मंगलवार, 30 जनवरी 2018

चुनावी ट्रस्टी चंदे में भाजपा ने कांग्रेस को पछाड़ा



क्षेत्रीय दलों में अकाली दल सबसे अव्वल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश के राजनीतिक दलों को चुनावी चंदा देने वाले ट्रस्टों से सबसे ज्यादा चंदा राष्ट्रीय दलों में भाजपा के हिस्से में गया है, जबकि क्षेत्रीय दल में शिरोमणि अकाली दल को मिला है।
चुनाव आयोग को इलेक्ट्रोल ट्रस्टों द्वारा दी गई जानकारी चुनाव सुधार के लिए कार्य कर रही गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स ने बताया कि वर्ष 2016-17 में इलेक्टोरल ट्रस्ट को 325.27 करोड़ रुपये चंदे के रुप में मिले है, जिसमें से भाजपा को सर्वाधिक 290.22 करोड़ रुपये यानि 89 फीसदी दान भाजपा को दिया गया है। जबकि कांग्रेस के हिस्से में 16.5 करोड़ रुपये आई है। तीसरे पायदान पर नौ करोड़ रुपये राजग की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल को चंदे के रूप में दी गई है। इसके अलावा सपा को 6.5 करोड़ रुपये को चंदा दिया गया है। एडीआर के अनुसार इस साल कुल 21 ट्रस्टों से दस राजनीतिक दलों को चंदा दिया गया है। एडीआर के अनुसार यदि पिछले चार साल के चंदे का अध्ययन करने से खुलासा हुआ है कि इन इलेक्टोरल ट्रस्टों को कुल 637.53 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले है, जिनसे सबसे ज्यादा दान की रकम भाजपा के खाते में गई है। भाजपा को सर्वाधिक 488.94 करोड़ रुपये यानि 77 फीसदी दान दिया गया है। इन चार सालों में 86.65 करोड़ रुपये का चंदा लेने वाली पार्टी के रूप कांग्रेस दूसरे पायदान पर है। तीसरे पायदान पर 10.78 करोड़ का चंदा लेकर राकांपा ने अपना स्थान बनाया है। यदि पिछले चार साल में चंदा लेने वाले दलों की बात की जाए तो राष्ट्रीय दलों में भाजपा और क्षेत्रीय दलों में 11 करोड़ रुपये के चंदे के साथ शिरोमणि अकाली दल रहे हैं।
किस दल को कितना मिला
इन पिछले चार सालों में इन 21 इलेक्टोरल ट्रस्टों को कुल 637.53 करोड़ रुपये चंदे में राष्ट्रीय दलों में भाजपा को 488.94 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 86.65 करोड़ रुपये, राकांपा को 10.78 करोड़ रुपये, तृणमूल कांग्रेस को 2.03 करोड़ रुपये तथा सीपीएम को 0.02 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। जबकि क्षेत्रीय दलों में अकाली दल को11 करोड़ रुपये, सपा को 8.17 करोड़ रुपये, बीजद को 5.50 करोड़ रुपये, इनेलो को 5 करोड़ रुपये, आप को चार करोड़ रुपये, शिवसेना को 3.31 करोड़ रुपये, जदयू को 3.09 करोड़ रपये तथा तेदपा को दो करोड़ रुपये का चंदा मिला है। जबकि झारखंड मुक्तिमोर्चा को 1.88 करोड़ रुपये, राजद को 1.5 करोड़ रुपये तथा लोजपा को एक करोड़ रुपये की रकम मिली है।
छह ट्रस्टो ने ही दी जानकारी
एडीआर के अध्ययन के अनुसार इस साल पिछले साल की तुलना में चुनावी ट्रस्टों को मिले चंदे में बेहद इजाफा हुआ है, जबकि चुनाव आयोग को इस साल राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले 21 इलेक्टोरल ट्रस्टों में से केवल छह ट्रस्टों प्रूडंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 283.73 करोड़ रुपये, जन निर्वाचक चुनाव ट्रस्ट ने 25 करोड़ रुपये, न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 12.03 करोड़ रुपये, समाज मतदाता ट्रस्ट ने 4.08 करोड़ रुपये, परिवर्पण चुनाव ट्रस्ट ने 0.51 करोड़ रुपये, ट्राइंफ इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 0.10 करोड़ रुपये का चंदा मिलने की जानकारी दी है। जबकि छह ट्रस्टों बजाज इलेक्टोरल ट्रस्ट, पीपुल्स इलेक्टोरल ट्रस्ट, प्रतिनिधि इलेक्टोरल ट्रस्ट, भारतीय समाजवादी रिपब्लिकन इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन, जयभारथ इलेक्टोरल ट्रस्ट, कल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट, जनशक्ति चुनाव ट्रस्ट ने अपना ब्यौरा चुनाव आयोग में जमा ही नहीं किया। इसके अलावा आठ ट्रस्टों प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट, जनप्रगति चुनाव ट्रस्ट, जनहित चुनाव ट्रस्ट, स्वदेशी चुनाव ट्रस्ट, जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट, जयहिंद इलेक्टोरल ट्रस्ट, गौरी वेलफेयर एसोसिएशन इलेक्टोरल ट्रस्ट, हरमोनी इलेक्ट्रोल ट्रस्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि उन्हें कोई भी चंदा नहीं मिला है।
30Jan-2018

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