मंगलवार, 30 जनवरी 2018

देश में लोस व विस एक साथ चुनाव कराने की वकालत




संसद: राष्ट्रपति अभिभाषण से शुरू हुआ बजट सत्र       
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के बजट सत्र की शुरूआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई। अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद केंद्र सरकार के कामकाजों को उजागर करते हुए कहा कि बार-बार चुनाव होने से देश की विकास प्रक्रिया बाधित होती है, इसलिए देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के मुद्दे पर चर्चा और संवाद को आगे बढ़ाते हुए राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनाई जानी चाहिए।
संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में संयुक्त सदन की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश में गवर्नेंस के प्रति सजग लोगों में देश के किसी न किसी हिस्से में लगातार हो रहे चुनाव से अर्थव्यवस्था और विकास पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को लेकर चिंता है। बार-बार चुनाव होने से मानव संसाधन पर बोझ तो बढ़ता ही है, आचार संहिता लागू होने से देश की विकास प्रक्रिया भी बाधित होती है। इसलिए एक साथ चुनाव कराने के विषय पर चर्चा और संवाद बढ़ना चाहिए तथा सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कमजोर वर्गों को समर्पित है और बजट भी उनके लिए हितकारी होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस के समारोह में 10 देशों के प्रतिनिधियों ने आकर वसुधैव कुटुंबकम की दृष्टि में नया आयाम जोड़ा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में जब हमारा देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा तब तक इन लक्ष्यों की प्राप्ति न सिर्फ स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र निर्माताओं के सपने पूरा करेगी, बल्कि नए भारत का आधार भी मजबूत करेगी। कोविंद ने कहा कि डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने में ‘भीम एप’ और ‘उमंग एप’ जैसी 100 से ज्यादा जनसुविधाओं को मोबाइल पर उपलब्ध कराने का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान’ के अंतर्गत विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम चला रही है।
महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहन
राष्ट्रपति ने महिलाओं के सशक्तिकरण के मकसद से आजादी के बाद पहली बार पुरुष रिश्तेदारों के बिना 45 साल से ज्यादा आयु की महिलाओं के हज पर जाने की पाबंदी हटाने का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने कई दशकों तक राजनीतिक लाभ-हानि का बंधक रही मुस्लिम महिलाओं के सम्मान देने के मकसद से तीन तलाक से संबन्ध में एक विधेयक पेश किया है, जिसके कानून बनने के बाद मुस्लिम बहन-बेटियां भी आत्मसम्मान के साथ भयमुक्त जीवन जी सकेंगी।  उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपेक्षा की है कि संसद इस विधेयक को शीघ्र ही कानूनी रूप देगी। उन्होंने कहा कि बेटियों के साथ भेदभाव खत्म करने के लिए मेरी सरकार ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू की थी। इस योजना के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए अब इसका दायरा 161 जिलों से बढ़ाकर 640 जिलों तक कर दिया गया है।
गरीबों व मध्यम वर्ग को सुविधाएं
संयुक्त सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य की बेहतर और सस्ती सुविधा के लिए सरकार ने नई ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति’ बनाई है। ‘दीनदयाल अमृत योजना’ के तहत 111 आउटलेट के माध्यम से 5,200 से अधिक जीवन-रक्षक ब्रांडेड दवाओं तथा सर्जिकल इम्प्लांट्स पर 60 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक की रियायत दी जा रही है। इसी प्रकार सभी के सिर पर छत और उनकी पानी-बिजली-शौचालय की सुविधा देने की संवेदनशील सोच के साथ सरकार देश के हर आवासहीन गरीब परिवार को वर्ष 2022 तक घर उपलब्ध कराने के लक्ष्य पर काम कर रही है। पिछले साढ़े तीन वर्षों में शहरी और ग्रामीण इलाकों में 93 लाख से अधिक घरों का निर्माण किया गया है। जबकि हर गरीब को भरपेट भोजन मिले, इसके लिए कानून के उद्देश्य को प्रभावी बनाना अनिवार्य है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत देश के सभी राज्यों में सस्ती दरों पर खाद्यान्न देने की व्यवस्था को पारदर्शी और लीकेज प्रूफ बनाया जा रहा है।
युवाओं को रोजगार के मौके
अभिभाषण में राष्ट्रपति ने भारत को दुनिया का सबसे युवा देश करार देते हुए कहा कि यहां युवा अपने सपने पूरे कर सकें, स्वरोजगार कर सकें, इसके लिए सरकार स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, स्किल इंडिया मिशन, मुद्रा योजना जैसे कार्यक्रम चला रही है। युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए सक्रिय सरकार देश में 20 ‘इंस्टीट्यूट्स ऑफ एमिनेन्स’ बनाने पर काम कर रही है। इस मिशन के तहत चुने हुए शिक्षण संस्थानों को 10,000 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। सरकार ने देश में उच्च शिक्षण संस्थाओं की समस्त परीक्षाओं के आयोजन के लिए एक स्वायत्त परीक्षा संगठन, ‘नेशनल टेस्टिंग एजेंसी’ के गठन को मंजूरी दी है। डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एमबीबीएस की 13 हजार सीटें तथा पोस्ट ग्रैजुएट की 7,000 से अधिक सीटें मंजूर की गई हैं। चिकित्सा शिक्षा में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने लोक सभा में ‘राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक’ भी प्रस्तुत किया है।
श्रमिकों की दशा में सुधार
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सरकार ने श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में 40 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की है। श्रम कानूनों के पालन के लिए रजिस्टर की संख्या 56 से घटाकर 5 कर दी गयी है। अब श्रम सुविधा पोर्टल पर सभी रिटर्न ऑनलाइन भरे जाते हैं। जो उद्योग या कंपनियां नौकरियों के नए अवसर सृजित कर रही हैं उन्हें ‘प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना’ के तहत आर्थिक मदद दी जा रही है। 20 लाख से ज्यादा लाभार्थी इस योजना से सहायता प्राप्त कर चुके हैं।

सरकार की उपलब्धियो को किया उजागर
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की अर्थव्यस्था के सुधार की दिशा में जीएसटी कानून लागू करने जैसी कई योजनाओं के अलावा  देश की ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ने वाली ‘भारत नेट परियोजना’ए किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के लिए प्रतिबद्धता के तहत कई योजनाओं को शुरू करने, जन धन योजना, तुष्टिकरण नहीं सशक्तिकरण के साथ अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को भी देश के विकास का प्रतीक बताया। वहीं उन्होंने विश्वस्तरीय रेल सेवाओं के लिए मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड बुलेट ट्रेन के शुरू हुए कार्य, बुनियादी ढांचों को मजबूत करने के लिए भारतमाला व सागरमाला जैसी परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने देश के हर वर्ग को लाभान्वित करने की प्रतिबद्धता दर्शा रही है।
30Jan-2018
 


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