हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
आतंकवाद
के खिलाफ भारत की मुहिम में इंटरपोल ने भी हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिया है। यह
भरोसा शनिवार को इंटरपोल के महासचिव जुर्गेन स्टॉक ने केंद्रीय गृहमंत्री
अमिति शाह से हुई मुलाकात के दौरान दिया।
भारत के दौरे पर आए इंटरपोल महासचिव जुरगेन स्टॉक
ने शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से
मुलाकात की, जिन्होंने भारत सरकार की ओर से अमित शाह द्वारा आतंकवाद
के खिलाफ व्यक्त की गई प्रतिबद्धता पर
शुक्रिया करते हुए स्टॉक ने आतंक के खिलाफ संघर्ष में इंटरपोल के यथा
संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इंटरपोल भी आतंकवाद, संगठित और उभरते
हुए अपराधों और साइबर अपराधों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस
मौके पर शाह ने 2022 में भारतीय स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के समारोह के हिस्से के रूप में
नई दिल्ली में इंटरपोल महासभा की मेजबानी का प्रस्ताव रखते हुए इच्छा व्यक्त की
है कि इंटरपोल सहायता के साथ आधारभूत संरचना देकर भारत को इंटरपोल ग्लोबल एकेडमी का क्षेत्रीय केन्द्र बनाया जाए।
अपराध पर जीरो टॉलरेन्स पर बल
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्टॉक के साथ
हुई बैठक में नशीले पदार्थों की तस्करी, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, डर्टी मनी और मनी लॉन्ड्रिंग पर प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेन्स दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने इंटरपोल से इन खतरों
से लड़ाई को सबसे अधिक प्राथमिकता देने का आह्वान किया। शाह ने न केवल एशियाई क्षेत्र
में बल्कि दुनिया भर में इन खतरों से लड़ने के लिए दीर्घकालिक रणनीतिक कार्य योजना
बनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल किया। शाह ने इंटरपोल महासचिव को बताया कि
भारतीय खुफिया और जांच एजेंसियों ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी दशकों पुरानी लड़ाई में
समृद्ध और विविध अनुभव हासिल किए हैं। इस विशेषज्ञता का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने के
लिए इंटरपोल का भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने के
लिए स्वागत है।
रेड नोटिस पर देरी पर चिंता
अमित शाह ने केंद्र सरकार द्वारा यूएपीए में हाल
के संशोधनों का भी जिक्र किया। गृह मंत्री ने रेड नोटिस के प्रकाशन
में देरी के बारे में चिंता व्यक्त की और रेड नोटिस का शीघ्र प्रकाशन सुनिश्चित करने
के लिए पूर्व परामर्श की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के सहयोग से
भारत रसूख वाले भगोड़े आर्थिक अपराधियों और आतंकवादियों का तेजी से पीछा कर सकेगा।
डेटाबेस में 100 मिलियन रिकार्ड
इंटरपोल के महासिचव स्टॉक ने गृह मंत्री अमित
शाह को जानकारी दी कि इंटरपोल के डेटाबेस में 100 मिलियन रिकॉर्ड, सुरक्षित वैश्विक डेटा संचार चैनल (I-24/7) और अन्य उपकरण हैं, जिनके माध्यम
से इंटरपोल दुनिया भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता कर रहा है। उनका कहना
था कि भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां विशेष रूप से सीमा नियंत्रण बिन्दुओं पर इंटरपोल
के उपकरणों और डेटाबेस का व्यापक उपयोग कर सकती हैं। स्टॉक ने परिचालन सहयोग बढ़ाने
का भी आश्वासन दिया।
01Sep-2019
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