सोमवार, 1 जनवरी 2018

अब सीमा पार नहीं जाएगा सिंधु नदी का फालतू पानी



केंद्रीय जल आयोग ने पेश की उझ नदी परियोजना की डीपीआर
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की जम्मू-कश्मीर में चलाई जा रही विकास योजनाओं में सिंधु जल संधि के जल पर भारत अपने अधिकारों के तहत अधिक से अधिक उपयोग करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, ताकि सिंधु नदी का भारत के हिस्से वाला पानी सीमापार न जा सके। इस दिशा में सिंधु नदी की सहायक उझ नदी पर जल भंडारण करने की योजना की डीपीआर जारी की गई है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सिंधु जल के लिए संधि के तहत भारत ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने की प्रतिबद्धता दिखाई है, जिसमें अधिकारों के तहत ज्यादा से ज्यादा जल का उपयोग किया जा सके। केंद्र सरकार ने इसी प्रतिबद्धता पर आगे बढ़ते हुए सिंधु नदी में राबी नदी की सहायक नदी उझ में जल भंडारण करने की योजना तैयार की थी, जिसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। उझ नदी की इस परियोजना वाली डीपीआर को केंद्रीय जल आयोग ने जम्‍मू-कश्‍मीर के पीएचई, सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण मंत्री शामलाल चौधरी को सौंप दी है। मंत्रालय के अनुसार अब इस परियोजना के अंतर्गत राबी नदी की सहायक उझ नदी के 0.65 एमएएफ जल का भंडारण किया जाएगा। इससे 30000 हेक्‍टेयर भूमि की सिंचाई होगी और 200 मेगावाट से ज्‍यादा जल विद्युत का उत्‍पादन होगा। गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर 2016 में प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव की अध्‍यक्षता में सिंधु जल पर गठित टास्क फोर्स की बैठक हुई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि डीपीआर का कार्य तेजी से पूरा किया जाएगा। इससे भारत को जल प्रवाह के एक हिस्‍से का उपयोग करने में सहायता मिलेगी, जो अभी बिना उपयोग के सीमा पार चला जाता है।
31Dec-2017

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