तीसरे चरण में डासना-हापुड़ खंड पर
आवागमन शुरू
हाइवे में प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल की शुरूआत
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
दिल्ली
से मेरठ का सफर अगले छह माह बाद बेहद आसान हो जाएगा। इसके लिए दिल्ली-मेरठ
एक्सप्रेसवे परियोजना की तीसरे चरण के पूरे हुए डासना-हापुड़ खंड पर केंद्रीय मंत्री
नितिन गडकरी द्वारा उद्घाटन के बाद आवागमन शुरू हो गया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन
गडकरी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के पिलखुआ में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
(पैकेज-3) के डासना-हापुड़
खंड का उद्घाटन करने के बाद कहा कि दिल्ली-मेरठ राजमार्ग क्षेत्र में समृद्धि लाएगा
और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से भीड़-भाड़ कम करने में मदद करेगा। इसके बन जाने से
यात्रा समय में 1 घंटे से अधिक की
कमी आएगी और प्रदूषण स्तर में महत्वपूर्ण कमी लाएगा। उन्होंने कहा कि राजमार्ग और बुनियादी
ढांचा परियोजनाओं का सीधा संबंध किसी क्षेत्र के विकास से है। गडकरी ने घोषणा की कि
इस सड़क (पैकेज 2) का गाजीपुर-डासना
खंड को अगले तीन महीनों में पूरा कर लिया जाएगा और पूरा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे छह
महीने के भीतर तैयार हो जाएगा। 82 किलोमीटर लंबा
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिल्ली को पश्चिमी उत्तर प्रदेश
में मेरठ से जोड़ता है। परियोजना पर 8,346 करोड़ रुपये खर्च
होने की संभावना है। गाजियाबाद में डासना से हापुड़ तक तीसरा पैकेज 22 किलोमीटर से अधिक लंबा है। इसकी लागत 1058 करोड़ रुपये है। इस 6-लेन के खंड में दोनों तरफ 2+2 लेन की सर्विस रोड हैं, और पिलखुआ में 4.68 किलोमीटर लंबा 6-लेन का एलिवेटेड कॉरिडोर है। इसमें सात नए पुल, हापुड़ बाईपास पर एक फ्लाईओवर, 11 वाहन अंडरपास, दो पैदल अंडरपास, दो फुट ओवरब्रिज, छह प्रमुख जंक्शन और 105 छोटे जंक्शन हैं। इस अवसर पर सड़क परिवहन और
राजमार्ग राज्य मंत्री (सेवानिवृत्त) वी के सिंह, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव चंद्र मौर्य, लोकसभा सदस्य राजेंद्र अग्रवाल, राज्यसभा सदस्य अनिल अग्रवाल और कई विधायक उपस्थित
थे।
चार
चरणों में पूरा होगा काम
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे परियोजना चार पैकेजों
में कार्यान्वित की जा रही है जिसमें दिल्ली में सराय काले खां से गाजीपुर सीमा
तक 8.72 किलोमीटर लंबा
6-लेन का एक्सप्रेसवे / 8-लेन एनएच 24, पहले ही जून 2018 में पूरा हो चुका
है। जबकि 19.28 किमी लंबा 6-लेन का एक्सप्रेसवे/ 8-लेन एनएच 24, उत्तर प्रदेश में गाजीपुर बॉर्डर से डासना तक जल्द पूरा होगा। इसी प्रकार 22.23 किमी लंबा 6-लेन एनएच 24, 2+2 लेन सर्विस सड़कों के साथ उत्तर प्रदेश के डासना से हापुड़
तक के
अलावा हापुड़ से मेरठ तक 31.78 किलोमीटर लंबा
ग्रीनफील्ड 6-लेन एक्सप्रेस-वे तैयार किया गया है।
प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल
नितिन गडकरी ने दिल्ली-गाजियाबाद सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्ग
निर्माण में प्लास्टिक कचरे के उपयोग का भी शुभारंभ किया। सड़क परिवहन और राजमार्ग
मंत्रालय राजमार्ग निर्माण में प्लास्टिक कचरे के उपयोग को प्रोत्साहित कर रहा है, विशेष रूप
से शहरी क्षेत्रों के 50 किलोमीटर की परिधि में राष्ट्रीय राजमार्गों पर जिनकी
आबादी 5 लाख या
उससे अधिक है। धौला कुआँ के पास हाल ही में एनएच-48 पर बेकार
प्लास्टिक का उपयोग करके सड़क का एक हिस्सा बनाया गया है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
और गुरुग्राम-सोहना रोड पर प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके निर्माण की योजना बनाई गई
है।प्लास्टिक कचरे का उपयोग पहले ही तमिलनाडु और केरल राज्यों में प्रमुखता के आधार
पर किया जा चुका है। 4 लेन के राजमार्ग के 1 किलोमीटर
के निर्माण में लगभग 7 टन प्लास्टिक कचरे का निपटान करने में मदद मिल सकती है।
भारत में प्रयोगशाला के साथ-साथ क्षेत्र में किए गए अध्ययन से सड़क निर्माण के लिए
बिटुमिनस मिश्रण में प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल के अनेक लाभों की पहचान की गई है, इसमें उच्च
प्रतिरोध क्षमता है अधिक समय तक टिकाऊ है और स्थायित्व में सुधार लाता है। यह मिश्रण
में बिटुमन की खपत कम कर देता है। बेकार प्लास्टिक को जोड़ने से प्लास्टिक के कूड़े
के ढेर पर अंकुश लगाने के
अलावा आने वाले वर्षों में प्लास्टिक कचरे के निपटान में मदद मिलेगी।
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