सोमवार, 30 सितंबर 2019

हरियाणा: सांसदों व पदो पर आसीन नेता नहीं बनेंगे उम्मीदवार


हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की रणनीति
शिअद सीटों पर केंद्रीय नेतृत्व करेगा फैसला: बराला
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
हरियाणा में विधानसभा चुनावों की शुरू हुई सरगर्मियों के बीच भाजपा ने चुनावी बिसात के लिए अपनी रणनीति बनाते हुए उम्मीदवारों के चयन को लेकर किये मंथन के बाद खास रणनीति बनाई है, जिसमें किसी सांसद या महत्वपूर्ण पदों पर विराजमान नेताओं के साथ उम्रदराज को विधानसभा का उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा।
नई दिल्ली स्थिति हरियाणा भवन में सोमवार को हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान हरियाणा विधानसभा की 90 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को होने वाले चुनावों के लिए भाजपा ने योग्य उम्मीदवारों के चयन को लेकर कहा कि कल रविवार देर रात तक नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय में हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा राष्ट्रीय नेताओं और हरियाणा प्रभारियों के साथ चुनाव की रणनीति और प्रत्याशियों को लेकर गहन चर्चा की गई। बराला ने चुनाव समिति की इस बैठक में हुई चर्चा की जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा के पास हर विधानसभा के लिए एक दर्जन से भी ज्यादा ऐसे लोगों के नाम पैनल में हैं जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, इनमें केंद्रीय मंत्री और कुछ सांसद एवं विधायक अपने बेटे-बेटियों या अन्य परिजनों को चुनाव लड़ाना चाहते है, लेकिन चुनावी रणनीति में हुई चर्चा में इस बात पर भी विचार किया गया है कि सांसदों के परिजनों के साथ ही हरियाणा में मेयर, जिला परिषदों के चेयरमैन और 75 साल से अधिक उम्र के नेताओं को उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा। भाजपा ने हरेक विधानसभा सीट पर ऐसे योग्य प्रत्याशी का चयन करने का निर्णय लिया है, जो क्षेत्र की जनता में अपनी मजबूत पकड़ रखता हो और वह जीतने की क्षमता रखता हो।
संसदी बोर्ड का निर्णय अंतिम
भाजपा के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव समिति जिन प्रत्याशियों के पैनल को वरीयता के अनुसार तय करेगी, उसमें हर प्रत्याशी के नाम पर अंतिम निर्णय केंद्रीय संसदीय बोर्ड करेगा, जिसके बाद प्रत्याशी का ऐलान किया जाएगा। उन्होंनें अन्य दलों से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं की उम्मीदवारी के सवाल पर बराला ने कहा कि भाजपा में किसी भी नेता को सदस्यता देते हुए ऐसी कोई शर्त नहीं रखी जाती है, इसलिए पार्टी का दृष्टिकोण स्पष्ट है कि जीत हासिल करने वाले योग्य व्यक्ति को ही भाजपा उम्मीदवार तय करेगी।
राष्ट्रवाद व स्थानीय मुद्दे पर फोकस
भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला ने चुनावी मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हरियाणा राज्य से बड़ी संख्या में युवा सेना या सुरक्षा बलों के रूप में सेवाएं कर रहे हैं, इसलिए आंतकवाद से निपटने की दिशा में जम्मू-कश्मीर में खत्म की गई धारा 370 जैसा राष्ट्रवाद का मुद्दे से जनता को अवगत करना पार्टी का दायित्व है। वहीं पिछले पांच साल में भाजपा सरकार की जनहित में जमीन पर उतारी गई लाभकारी योजनाओं और अन्य स्थानीय मुद्दे चुनावी प्रचार का हिस्सा होंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा राजनीतिक और संगठनात्मक तौर पर दोनों तरह से तैयारी कर चुकी है। भाजपा ने विपक्षी दलों की रणनीति को भी ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति को मजबूत बनाने की दिशा को आगे बढ़ाने को फैसला किया है।
अकाली दल की सीटों पर विचार
बराला ने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा के सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल को दो या तीन सीटे दी जाएंगी या नहीं इसका फैसला भाजपा हाईकमान को करना है। हरियाणा प्रदेश भाजपा ईकाई हाई कमान के दिशानिर्देशों के तहत अकाली दल के लिए सीटें छोड़ने को तैयार है।                      24Sep-2019

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें