रेलवे ट्रेकों पर नजर रखने के लिए होगा इस्तेमाल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय
रेलवे में सुधार की दिशा में जुटी केंद्र सरकार ने रेलवे की तमाम गतिविधियों खासकर
रेल परियोजनाओं, रेलवे ट्रेक की मरम्मत और अन्य कायों पर ड्रोन कैमरे से निगरानी
करने का निर्णय लिया है।
रेल
मंत्रालय के अनुसार रेलवे के इस निर्णय को लागू करने के लिए रेलवे बोर्ड के चेयर
मैन अश्वनी लोहानी ने सभी रेलवे जोनों और मंडलों को निर्देश जारी कर दिये हैं।
रेलवे की तमाम गतिविधियों जिनमें चल रही परियोजनाओं, पटरियों की मरम्मत और रेलवे ढांचे
पर ड्रोन कैमरों के रूप में तीसरी आंख से निगरानी करने का मकसद रेलवे तकनीक के प्रयोग
से ट्रेनों के संचालन को और सुरक्षित और बेहतर बनाना है। रेलवे के अनुसार ड्रोन कैमरो
के जरिए रेल हादसों के बाद राहत और बचाव अभियानों की निगरानी करने में मदद की जा
सकेगी। वहीं रेलवे के महत्वपूर्ण कार्यों, पटरियों की स्थिति और निरीक्षण कार्यों पर
इन कैमरों के जरिए नॉन इंटरलॉकिंग कार्यों के मूल्यांकन की तैयारियों, मेलों के दौरान
भीड़ के प्रबंधन, स्टेशनों के हवाई सर्वेक्षण और किसी गड़बड़ी को तुरंत चिन्हित करने
में मदद मिलेगी। रेलवे का मानना है कि रेलवे के ढांचे, सुरक्षा और पटरियों की मरम्मत
से जुड़ी किसी भी सूचना को रियल टाइम यानि वास्तविक समय प्राप्त करने में यह कैमरे
बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे।
पश्चिमी मध्य रेलवे ने शुरू की पहल
भारतीय
रेलवे की इस निर्णय के तहत देश में सबसे पहले ड्रोन की तैनाती मध्य प्रदेश के
जबलपुर स्थित पश्चिमी मध्य रेलवे मुख्यालय ने की है जिसने पिछले सप्ताह ही ड्रोन कैमरों
के जरिए अपने सभी तीनों खंडो जबलपुर खंड-भिटोनी के नजदीक नर्मदा पुल, भोपाल खंड में
निशातपुरा पुल और एचबीजे और मिसरोद के मध्य तीसरी लाइन कार्य के अलावा कोटा खंड पर
कोटा के नजदीक चंबल पुल और कोटा के पास डकनिया तलाव यार्ड पर परीक्षण किया है। इस
पहल को आगे बढ़ाते हुए पश्चिमी मध्य रेलवे की भविष्य में बीना-कटनी तीसरी लाइन, कटनी-सिंगरौली
लाइन के दोहरीकरण परियोजना की निगरानी के लिए ड्रोन को तैनात करने की योजना है। वहीं
महत्वपूर्ण पुलों के निरीक्षण, भोपाल और जबलपुर घाट प्रखंडो में मॉनसून तैयारियों से
जुड़े कार्यों में भी ड्रोन की मदद ली जाएगी। इससे पहले जबलपुर यार्ड की विद्युतिकरण
परियोजना की निगरानी हेतु ड्रोन कैमरों का प्रयोग किया गया था।
09Jan-2018
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