आज जारी हो सकती है प्रत्याशियों की पहली सूची
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मादी की मौजूदगी में
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की ब्नैठक में रविवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव के
लिए सभी 90 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप दे दिया है। इनमें 54 प्रत्याशियों को पीएम मोदी ने अंतिम मुहर लगा दी है, लेकिन समाचार लखिे जाने तक भाजपा ने अभी इनकी घोषणा नहीं की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में
हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पहले चरण के लिए 54 सीटों
के लिए प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लग गई। इनकी घोषणा कभी भी हो सकती है। शेष बची
सीटों के लिए भी समिति कोई बैठक नहीं करेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को शेष सीटों
पर प्रत्याशी घोषित करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार कुछ सीटों
पर पेच फंसा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसका समाधान निकालते हुए जल्द शाह को रिपोर्ट
देंगे, जिसके बाद प्रत्याशियों की सूची जारी हो जाएगी। रविवार
शाम पांच बजे से रात्रि आठ बजे तक भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय में हरियाणा विधानसभा
चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशी तय करने को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति की प्रधानमंत्री
की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई। पहले हरियाणा पर चर्चा हुई, उसके बाद महाराष्ट्र पर। संभावना है कि देर रात तक हरियाणा के प्रत्याशियों
की सूची जारी हो जाए।
बैठक से निकलने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल
सीधे हरियाणा भवन पहुंचे। वहां उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह और
कृष्णपाल गुर्जर को तलब किया। गुर्जर अपने दिल्ली स्थित निवास 8 तुगलक लेन
से सीएम का संदेश मिलते ही करीब दस मिनट में हरियाणा भवन पहुंच गए, जबकि राव इंद्रजीत नहीं पहुंचे। गुर्जर व सीएम के बीच एकांत में चर्चा होती
रही। बताया जा रहा है कि सीएम ने गुर्जर के साथ घंटे भर विस्तृत चर्चा की। सूत्र बताते
हैं कि प्रधानमंत्री की तरफ से गुर्जर को फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र की सभी नौ विधानसभा
सीटों पर महत्व देने का आश्वासन दिया गया है।
कुछ सीटों पर उलझन में भाजपा
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के साथ बैठक
से पहले पार्टी मुख्यालय में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन,
चुनाव प्रभारी नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेशाध्यक्ष
सुभाष बराला के बीच करीब दो घंटे तक चर्चा हुई। इस बैठक में भी केंद्रीय मंत्रियों,
सांसदों के परिजनों को टिकट दिए जाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। हालांकि
अमित शाह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों के परिजनों को
टिकट भले न दिए जाएं, लेकिन उनके लोकसभा क्षेत्र में टिकट वितरण
में उनकी राय को महत्व दिया जाए। यही कारण रहा कि मुख्यमंत्री ने बैठक खत्म होते ही
सबसे पहले कृष्णपाल गुर्जर को हरियाणा भवन बुलाया। राव इंद्रजीत के कड़े तेवरों से
सीएम व अन्य वरिष्ठ नेता खासे नाराज हैं।
30Sep-2019
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें