सोमवार, 15 जनवरी 2018

आपदा रोधी बुनियादी ढांचे पर होगा मंथन



अंतर्राष्‍ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे राजनाथ
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे को विकसित करने की दिशा में भारत की मेजबानी में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में दुनियाभर के देश आपदा जोखिम कम करने की तकनीकियों और अन्य पहुलओं पर मंथन करेंगे।
गृह मंत्रालय के अनुसार राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने आपदा जोखिम करने संबन्धी संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के साथ मिलकर 15 जनवरी को यहां नई दिल्ली में ‘आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा: अवसर और चु‍नौतियां’ विषय पर फोकस करने हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया है, जिसका उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। यह कार्यशाला विभिन्न सामाजिक, आर्थिक पृष्‍ठभूमि और भौगोलिक विशेषताओं के साथ दुनिया के विभिन्न हिस्‍सों-चिली से ऑस्‍ट्रेलिया और जापान से श्रीलंका तक के देशों को एक मंच प्रदान करेगी, जिसमें खासकर आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा निर्माण की दिशा में इन देशों के अनुभवों का आदान-प्रदान होगा। इस कार्यशाला में बहुउदेशीय विकास बैंकों, संयुक्त राष्‍ट्र, निजी क्षेत्र और शैक्षणिक संस्‍थान एक मंच पर बुनियादी ढांचा क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्यों की पहचान करेंगे और वर्तमान कार्य प्रणालियों से जुड़े प्रमुख मुद्दों और उनके समाधान के तरीकों का पता लगाते हुए मंथन करेंगे। इस कार्यशाला का मकसद आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा पर विचार-विमर्श और वैश्विक सहयोग बढ़ाना भी है। बुनियादी ढांचा विकास के बारे में विस्‍तृत विचार-विमर्श के तहत कार्य प्रणालियों की सीमाओं, वर्तमान परिसम्‍पत्तियों के संभावित खतरों, आपदाओं का प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष सामाजिक-आर्थिक प्रभाव, फायदेमंद पारिस्थितिकी तंत्र, नियंत्रित मानक, भविष्य की प्रमुख परियोजनाओं में प्रतिरोधक निर्माण के अवसरों और क्षेत्रीय भूमिकाओं को उजागर किया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार कार्यशाला के दौरान आपदा के बाद पुनर्निर्माण और नाजुक बुनियादी ढांचे की बहाली पर एक पैनल यह भी चर्चा करेगा कि आपदा के बाद संचार सुविधा में सुधार करने के‍ लिए किस प्रकार नाजुक बुनियादी ढांचे की पहचान की जाए और तेजी से सेवाएं शुरू की जाए।
सेंडाई फ्रेमवर्क पर फोकस
भारत उन शुरुआती देशों में से है जिन्‍होंने आपदा जोखिम कम करने के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क पर आधारित राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना तैयार की। अब यह उस वैश्विक गठबंधन की अगुवाई करेगा जो नाजुक बुनियादी ढांचे के नुकसान को कम करने की दिशा में कार्य करेगा। गौरतलब है आपदा जोखिम कम करने के बारे में एशियाई मंत्रियों का सम्‍मेलन गत नवंबर 2016 में नई दिल्‍ली में हुआ था। इसमें ‘सेंडाई फ्रेमवर्क लागू करने के लिए एशिया क्षेत्रीय योजना’ को अपनाया गया। इस दौरान भारत ने प्रतिरोधक निर्माण की दिशा में प्रतिबद्धता दिखाई। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 10 सूत्रीय एजेंडा की घोषणा की है जिसका पहला बिंदु था कि आपदा प्रतिरोध बुनियादी ढांचे की दिशा में कार्य ताकि सभी विकास परियोजनाएं- हवाई अड्डों, सड़कों, नहरों, अस्‍पतालों, स्‍कूलों, पुलों आदि का निर्माण उचित मानकों के साथ हो।
14Jan-2018

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