बुधवार, 17 जनवरी 2018

बांग्‍लादेश-भारत-नेपाल के बीच यात्रा हुई आसान



मोटर वाहन समझौते में यात्री वाहनों पर भी बनी सहमति
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
बांग्‍लादेश-भूटान-भारत-नेपाल(बीबीआईएन) मोटर वाहन समझौते के तहत अब बांग्लादेश-भारत और नेपाल के बीच मालवाहक वाहनों के अलावा अब यात्री वाहनों की भी आवाजाही हो सकेगी। इसके लिए तीनों देशों ने सहमति जताई है और जल्द ही यात्री प्रोटोकॉल पर हस्‍ताक्षर के लिए आंतरिक मंजूरी प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार बांग्‍लादेश, भारत और नेपाल ने यात्री वाहनों की आवाजाही के लिए परिचालनगत प्रक्रियाओं पर सहमति जताई है और वहीं कार्गो वाहन आवाजाही के लिए और अधिक ट्रायल रन संचालित करने का निर्णय लिया गया है। मंत्रालय के अनुसार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री दक्षिता दास की अध्यक्षता में तीनों देशों के उच्‍चस्‍तरीय अधिकारियों की एक बैठक में बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते के तहत यात्री  वाहनों की आवाजाही पर भी सहमति जताई गई। इस बैठक में भूटान के आधिकारिक शिष्‍टमंडल ने पर्यवेक्षक के रूप में हिस्‍सा लिया। प्रतिभागी देशों ने इस समझौते के तहत कार्गो वाहनों के लिए और अधिक ट्रायल रन संचालित करने पर भी सहमति जताई है। गौरतलब है कि एशियाई विकास बैंक दक्षिण एशिया उप क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग को अपनी सहायता के एक हिस्‍से के रूप में बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते को तकनीकी, परामर्शदात्री एवं वित्‍तीय सहयोग उपलब्ध कराता आ रहा है।
सीमा पार व्यापार को प्रोत्साहन
मंत्रालय के अनुसार भारत के पडोसी देशों के बीच सांस्कृतिक एवं व्यापारिक संबन्धों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में इस ऐतिहासिक मोटर वाहन समझौते को आगे बढ़ाया गया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रयासों से गत 15 जून 2015 को भूटान के थिम्‍पू में बीबीआईएन देशेां के परिवहन मंत्रियों द्वारा एमवीए पर हस्‍ताक्षर किए गए थे। इस करार के तहत कार्गो वाहनों के लिए ट्रायल रन का परिचालन पूर्व में कोलकाता-ढाका-अगरतला एवं दिल्‍ली-कोलकाता-ढाका रूट के साथ किया गया। ये परीक्षण समझौते के आर्थिक लाभों को रेखांकित करने में सफल रहे। बांग्‍लादेश-भारत-नेपाल ने पहले ही एमवीए की अभिपुष्टि कर दी है और अब तीनों हस्‍ताक्षरकर्ता देशों के बीच एमवीए के कार्यान्वयन पर सहमति जताई है। भूटान इस समझौते पर पुष्टि करने के बाद इसमें शामिल हुआ है। सरकार का मानना है कि बीबीआईएन देशों के बीच इस प्रयास से उप क्षेत्र में सीमा पार व्‍यापार में तेजी लाने एवं आर्थिक समेकन का एक प्रमुख माध्यम कायम किया जा सकेगा।
18Jan-2018

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