष्ट्रीय राजमार्गो का विस्तार करने में तेजी से आगे 
बढ़ रही है, वहीं बंदरगाहों के अत्याधुनिक विकास और विस्तार के जरिए समुद्री
 परिवहन को भी बुनियादी और आर्थिक ढांचे को सुधारने की परियोजनाओं को पटरी 
पर उतारा गया है।
यह जानकारी गुरुवार को यहां शुरू हुए आर्थिक 
संपादकों के सम्मेलन में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा जहाजरानी 
मंत्री नितिन गडकरी ने देते हुए कहा कि सरकार ने सड़क और जहाजरानी क्षेत्र 
में अगले पांच साल की परियोजनाओं का खाका तैयार किया जा चुका है। उन्होंने 
कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार 25 लाख करोड़ रुपये का निवेश 
जुटाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि सड़क और जहाजरानी क्षेत्र में 
चार लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को आवंटित किया जा चुका है, जिनमें से 
3.17 लाख करोड़ रुपये सड़क क्षेत्र और 80 हजार करोड़ रुपये समुद्री क्षेत्र की
 परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए निर्माण
 कार्य में अंतर्राष्ट्रीय मानकों और बेहतर तकनीक अपनाई जा रही है।
सागरमाला बनेगा वरदान
जहाजरानी
 क्षेत्र में सागरमाला कार्यक्रम के जरिए देश में एक्जिम और घरेलू व्यापार 
के लिए जीडीपी दर सुधारने की दिशा में प्रतिवर्ष 40 हजार करोड़ की लागत को 
35 हजार करोड़ रुपये तक कम करने की दिशा में करीब 12 लाख रुपये की लागत वाली
 विभिन्न परियोजनाओं का खाका तैयार किया गया है, जिसमें बंदरगाह की 
कनेक्टिविटी, मौजूदा बंदरगाहों के आधुनिकीकरण बढ़ाने और नए लोगों के विकास 
के लिए परियोजनाओं में शामिल हैं, बंदरगाह औद्योगीकरण और तटीय सामुदायिक 
विकास जुड़ा हुआ है। देश में प्रमुख एक दर्जन बंदरगाहों के विकास के अलावा 
छह और नए बंदरगाह विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। गडकरी ने कहा कि 
बंदरगाहों के विकास और उनके संपर्कमार्ग को सड़क व रेलवे मार्ग से जोड़ने की 
योजनाएं जारी है, जिसमें नौ बंदरगाहों में 25 लास्ट माइल कनेक्टिविटी हेतु 
भारतीय पोर्ट रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड 27 रेल संपर्क परियोजनाओं को पूरा 
करेगा। वहीं 79 सड़क संपर्क परियोजनाओं को एनएचएआई ने 18 परियोजनाओं का 
जिम्मा संभाला है।
नेशनल हाइवे का हुआ विस्तार
केंद्रीय
 मंत्री गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में राष्ट्रीय राजमार्गो के 
विस्तार में उसकी लंबाई को दो लाख किलोमीटर करने का लक्ष्य तय किया है, 
जिसमें सरकार अभी तक पहले से मौजूद 96 हजार किमी राष्ट्रीय राजमार्गों की 
लंबाई को बढ़कर 1.65 लाख किलोमीटर करके इस संबन्धी परियोजनाओं को पूरा कर 
चुकी है। उन्होंने कहा कि जब राजग सरकार सत्ता में आई थी तो देश में 
प्रतिदिन दो-तीन किमी सड़क का निर्माण हो रहा था, जो फिलहाल करीब 25 
किलोमीटर प्रतिदिन तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन सड़क निर्माण
 के काम को सरकार 42 किलोमीटर सड़क प्रतिदिन के निर्माण का लक्ष्य हासिल 
करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2016-17 में 
अक्टूबर तक उनका मंत्रालय 3591 किमी राजमार्गो का निर्माण कर चुका है, जबकि
 मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार का लक्ष्य 15 हजार किलोमीटर राजमार्ग का 
निर्माण करने का है। उन्होंने दावा किया कि राजग सरकार ने अपने अब तक के 
कार्यकाल में देश में 14,594 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण पूरा करा चुकी
 है, जबकि 21,247 किलोमीटर सड़क निर्माण की परियोजनाएं आवंटित की जा चुकी 
है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता सूची में पूर्वोत्तर के ढांचे में
 सुधार भी शामिल हैं, जहां एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं के जरिए 
राजमार्गो और प्रमुख सड़क मार्गो का निर्माण किया जा रहा है।
सुधरेगी दिल्ली परिवहन व्यवस्था
केंद्रीय
 मंत्री गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जाम और यातायात 
व्यवस्था को सुधारने की दिशा में सरकार ने बड़ी परियोजनाएं तैयार की है, 
जिनमें दिल्ली को एक रिंग रोड़ से कवर करने की दिशा में दो महत्वपूर्ण सड़क 
परियोजनाएं शुरू की जा चुकी है, जिसमें पलवल से सोनीपत तक पूर्वी और सोनीपत
 से पलवल तक पचिमी पेरिफेरिल एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अगले सात महीने 
में पूरा होने की संभावना है। इस परियोजना से यूपी से हरियाणा या अन्य 
राज्यों के वाहनों को दिल्ली में घुसने की जरूरत नहीं पड़ेगी और इस 
एक्सप्रेस-वे के जरिए किसी भी राज्य में आवागमन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि
 देश में इसी प्रकार की कई एक्सप्रेस-वे की परियोजनाओं का काम जारी है और 
करीब एक दर्जन एक्सप्रेस-वे की परियोजनाएं शुरू करने के लिए डीपीआर तैयार 
हो रही हे, जिसके बाद जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।
11Nov-2016 

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