गुरुवार, 18 जनवरी 2018

नदियों को जोड़ने की परियोजनाओं पर मंथन!

विशेष समिति का अड़चनों को दूर करने का निर्णय
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने ‘नदियों को आपस में जोड़ने’ वाली परियोजनाओं में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए केंद्र और राज्यों में एक दूसरे के साथ आपसी सहयोग पर बल दिया गया है, ताकि इन परियोजनओं को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।
केन्‍द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को विज्ञान भवन में नदियों को जोड़ने के लिए विशेष समिति की 14वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य सरकारों से आव्हान किया है कि वे नदियों को जोड़ने की परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए एक-दूसरे के साथ और केन्‍द्र के साथ सहयोग करें। उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि गुणवत्‍ता को बनाए रखते हुए निर्माण लागत कम करने के उद्देश्य से बेहतर तकनीकी मॉडल तैयार किए जाएं, ताकि धन के कारण परियोजनाओं की गति धीमी न हो सके। उन्होंने राज्य सरकारों से यह भी आग्रह किया कि इस परियोजनाओं के लिए वे विदेशी एजेंसियों से कम ब्‍याज पर ऋण सहित नये वित्‍तीय मॉडलों की भी तलाश करें। समिति की बैठक में सभी साझेदारों के सुझावों पर विचार करने के बाद नियमों के अनुसार नदियों को आपस में जोड़ने के लक्ष्य में तेजी से काम करने का फैसला किया। वहीं वैकल्पिक योजनाओं के विकास के साथ आपसी सहमति बनाने और परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए रोड मैप तैयार करने की दिशा में ज्यादा प्रयास करने पर बल दिया गया है।
केन-बेतवा समेत तीन परियोजनाओं पर फोकस
बैठक में खासतौर से केन-बेतवा लिंक परियोजना, दमनगंगा-‍पिंजाल और पर-तापी-नर्मदा लिंक परियोजनाओं को मंजूरी देने की स्थिति पर चर्चा हुई, जिसमें पहली परियोजना के रूप में केन-बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी पहले ही मिल चुकी है और इसे शुरू करने के लिए जल्द ही यूपी व मध्य प्रदेश सरकारों के बीच एक  समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किये जाएंगे। इसके अलावा अन्य दो परियोजनाओं के लिए भी सभी प्रमुख मुद्दों को सुलझा लिया गया है। इस दौरान नदियों को आपस में जोड़ने के लिए नदी बेसिन में अतिरिकत जल, अंतर-राज्य लिंक प्रस्‍तावों की स्थिति, राष्‍ट्रीय जल विकास एजेंसी का पुनर्निर्माण, टीएफआईएलआर के अंतर्गत वित्तीय पहलुओं के समूह का गठन, राष्‍ट्रीय परियोजना के रूप में नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजनाओं (आईएलआर) पर विचार और गोदावरी के पानी का कावेरी बेसिन (चरण-1) तक पथ परिवर्तन के वैकल्पिक प्रस्‍ताव जैसे अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गईं।
विस्‍थापितो का पुनर्वास हो प्राथमिकता
जल संसाधन मंत्री गडकरी ने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान विस्‍थापित लोगों या परिवारों का पुनर्वास पूरी तरह सुनिश्चित करना उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ परियोजनाएं काफी समय पहले पूरी हो गई हैं ,लेकिन कई परियोजना स्‍थलों से बड़ी संख्‍या में विस्‍थापित लोग अभी भी पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े मुद्दों का समाधान करने के लिए राज्‍यों के समूह बनाए जाएंगें और मंत्रालय में राज्‍य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल राज्‍यों का दौरा करेंगे तथा विभिन्न लंबित मुद्दों पर संबद्ध राज्य सरकार के साथ मौके पर बातचीत की जाएगी।  नदियों को आपस में जोड़ने की विभिन्न परियोजनाओं के लिए धनराशि का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि अब समय आ गया है, जब हमें इन परियोजनाओं के लिए निधीयन की नई प्रक्रियाओं की तरफ देखना होगा। उन्‍होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे निश्चित निधीयन प्रस्‍तावों के साथ आगे आये, जिन्‍हें विदेशी फंडिंग एजेंसियों के साथ उठाया जा सकता है।
18Jan-2018

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