मंगलवार, 16 जनवरी 2018

छग में अयोग्य घोषित 48 उम्मीदवारों को राहत!

चुनावी खर्च न देने पर राज्य के 109 उम्मीदवारों पर हुई थी कार्यवाही
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव-2014 से अब तक निर्वाचन नियमावली में जनप्रतिनिधितव कानून की धारा 10ए के तहत देशभर में चुनाव लड़ने वाले ऐसे 2527 उम्मीदवारों को तीन साल के लिए अयोग्य घोषित करने की कार्यवाही की है, जिन्होंने चुनावी खर्च और अन्य व्यय का ब्यौरा नहीं सौंपा हैं। छत्तीसगढ़ राज्य के ऐसे अयोग्य घोषित किये गये कुल 109 उम्मीदवारों में 48 उम्मीदवार इस साल होने वाले चुनावों में फिर से अपनी किस्मत आजमा सकेंगे। मसलन इन चार दर्जन उम्मीदवारों की अयोग्यता के तीन साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है।  
इसी साल छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक के अलावा पूर्वोत्तर के मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा व नागालैंड राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की सियासी गोटियां चुनावी चौसर पर दौड़ने लगी हैं। ऐसे में पिछले लोकसभा व विधानसभा चुनावों व उप चुनावों के दौरान अपनी किस्मत आजमाने वाले ऐसे उम्मीदवारों को भी फिर से मौका मिल सकता है, जो चुनावी खर्च या अन्य व्यय का ब्यौरा न देने के कारण तीन साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिये गये थे। छत्तीसगढ़ में इन खामियों के कारण वर्ष 2015 से अब तक आयोग्य घोषित किये गये 109 उम्मीदवारों में 25 उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में व्यय ब्यौरा न देने के कारण अयोग्य ठहराए गये हैं, जिनमें से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके छत्तीसगढ़ के पांच उम्मीदवारों के अलावा विधानसभा के चुनाव लड़ने वाले 43 उम्मीदवारों की अयोग्यता के लिए तीन साल का समय इसी साल समाप्त हो रहा है, जिन्हें छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में फिर से चुनाव मैदान में उतरने का मौका मिल सकता है।
कब-कब अयोग्य ठहराए गये प्रत्याशी
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव-2014 में किस्मत आजमा चुके जिन पांच उम्मीदवारों को सात अप्रैल 2015 में अयोग्य घोषित किया था, उनकी तीन साल की अयोग्यता अवधि सात अप्रैल 2018 को समाप्त हो रही है। जबकि विधानसभा चुनाव में जनप्रतिनिधत्व अधिनियम की धारा 10-ए के तहत जिन 43 उम्मीदवारों को तीन साल के लिए अयोग्य घोषित किया गया था, उनमें 14 उम्मीदवारों की समयावधि सात अप्रैल 2018, नौ उम्मीदवारों का वनवास सात मई 2018 तथा बाकी 20 उम्मीदवारों को 20 जुलाई को इस बंधन से मुक्ति मिल जाएगी। मसलन इसके बाद ये उम्मीदवार राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी करने के लिए आजाद माने जाएंगे?                   
मध्य प्रदेश में 104 को राहत
मध्य प्रदेश में वर्ष 2015 से अब तक चुनाव आयोग द्वारा तीन साल के लिए अयोग्य घोषित किये गये कुल 252 उम्मीदवारों में से लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले 24 में से 15 उम्मीदवारों और विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा चुके 228 उम्मीदवारों में से 89 उम्मीदवारों के अयोग्यता की समयावधि इसी साल समाप्त हो रही है। मसलन ऐसे 104 आयोग्य घोषित किये गये उम्मीदवारों को राहत मिली है, जो इस साल हाने जा रहे विधानसभा चुनाव में फिर से अपनी किस्मत आजमा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश रहा सबसे अव्व्ल
चुनाव आयोग द्वारा चुनावी खर्च का ब्यौरा न देने के कारण पिछले चार साल में देश के 32 राज्यों में अयोग्य करार दिये गये अब तक 2527 उम्मीदवारों में 452 लोकसभा चुनाव-2014 और उप चुनावों में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। ऐसे अयोग्य घोषित उम्मीदवारों में सर्वाधिक 657 उत्तर प्रदेश के हैं, जिनमें सर्वाधिक 86 उम्मीदवार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश में अयोग्य घोषत 252 उम्मीदवारों में 24 लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी हैं। हरियाणा 184 आयोग्य प्रत्याशियों के साथ तीसरे पायदान पर रहा है, जिसमें लोकसभा चुनाव लड़ने वाले 29 प्रत्याशी भी शामिल हैं। चुनाव आयोग इस प्रकार की कार्यवाही राजस्थान में 169, पंजाब में 140, उत्तराखंड में 113 उम्मीदवारों के खिलाफ की गई है। इस साल जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें कर्नाटक व मिजोरम का कोई प्रत्याशी अयोग्य उम्मीदवारों की फेहरिस्त में नहीं है।
एक माह में ब्यौरा देने का नियम
केंद्रीय चुनाव आयोग के अनुसार किसी भी चुनाव में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों को मतदान होने के बाद एक माह के भीतर जिला निर्वाचन अधिकारी और मतगणना के बाद माहभर के भीतर निर्वाचन आयोग को खर्च का ब्योरा भेजने का प्रावधान है। ऐसा न करने वाले उम्मीदवारों को नोटिस देकर जनप्रतिनिध अधिनियम की धारा 10-ए के तहत तीन साल के लिए अयोग्य घोषित करने का प्रावधान है। इस समयावधि के बीच ऐसा कोई प्रत्याशी किसी निर्वाचन में हिस्सा नहीं ले सकता।
16Jan-2018

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