गुरुवार, 11 जनवरी 2018

अस्थायी कर्मचारियों की राह हुई आसान

केंद्र सरकार ने नियुक्ति करने की दी अनुमति
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र की कंपनियों में काम कर रहे अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति करने करने का रास्ता साफ कर दिया है। सरकार ने कंपनियों की जरूरत के अनुसार इस अनुमति के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार इस अधिसूचना के तहत अस्थाई कर्मचारियों को एक तय अवधि के लिए मिलने वाले रोजगार के तहत स्थायी कर्मचारियों की तरह ही सभी सुविधाएं मिल सकेंगी। मसलन सरकार के इस निर्णय से नियोक्ता ठेकेदार की मध्यस्थता के बिना कामगार को सीधे तय समय के लिए नौकरी पर रख सकता है। मंत्रालय के अनुसार प्रस्तावित औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश), केंद्रीय (संशोधन) नियम-2018 के तहत एक निश्चित अवधि के लिए रोजगार के तहत कामगार को एक निश्चित अवधि के लिए नौकरी पर रखा जा सकता है। विभिन्न उद्योगों खासकर खाद्य प्रसंस्करण और चमड़ा क्षेत्र की मांग पर श्रम और रोजगार मंत्रालय इस संबन्ध में उस प्रस्ताव को फिर से वापस लेते हुए एक अधिसूचना मसौदा तैयार किया था, जिसे पिछले साल छोड़ दिया गया था। केंद्र सरकार ने इस मसौदे के तहत इस प्रस्ताव की अनुमति दे दी है। मंत्रालय के अनुसार अभी तक ऐसे प्रस्ताव की अनुमति परिधान विनिर्माण क्षेत्र में ही थी, जिसका विस्तार करते हुए हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक में फुटवियर, चमड़ा तथा एक्सेसरीज क्षेत्र के कामगारों पर भी इसे लागू करने का फैसला किया था।
समान सुविधाएं होंगी मुहैया
मंत्रालय के अनुसार कर्मचारियों की नियुक्ति की अनुमति देने वाले इस अधिसूचना मसौदे के अनुसार अस्थाई कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों की तर्ज पर ही काम के बराबर घंटे, समान वेतन और भत्ते मिलेंग। हालांकि नियोक्ता को ऐसे कर्मचारियों का अनुबंध खत्म होने पर नोटिस देने की जरूरत नहीं है। वहीं इन कर्मचारियों को नौकरी से हटाए जाने पर मिलने वाले लाभ देना भी अनिवार्य नहीं होगा। प्रस्तावित औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश), केंद्रीय (संशोधन) नियम, 2018 के मुताबिक तय अवधि के लिए रोजगार वह होता है जिसके तहत कामगार को एक निश्चित अवधि के लिए नौकरी पर रखा जाता है।
---------------------------------

सीआईएसएफ में होगा नए पदों का सृजन
केंद्र सरकार ने केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की प्रशासनिक दक्षता और क्षमता बढ़ाने की दिशा में कमांडेंट से अतिरिक्त महानिदेशक रैंक तक के 25 नए पदों के सृजन करने का निर्णय लिया है। इसके लिए केंद्रीय कैबिनेट ने सीआईएसएफ के ग्रुप- कार्यपालक संवर्ग की संवर्ग समीक्षा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय गृहमंत्रालय के अनुसार बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के ग्रुप- कार्यपालक संवर्ग की संवर्ग समीक्षा को दी गई मंजूरी के तहत सीआईएसएफ के वरिष्ठ ड्यूटी पदों में सुपरवाइजरी स्टाफ बढ़ाने के लिए सहायक कमांडेंट से अपर महानिदेशक के रैंकों तक विभिन्न रैंकों में 25 पदों के सृजन करने का प्रावधान है। इस निर्णय के तहत अब कमांडेंट के आठ, उप महानिरीक्षक के आठ, महानिरीक्षक के 7 तथा अतिरिक्त महानिदेश के दो नए पद सृजित किए जाएंगे। इससे इस केन्द्रीय बल में ग्रुप- के पदों की कुल संख्या 1252 से बढ़कर 1277 हो जाएगी। इस प्रस्ताव की मंजूरी का मकसद सीआईएसएफ में ग्रुप के इन पदों के सृजन के बाद बल की सुपरवाइजरी दक्षता तथा क्षमता सृजन में वृद्धि होगी। ग्रुप- पदों की संवर्ग समीक्षा में प्रस्तावित पदों के समय पर सृजन से बल की सुपराइजरी और प्रशासनिक क्षमताएं बढेंगी। मंत्रालय के अनुसार सीआईएसएफ का मूल चार्टर तथा सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों की संपत्ति को संरक्षा तथा सुरक्षा मुहैया कराना था। अधिनियम में 1989, 1999 तथा 2009 में संशोधन किए गए, ताकि ड्यूटी चार्टर को व्यापक बनाया जा सके। निजी क्षेत्र की ईकाइयों को सुरक्षा कवर प्रदान किया जा सके और केंद्र सरकार द्वारा सौंपे जाने वाली अन्य ड्यूटियों को पूरा किया जा सके।
बंद होगा तुंगभद्रा स्टील प्लांट
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कनार्टक में तुंगभद्रा स्टील प्रोडक्शन लिमिटेड(टीएसपीएल) को बंद करने के फैसले को मंजूरी दे दी है। इस कंपनी को मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने दिसम्बर 2015 में सभी देनदारियों को पूरा करने के बाद बंद करने का फैसला किया था। मंडिमंडल ने संयंत्र की 20 हजार वर्ग मीटर जमीन कनार्टक सरकार को स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया है। इसके साथ ही कंपनी की हास्पेट में स्थित 82.37 एकड भूमि कनार्टक हाउसिंग बोर्ड को देने की अनुमति दी गयी है। यह भूमि 66 लाख रुपए प्रति एकड की दर से खरीदी जाएगी।

एयर इंडिया में एफडीआई की अनुमति
केंद्रीय कैबिनेट ने सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया में विदेशी विमानन कंपनी को 49 प्रतिशत तक निवेश की अनुमति दे दी है। इससे एयर इंडिया के विनिवेश में विदेशी कंपनियां भी बोली लगा सकेंगी। हालांकि उन्हें सरकारी विमान सेवा कंपनी में निवेश के लिए सरकार से पूर्व मंजूरी लेनी होगी। इससे पहले विमानन क्षेत्र में शेड्यूल तथा नॉन शेड्यूल एयरलाइंस में 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति थी, लेकिन एयर इंडिया में एफडीआई की अनुमति नहीं थी। नियमों में दी गई इस रियायत के साथ कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। वक्तव्य में कहा गया है कि एयर इंडिया में होने वाला विदेशी निवेश विदेशी विमानन कंपनी सहित प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से 49 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा और कंपनी का मालिकाना बड़ा हिस्सा तथा उसका प्रभावी नियंत्रण किसी भारतीय नागिरक के हाथ में ही होगा।
11Jan-2018
 



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें