गुरुवार, 4 जनवरी 2018

संसद: तीन तलाक बिल पर मुश्किल में सरकार



राज्यसभा में अब बुधवार को पेश होगा विधेयक
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
लोकसभा में पारित हो चुके तीन तलाक को अवैध करार देने वाले ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ कार्यसूची में होने के बावजूद पेश नहीं हो सका, जो अब कल बुधवार को पेश किया जाएगा। उच्च सदन में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की उठ रही मांग को देखते हुए सरकार की राह मुश्किल नजर आ रही है।
मुस्लिम समाज में प्रचलित एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के खिलाफ ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जाना था, जिसे सदन की विधायी कार्य सूची में शामिल भी किया गया। इसके बावजूद सरकार ने अब इस विधेयक को कल बुधवार को पेश करने का निर्णय लिया है। दरअसल राज्यसभा में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस विधेयक के कुछ प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं और इसे राज्यसभा की प्रवर समिति को सौंपने की मांग उठा रहे हैं। हालांकि सरकार ने पिछले सप्ताह इस विधेयक को लोकसभा में बिना किसी संशोधन के पारित कर लिया था, लेकिन राज्यसभा में सरकार के सामने इस विधेयक को पारित कराने की राह मुश्किल नजर आ रही है। राज्यसभा में इस विधेयक को मंगलवार को पेश न करने की पुष्टि करते हुए संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि राज्यसभा में इस विधेयक को अब  बुधवार का पेश किया जा सकता है। वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उम्मीद जताई है कि यह ऐतिहासिक विधेयक राज्यसभा में भी पारित हो जाएगा।
सभापति के साथ बैठक 
राज्यसभा में इस विधेयक के पेश होने से पहले तीन तलाक विधेयक के मुद्दे पर कांग्रेस, कांग्रेस, सपा, बीजद, सपा, बीजद और अन्नाद्रमुक, द्रमुक, सीपीआई और सीपीआईएम आदि दलों ने सभापति एम. वेंकैया नायडू के साथ एक बैठक की और इस विधेयक में कुछ प्रावधानों पर ऐतराज जताते हुए इस मुद्दे पर अपना रूख पेश किया और इस मुद्दे पर इन सभी दलों ने सभापति से इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने की पुरजोर मांग की। इस बैठक में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में केंद्रीय मंत्री विजय गोयल भी शामिल हुए। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद ही मंगलवार को इस विधेयक को सदन में पेश करने का फैसला टाला गया। दरअसल सरकार द्वारा तीन तलाक को अवैध करार करने वाले इस विधेयक में अपराध और सजा के प्रावधान पर कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है। इसलिए सरकार इस विधेयक पर विपक्षी दलों के एकजुट होकर विरोध करने का अंदेशा नजर आ रहा है, जिसके लिए सरकार सभी दलों को विश्वास में लेने का प्रयास कर रही है। 
सरकार की विपक्ष से बातचीत जारी
संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक को सर्वसम्मिति से पारित कराने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके लिए सरकार कांग्रेस और अन्य दलों से बातचीत कर रहे हैं, जिसमें सहमति बनने की उम्मीद है और इस विधेयक पर सभी दलों का समर्थन मिलेगा। इससे पहले एम. वेंकैया नायडू के समक्ष इस मुद्दे को उठाते हुए द्रमुक की सदस्य कनिमोझी, सीपीअइाई के डी. राजा, राकांपा के मजीद मेमन आदि तर्क दे चुके हैं कि वे अपराधीकरण के खिलाफ हैं, लेकिन इस्‍लाम में विवाह एक कानूनी अनुबंध है, इसलिए किसी भी पति द्वारा अनुचित तरीके से दिए गए तलाक के लिए तीन साल की सजा नहीं दे सकते हैं। इसलिए इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग उठाई जा रही है।
03Jan-2018

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