आपदा
जोखिम न्यूनीकरण में वैश्विक प्रणाली जरूरी: राजनाथ
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्रीय
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए टिकाऊ विकास
के लिए बुनियादी ढांचों की मजबूती जरूरी है, इसलिए जरूरी है कि वैश्विक स्तर पर
आपदा रोधी बुनियादी ढांचों में तकनीकी प्रणालियों को विकसित करने की आवश्यकता है।

सेंडाई फ्रेमवर्क पर बल
केंद्रीय
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत उन शुरुआती देशों में से है जिन्होंने आपदा
जोखिम कम करने के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क पर आधारित राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना तैयार
की। अब यह उस वैश्विक गठबंधन की अगुवाई करेगा जो नाजुक बुनियादी ढांचे के नुकसान को
कम करने की दिशा में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि उस दौरान प्रधानमंत्री ने सेन्डाई
फ्रेमवर्क को लागू करने के लिए तत्काल आवश्यकता पर बल दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा
था कि अवसंरचना में निवेश की आवश्यकता है ताकि यह वर्तमान के साथ-साथ भविष्य के खतरों
का भी सामना कर सके। इसलिए इस फ्रेम वर्क को फोकस करना जरूरी है। इसमें पीएम मोदी
के दस सूत्रीय एजेंडे में आपदा प्रतिरोध बुनियादी ढांचे की दिशा में कार्य करने पर
बल दिया गया है, ताकि हवाई अड्डों, सड़कों, नहरों, अस्पतालों, स्कूलों, पुलों आदि
जैसी सभी विकास परियोजनाओं का निर्माण उचित मानकों के साथ किया जा सके। कार्यशाला
में प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा ने कहा कि आपदा जोखिम
न्यूनीकरण के लिए सेन्डाई फ्रेमवर्क में अवसंरचना को होने वाली क्षति को कम करने का
लक्ष्यों को आगे बढ़ाने का आव्हान किया।
वैश्विक शहरीकरण पर चिंता
संयुक्त राष्ट्र महा सचिव के विशेष प्रतिनिधि (आपदा
जोखिम न्यूनीकरण) डॉ. राबर्ट ग्लाशर ने कार्यशाला में बोलते हुए कहा कि पूरे विश्व
में शहरीकरण की गति एक ऐसा अवसर प्रदान करती है, जिसके तहत नए जोखिमों के निर्माण से
बचा जा सकता है और भविष्य में होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। गृह सचिव
राजीव गाबा और भारत में विश्व बैंक के निदेशक जुनैद कमल अहमद ने भी आधुनिक विश्व में
वित्तीय जोखिम प्रतिरोधी क्षमता निर्माण के लिए वित्तीय बाजारों को मजबूत बनाए जाने
की आवश्यकता पर जोर दिया।
16Jan-2018
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