सोमवार, 30 सितंबर 2019

आधुनिक डिजाइन से खादी का बाजार मजबूत करने की कवायद


सरकार का राष्ट्रीय डिजाइन व उत्पाद विकास केन्द्रों की स्थापना का प्रस्ताव    
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार खादी के डिजाइन को आधुनिक बनाकर उसके विश्व बाजार को मजबूत करने की कवायद में जुट गई है। मसलन भारतीय खादी उद्योग की चमक दुनियाभर में बढ़ाने के मकसद से सरकार ने देशभर में राष्ट्रीय डिजाइन उत्पाद विकास केंद्रों को स्थापित करने का प्रस्ताव किया है।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने इस मंत्रालय के अंतर्गत खादी और ग्रामद्योग आयोग (केवीआईसी) के देश में राष्ट्रीय डिजाइन और उत्पाद विकास केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव पर विचार विमर्श करने के लिए बुधवार को मंत्रालय के अधिकारियों और देश के मशहूर फैशन डिजाइनरों की बैठक की। इस बैठक में एमएसएमई सचिव डॉ. अरुण कुमार पांडा, वस्त्र सचिव रवि कपूर, खादी और ग्रामद्योग आयोग के अध्यक्ष वी.के. सक्सेना, जानी-मानी डिजाइनर सुश्री ऋतु बेरी, रोहित बल, जे.जे. वलाया, राघवेन्द्र राठौर तथा एमएसएमई और वस्त्र मंत्रालय, केवीआईसी, राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी), राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान (एनआईएफटी) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस मौके पर बैठक की अध्यक्षता करते हुए गडकरी ने कहा कि खादी के उत्पाद और बिक्री को अधिक से अधिक बढ़ाने और इसे वैश्विक ब्रांड बनाने के लिए डिजाइन को परम्परा से समझौता किए बिना आधुनिक  बनाने की जरूरत है। उत्पाद डिजाइन को उपभोक्ताओं की पंसद और मांग से जोड़ा जाना चाहिए और इसमें स्थानीय, क्षेत्रीय वरीयताओं और मौसम की आवश्यकताओँ को ध्यान में रखा जाना चाहिए। प्रस्तावित डिजाइन घर खादी संस्थानों को बाजार की मांग के अनुसार उत्पाद विकसित करने में मदद करेंगे। डिजाइन घर की प्राथमिक भूमिका नवीनतम डिजाइन की पहचान करना, उपभोक्ताओं की आवश्कता के अनुसार उसको अपनाना और उत्पादन के लिए विभिन्न तरह की जांच और समीक्षा करना होगा। डिजाइन घर खादी को उपभोक्ताओं का विश्वास प्राप्त करने में मददगार होंगे। खादी और ग्राम उद्योग आयोग का प्रस्ताव पूर्वोत्तर क्षेत्र में डिजाइन केन्द्र स्थापित करने के अलावा देश के पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिण भागों में एक-एक केन्द्र स्थापित करने का है।
जल्द आएगी खादी नीति
मंत्रालय के अनुसार सरकार खादी को नीतिगत तरीके से बढ़ावा देने के लिए अगले तीन महीने के अंदर खादी नीति लेकर आएगी। अब तक सिर्फ कुर्ते-पायजामे या बुजुर्गों के पहनावे तक सीमित खादी को ग्लोबल ब्रांड बनाने के मकसद से बनाई जा रही नीति का रोडमैप तैयार किया जाएगा। इसमें तय किया जाएगा कि कैसे खादी उद्योग के सालाना टर्नओवर को कई गुना तक बढ़ाया जाए। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खादी उद्योग का मौजूदा सालाना टर्नओवर 2600 करोड़ रुपये से 10,000 करोड़ रुपये तक अगले 5 साल में पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। सरकार खादी के कपड़ों को डिजाइनर लुक देकर इसे हर उम्र वर्ग के लिए बनाना चाहती है। वहीं शॉपिंग मॉल, एयरपोर्ट पर, रेलवे स्टेशन, इंटरनेशनल ब्रांड्स के साथ टाईइप इसकी जबरदस्त मार्केटिंग भी करना चाहती है।
26Sep-2019

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