शुक्रवार, 12 जनवरी 2018

पुलिस सुधार की ‘अम्ब्रेला स्कीम’ में आएगी तेजी



तीन साल की योजना पर खर्च होंगे 25 हजार करोड़                                                                     
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की देशभर में पुलिस बलों के आधुनिकीकरण और सुधार की दिशा में शुरू की गई एकअम्ब्रेला स्कीममें तेजी लाने पर बल दिया गया है। इस योजना में तीन वर्षो तक 25 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की इस योजना को केंद्र सरकार ने बीते वर्ष सितंबर में मंजूरी देते हुए तीन वर्षो 2017-2020 तक पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए 25060 करोड़ रुपये का खर्च निर्धारित किया है, जिसमें 18,636 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 6,424 करोड़ रुपये का अंशदान राज्यों सरकार के जिम्मे तय किया है। मंत्रालय के अनुसारअम्ब्रेला स्कीमके तहत शुरू की गई इस योजना में आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा, आधुनिक हथियारों की उपलब्धता, पुलिस बलों की गतिशीलता, परिवहन सहयोग, हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति, पुलिस वायरलेस का उन्नयन, राष्ट्रीय उपग्रह नेटवर्क, सीसीटीएनएस, -जेल जैसी परियोजनाओं के लिए विशेष प्रावधान किये गये हैं। इसके तहत केंद्र सरकार ने अपराध अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क तथा प्रणाली संबंधी परियोजनाओं के कार्यान्वयन को एक वर्ष का विस्तार देने का भी निर्णय लिया है, जिसे गृहमंत्रालय पहले ही 2022 तक के लिए मंजूरी दे चुका है। इस परियोजना पर अलग से दो हजार करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जिसके लिए 1550 करोड़ रुपये की धनराशि बीते वर्ष तक खर्च की जा चुकी है।
साइबर अपराधों की चुनौती से निपटेगी सरकार
मंत्रालय के अनुसार केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साइबर अपराधों की चुनौती से निपटने के लिए पिछले दिनों सभी संबंधित खुफिया एवं तकनीकी सुरक्षा एजेंसियों के अलावा राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ एक समीक्षा बैठक में खासकर वित्तीय क्षेत्र में साइबर अपराधों (विशेषकर कार्ड और -वॉलेट) के रोकथाम के लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए थे, जिसमें मंत्रालय द्वारा गठित फोन-धोखाधड़ी के खिलाफ गठित की गई एक अंतर-मंत्रिस्तरीय समिति के सुझावों को भी शामिल किया गया है। ऐसे निर्णयोकं में केंद्र सरकार ने साइबर अपराध को रोकने के लिए तकनीकी सुरक्षा को मजबूत करने पर बल दिया है। 
12Jan-2018



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