निजी सुरक्षा एजेंसियों के लाइसेंसिंग पोर्टल की हुई शुरूआत
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार ने देश में निजी सुरक्षा गार्डों के प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था के साथ उन्हें केंद्र
सरकार की जन-धन योजना,
सामाजिक
सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने
की वकालत की है, जिससे निजी सुरक्षा एजेंसियों की
विश्वसनीयता बढ़ेगी।
यह बात मंगलवार को नई दिल्ली में निजी सुरक्षा
एजेंसियों के लाइसेंसिंग पोर्टल के लोकार्पण करते हुए कही है। उन्होंने कहा
कि निजी सुरक्षा रक्षकों का देश की सुरक्षा में दिये जा रहे महत्वपूर्ण योगदान को नजरअंदाजन नहीं किया जा
सकता है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के
देश की 5 ट्रिलियन इकोनामी
के संकल्प के लिए निजी सुरक्षा एजेंसियों को तत्पर रहने की जरूरत है,
क्योंकि निजी सुरक्षा रक्षक ही फर्स्ट लाइन आफ रिस्पांडर होते हैं और
पहली लाइन जितनी चुस्त-दुरुस्त होगी दूसरी तथा तीसरी लाइन का काम उतना ही आसान होगा।
उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों से कहा कि निजी सुरक्षा
गार्डों के प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए, जिसमें सुरक्षा गार्डों के थानों
के साथ सामंजस्य और संवाद होना चाहिए। वहीं आधुनिक
तकनीकी प्रणालियों के साथ गार्डो का प्रशिक्षण भी
बेहद जरूरी है। शाह ने कहा कि देश में लगभग 90
लाख निजी सुरक्षा गार्ड हैं, जबकि पुलिस और अर्धसैनिक बल कर्मियों
की संख्या लगभग 30 लाख है। इसका मतलब है कि 24 प्रतिशत पुलिसकर्मी और 76 प्रतिशत निजी सुरक्षा गार्ड
हैं।
रोजगार
की बढ़ेंगी संभावनाएं
शाह ने यह भी कहा कि देश में निजी सुरक्षा एजेंसियों
के जरिए रोजगार के सृजन की अपार संभावनाओं में निजी सुरक्षा एजेंसियों
के इस पोर्टल की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अमित शाह ने कहा कि
बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक इन एजेंसियों के माध्यम से कार्य कर रहे हैं और एनसीसी
तथा स्किल इंडिया सर्टिफिकेट धारकों को रोजगार में प्राथमिकता दी जानी चाहिये। इससे
सुरक्षा एजेंसियां विश्वसनीयता हासिल करेंगी और उनका व्यापार भी बढ़ेगा। शाह ने
कहा कि इस पोर्टल के अनेक फायदे हैं और 90 दिन के अंदर सभी भारतीय भाषाओं में यह पोर्टल
उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में इस तरह के नियम बनाये जायेंगे कि पोर्टल
का अखिल भारतीय स्वरूप हो तथा एक राज्य में रजिस्टर एजेंसी के लिए दूसरे राज्य में
कार्य करना आसान हो। शाह ने कहा कि निजी सुरक्षा गार्डों के पुलिस वेरिफिकेशन में काफी
समय लगता था किंतु अब 90
फीसदी से ज्यादा थाने ऑनलाइन हैं, जिससे गार्ड के बारे में समस्त जानकारी प्राप्त
की जा सकती है। शाह ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से जनता को
सूचना प्राप्त होगी कि उनके शहर में कितनी सुरक्षा एजेंसियों को लाइसेंस प्राप्त है
जिससे उनका विश्वास और मजबूत होगा।
निजी
सुरक्षा एक्ट का कार्यान्वयन चुनौती
इस मौके पर गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने
कहा कि निजी सुरक्षा एक्ट पर कार्यान्वयन एक चुनौती है जिसे हासिल करने में इस पोर्टल
की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि बिना लाइसेंस वाली
तथा गैर कानूनी संस्थाओं पर रोक लगनी चाहिए। उनका यह भी कहना था कि सुरक्षा एजेंसियों
के माध्यम से बड़ी संख्या में रोजगार सृजन हो रहा है जो आने वाले दिनों में और बढ़ेगा।
समारोह में गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने कहा कि निजी सुरक्षा उद्योग
लाखों लोगों को सुरक्षा देता है,
जिसके लाइसेंस की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिये इस पोर्टल का निर्माण किया गया है।
प्रत्येक राज्य का अलग नियम है जिसे सुव्यवस्थित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सिंगल
विंडो सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के नियंत्रण अधिकारियों के
साथ विचार-विमर्श कर पोर्टल का निर्माण किया गया है जिसमें आवेदन की प्रक्रिया तथा
लंबित अवधि आदि पर निगरानी रखी जा सकेगी।
25Sep-2019
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