सोमवार, 1 जनवरी 2018

देश में छोटे रेलवे स्टेशनों पर भी बढ़ेगी सुविधाएं!

रेलवे की की आमदनी व यात्री संख्या होगा उन्नयन का आधार    
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे ने रेलवे के कायाकल्प की योजनाओं के तहत यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए एक बार फिर अपने नीतिगत निर्णय में देश के उन्नयन के लिए विभिन्न रेलवे स्टेशनों की श्रेणियों में व्यापक संशोधन किया है। मसलन अब स्टेशन श्रेणीकरण की नई योजना में यात्री संख्या के आधार पर छोटे रेलवे स्टेशनों को भी यात्रियों को सुविधा के लिए शामिल किया है।
रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार रेलवे बोर्ड के एक महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय में विभिन्न रेलवे स्टेशनों की श्रेणियों में व्यापक संशोधन करके इसे व्यावहारिक और युक्तिसंगत बनाया जा रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे बोर्ड के साथ विचार विमर्श करने के बाद रेलवे स्टेशनों को फिर से श्रेणीबद्ध करने के निर्देश रेलवे द्वारा यात्री संख्या और रणनीतिक महत्व के आधार पर जारी किये गये हैं, ताकि स्टेशनों पर अधिक कारगर और केन्द्रित तरीके से यात्रियों सेवाओं और यात्रियों सुविधाओं की योजना लागू की जा सके।
अब तीन वर्गो में होंगे मानक
इससे पहले बनाई गई नीति में स्टेशनों का श्रेणीकरण केवल वार्षिक यात्री आय के आधार पर किया जाता रहा है, जिसमें सात श्रेणियां बनाई गई थी। इनमें ए-1 श्रेणी में महानगरों और बड़े शहरों के रेलवे स्टेशन शामिल थे। अब नए संशोधन के तहत रेलवे स्टेशनों के श्रेणीकरण मानकों में एक स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या को शामिल किया गया है। मसलन रेलवे स्टेशनों के श्रेणीकरण की नई योजना के तहत स्टेशनों को तीन समूहों गैर-उपनगरीय, उप-नगरीय तथा हाल्ट में बांटा गया है। इससे आगे इन समूहों को 1-6 रेंज ग्रेड में रखा गया है, जिसमें एनएचएसजी में 6, एसजी तथा एच में तीन-तीन रेंज ग्रेड शामिल रहेंगे।
एमएसटी धारकों को भी होगा लाभ
पुराने मानक में अत्याधिक यात्री वाले स्टेशनों (बड़ी संख्या में यात्रियों तथा एमएसटी पासधारकों) को उच्च श्रेणी के स्टेशन में कवर नहीं किया जाता था, जिसके कारण यह स्टेशन निचले स्तर की सुविधाओं के लिए पात्र होते थे। नए मानक के अनुसार स्टेशनों पर आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या को बराबर महत्व दिया गया है और स्टेशनों के श्रेणीकरण में एक मानक माना गया है। इसलिए कल्याण, पनवेल, तांबरम, थाणे को उच्च श्रेणी में स्थान मिला है और ऐसे स्टेशन उच्च स्तर की यात्री सुविधाओं के लिए पात्र हो गए हैं।
दायरे में 8613 रेलवे स्टेशन
इस योजना में बांटी गए तीन वर्गो के दायरे में फिलहाल कुल 8613 रेलवे स्टेशन होंगे, जिनमें 5976 गैर-उपनगरीय रेलवे स्टेशन, 484 उपनगरीय रेलवे स्टेशन तथा 2153 हाल्ट हैं। रेलवे स्टेशनों का यह श्रेणीकरण 2017-18 से 2022-23 की अवधि के लिए तय किया गया है। इस योजना में रेलवे जोनों के महाप्रबंधक को सशर्त अधिकार दिये गये हैं कि वह किसी स्टेशन को एनएसजी-4 श्रेणी में रख सकते है यदि यह स्थान पर्यटन महत्व का है या महत्वपूर्ण जंक्शन स्टेशन है। इसके अतिरिक्त रेल मंत्रालय ने सभी महाप्रबंधकों को बिना किसी सीमा के सुरक्षा संबंधी कार्यों को बारी से पहले स्वीकृत करने की सभी शक्तियां दी हैं। यात्रियों की सुरक्षित यात्रा के लिए श्रेणियों के बगैर ही सभी स्टेशनों पर फुट ओवर ब्रिज, ऊंचा प्लेटफॉर्म, व्हीलचेयर लाने-ले जाने के लिए ट्रॉली मार्ग जैसी सुविधाएं दी जा सकेगी। इसी प्रकार स्टेशनों और यात्री संबंधों में सुधार के लिए निचली श्रेणी के स्टेशनों पर प्रतीक्षालय, प्लेटफॉर्म शेल्टर, लिफ्ट, एक्सेलेटर, डिजिटल चार्ट डिस्प्ले, रोशनी, ट्रेन/कोच संकेतक बोर्ड के  साथ ही नए मानक में छोटे स्टेशनों को ऊंचे दर्जे की ऐसी सुविधाएं देने की व्यवस्था की गई है जिससे यात्री संतुष्टि की जा सके।
31-Dec-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें