बड़े शहरों में यातायात जाम
से निपटने की तैयारी!
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
दिल्ली,
बंगलूरू, लखनऊ व पटना जैसे बड़े शहरों में यातायात की समस्या से निपटने के लिए केंद्र
सरकार ने देशभर में ऐसे 28 शहरों को चिन्हित किया है, जिनमें रिंग रोड़ का निर्माण
करने के लिये 36 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की एक योजना को अंतिम रूप दिया गया
है।
केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार मंत्रालय ने शहरों में बढ़ते यातायात
के बोझ को कम करने की चुनौती से निपटने के लिए भी एक मेगा योजना तैयार
की है। इसके लिए दिल्ली, पटना, लखनऊ,
बेंगलुरु, रांची, अमरावती, श्रीनगर और उदयपुर जैसे 28 बड़े शहरों को चिन्हित किया
गया है। इस योजना का खाका तैयार करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी
ने करीब 36,290 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से रिंग रोड बनाने की योजना को अंतिम
रूप दिया है। हालांकि दिल्ली के यातायात को कम करने की दिशा में ईस्टन पेरीफेरल
एकसप्रेस-वे का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। दिल्ली को बाईपास करने के इरादे
से ही हरियाणा राज्य में वेस्टर्न पेरीफेरल एकसप्रेस-वे को विकसित किया जा रहा है।
इस एक्सप्रेस-वे से अन्य राज्यमागर्गो को भी जोड़ने की योजना है, जिसमें
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे भी इसी समस्या के समाधान करने का हिस्सा है। इसके अलावा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में ऐसी कई और परियोजनाओं को शुरू करने की योजना
तैयार की जा रही है। मसलन इन बड़े शहरों में रिंग रोड़ के रूप में तैयार की गई
परियोजनाओं में से 21 हजार करोड़ से ज्यादा का काम शुरू करने के लिए विभिन्न शहरों
में की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यानि डीपीआर तैयार करने का काम जारी है। जबकि 4700
करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का
काम सौंपने की प्रक्रिया जारी है।
हाइवे का विस्तार
मंत्रालय
के अनुसार वर्ष 2014 के बाद देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गो का लगातार तेजी से
विस्तार हुआ है और देश में सड़क सुधार के लिए वर्ष 2017 में जिस प्रकार राजमार्ग
क्षेत्र के लिए नए रोड मैप शुरू किये गये हैं उनके कारण बीते साल सर्वाधिक 8231
राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया है और 2014-15 से 2016-17 तक 18702 किमी
राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया है। जबकि हाइवे समेत देश में वर्ष 2017 तक
15948 किमी सड़के बनाई गई हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा मंजूर की गई
भारतमाला परियोजना के तहत सरकार 2022 तक 6.92 लाख करोड़ रुपये की लागत से चार हजार
किमी राष्ट्रीय राजमार्ग को विकसित करने के लक्ष्य से काम कर रही है। मंत्रालय के
अनुसार यह सभी परियोजनाएं महत्वाकांक्षी भारतमाला कार्यक्रम के दायरे में शामिल की
गई हैं। मसलन भारतमाला योजना के तहत विभिन्न राष्ट्रीय गलियारों के निर्माण की योजना
का खाका इस प्रकार तैयार किया जा रहा है, जिसमें शहरों में वाहनों की भीड़ भाड़ को कम
करने के लिये रिंग रोड जैसी योजनाएं चलाई जाएंगी।
23Jan-2018
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