राष्ट्रपति 31 अक्टूबर
को देंगे सरदार पटेल राष्ट्रीय
एकता पुरस्कार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा पद्मश्री की तरह
सरदार पटेल के नाम से शुरू किये गये सर्वोच्च नागरिक
पुरस्कार ‘सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार’ लौह
पुरुष सरदार पटेल की जयंती पर 31 अक्टूबर को राष्ट्रपति रामनाथ
कोविंद द्वारा प्रदान किया जाएगा।
गृहमंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते
हुए बताया कि भारत सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर भारत की एकता और अखंडता
के क्षेत्र में योगदान के लिए सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा
पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर आगामी 31 अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन में आयोजित
पद्म पुरस्कार समारोह के साथ ही एक पुरस्कार समारोह में दिया जाएगा। सरदार बल्लभ भाई
पटेल की जयंती की जयंती को इस दिन राष्ट्रीय एकता दिवस में रूप में मनाया जाएगा। इस
पुरस्कार को शुरू करने के लिए गृहमंत्रालय पहले ही अधिसूचना जारी कर चुका है। इस पुरस्कार
का मकसद राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देने और एक मजबूत और अखण्ड भारत के
मूल्य को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय और प्रेरक योगदान के लिए सम्मानित करना है। मंत्रालय
के अनुसार यह पुरस्कार राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और मुहर के तहत एक सनद के तौर
पर प्रदान किया जाएगा। इस पुरस्कार में एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र होगा। इस
पुरस्कार के साथ कोई भी मौद्रिक अनुदान या नकद पुरस्कार संबद्ध नहीं होगा। एक वर्ष
में तीन से अधिक पुरस्कार नहीं दिए जाएंगे। यह अति असाधारण और अत्यधिक सुयोग्य
मामलों को छोड़कर मरणोपरांत प्रदान नहीं किया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रपति
को इस सम्मान को वापस लेने,
देने
से इंकार करने और उसे रद्द करने का अधिकार होगा। ऐसी स्थिति में सम्मान पाले वाले
व्यक्ति/संस्था का नाम रजिस्टर से काट दिया जाएगा। ऐसे में सम्मान पाने वाले को
पदक और सनद लौटाना होगा।
समिति करेगी पात्र व्यक्ति व
संस्था का चयन
मंत्रालय के अनुसार
सरदार
पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार भारतीय नागरिक या संस्था या संगठन इस पुरस्कार के
लिए विचारार्थ किसी व्यक्ति को दिया जाएगा जिसके चययन के लिए प्रधानमंत्री द्वारा
एक पुरस्कार समिति का गठन किया जाएगा,
जिसमें
सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिव,
प्रधान
मंत्री के प्रधान सचिव, राष्ट्रपति के
सचिव, गृह सचिव और
प्रधानमंत्री द्वारा चुने गए तीन-चार प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होंगे। इसके लिए नामांकन
प्रति वर्ष आमंत्रित किए जाएंगे। आवेदनों को गृह मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से
डिज़ाइन की गई वेबसाइट पर ऑनलाइन फाइल करना आवश्यक होगा। धर्म, प्रजाति, जाति, लिंग, जन्म स्थान, आयु या व्यवसाय के भेदभाव के बिना भारत का कोई भी नागरिक और
कोई भी संस्था/संगठन, इस पुरस्कार के
लिए पात्र होगा। भारत में स्थित कोई भी भारतीय नागरिक या संस्था या संगठन इस
पुरस्कार के लिए विचारार्थ किसी व्यक्ति को नामांकित कर सकता है। व्यक्ति स्वयं को
भी नामांकित कर सकते हैं। राज्य सरकारें,
संघ
राज्य क्षेत्र प्रशासन और भारत सरकार के मंत्रालय भी नामांकन भेज सकते हैं।
26Sep-2019
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