सोमवार, 30 सितंबर 2019

राज्यसभा में बढ़ने लगी भाजपा की ताकत

सपा से इस्तीफा देकर भाजपा से निर्वाचित दो सांसदों ने ली शप
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा में केंद्र सरकार का नेतृत्व कर रही भाजपा की ताकत दल बदल कर भाजपा में शामिल हो रहे अन्य दलों के नेताओं के भाजपा सदस्य के रूप में निर्वाचित होकर सदन में आने से बढ़ने लगी है। सपा से इस्तीफा देने वाले दो सदस्य हाल ही में उप चुनाव के बाद यूपी से भाजपा के टिकट पर निर्विरोध चुनकर उच्च सदन में दाखिल हो चुके हैं, जिन्होंने सदस्यता की शपथ लेते ही भाजपा सदस्यों की संख्या को 80 तक पहुंचा दिया है।
दरअसल गुरुवार को संसद स्थित राज्यसभा के सभापति कक्ष में उत्तर प्रदेश से उप चुनाव में फिर से भाजपा सदस्य के रूप में निर्वाचित होकर आए सुरेन्द्र सिंह नागर और संजय सेठ को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू द्वारा सदन की सदस्यता और गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्यसभा सचिवालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अपने कक्ष में नवनिर्वाचित नागर और सेठ को राज्यसभा सदस्यता के लिए शपथ दिलाई। इस मौके पर इस मौके पर राज्यसभा में नेता सदन और केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, रेल मंत्री पीयूष गोयल, सामाजिक आधकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, पशुपालन, डेयरी राज्यमंत्री संजीव बालियान के अलावा राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा तथा उच्च सदन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सुरेन्द्र नागर 15वीं लोकसभा के सदस्य रहने के अलावा 1998 से 2009 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी रहे। सुरेन्द्र नागर व संजय सेइ जुलाई 2016 में पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने थे, जिनमें सुरेन्द्र नागर ने दो अगस्त और संजय सेठ ने पांच अगस्त को राज्यसभा की सदस्यता के साथ सपा से इस्तीफा दे दिया था। अब दोनों ही 16 सितंबर को यूपी से उपचुनाव में फिर से राज्यसभा के लिए निर्वाचित घोषित किये गये हैं।
राज्यसभा में उत्तर प्रदेश की ये दोनों सीटे इन्हीं दोनों सदस्यों के इस्तीफे के कारण इसलिए रिक्त घोषित की गई थी, कि संसद के पिछले सत्र के दौरान सपा के राज्यसभा सदस्यों नागर और सेठ ने राज्यसभा और सपा से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। यूपी की इन दोनों रिक्त सीटों पर कराए गये उप चुनाव में सुरेन्द्र सिंह नागर और संजय सेठ निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं, जिन्होंने गुरुवार को उच्च सदन की सदस्यता ग्रहण करके फिर से अपना स्थान कायम कर लिया है। इन दोनों सदस्यों के राज्यसभा में दाखिल होते ही सत्ताधारी भाजपा के सदस्यों की संख्या 80 हो गई है, जबकि कांग्रेस सदस्यों की संख्या घटकर 47 रह गई है। गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा चुनाव के बाद शुरू हुए संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में भाजपा के कुल 72 सदस्य थे और कांग्रेस के 50 से ज्यादा सदस्य थे। संसद के दौरान ही मोदी सरकार के फैसलों से प्रभावित होकर सबसे पहले तेदेपा के सीएम रमेश और वाईएस चौधरी समेत ने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा और सदन में संख्या बढ़ाई। इसके बाद कांग्रेस के संजय सिंह व भुवनेश्वर कलिता, सपा के नीरज शेखर, सुरेन्द्र नागर और संजय सेठ के अलावा अन्य दलों के कई सदस्यों ने इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
20Sep-2019

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