मानवरहित
फाटकों को बंद कर अंडरपास व ब्रिज का निर्माण
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
रेलवे
के कायाकल्प और सुधार परियोजनाओं में सुरक्षा की प्राथमिकता के मद्देनजर देश में
बड़ी लाइन के सभी बिना चौकीदार वाले समपारों को समाप्त कर दिया गया है। अब सरकार
की योजना मीटर लाइन और छोटी लाइन वाले समपारों को आमान परिवर्तन के दौरान बंद करने
की है। देश में ऐसे समपारों पर अंडरपास और ओवर ब्रिज बनाए जा रहे हैं।
राज्यसभा
में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक सवाल के जवाब में यह जानकारी देते हुए बताया कि
31 जनवरी 2019 तक देश में बड़ी लाइन के सभी मानवरहित रेल फाटकों को बंद कर दिया
गया है। जबकि 348 मीटर लाइन और 700 छोटी लाइन पर ऐसे मानवरहित फाटकों को आमान
परिवर्तन के दौरान बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश सुरक्षा और संरक्षा की
दृष्टि से ऊपरी सड़क पुलों और निचले सड़क पुलों का निर्माण किया जा रहा है। इसके
लिए 1581 ऊपरी सड़क पुलों और 5751 निचले सड़क पुलों यानि अंडर पास की मंजूरी दी गई
है, जिनके निर्माण का काम जारी है। रेलवे फाटकों पर सबसे जयादा 312 ओवर ब्रिज
उत्तर प्रदेश में बनाए जा रहे हैं, जबकि सबसे कम एक ओवर ब्रिज असम में बनाया जा
रहा है। ओवर ब्रिज में छत्तीसगढ़ में 31, मध्य प्रदेश में 94, हरियाणा में 74,
दिल्ली में चार, पंजाब में 19, राजस्थान में 67, उत्तराखंड में 6, बिहार में 120,
महाराष्ट्र में 116 ओवर ब्रिज बनाए जा रहे हैं।
राजस्थान में सर्वाधिक अंडर
पास
रेल मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार समपारों पर अंडर
पास यानि निचले सड़क पुल में सर्वाधिक 1363 राजस्थान में स्वीकृत किये गये हैं।
इसके अलवा मध्य प्रदेश और हरियाणा में 320-320, छत्तीसगढ़ में 83, दिल्ली में दो,
पंजाब में 184, उत्तराखंड में 9, बिहार में 176, झारखंड में 109, आंध्र प्रदेश में
209, गुजरात में 814,महाराष्ट्र में 190 अंडरपास बनाए जा रहे हैं।
---------------------------------------
रेलवे का निजीकरण होने का मतलब
ही नहीं: पीयूष गोयल
नई दिल्ली।
रेलवे
के निजीकरण की विपक्ष की आशंकाओं को सिरे से खारिज करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल
ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि इसका कोई निजीकरण कर ही नहीं सकता और इसके निजीकरण का
कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि कि राजनीतिक लाभ के लिए नयी ट्रेनों का सपना दिखाने
के बजाय नरेन्द्र मोदी सरकार ने सुविधाएं एवं निवेश बढ़ाने के लिए पीपीपी आमंत्रित
करने का इरादा किया है।
लोकसभा
में वर्ष 2019-20 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर बृहस्पतिवार
को देर रात तक चली चर्चा का शुक्रवार को जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि वह बार-बार
कह चुके हैं कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लेकिन कोई सुविधा
बढ़ाने की बात करे, प्रौद्योगिकी लाने की बात करे, कोई नया स्टेशन बनाने की बात करे,
कोई हाई स्पीड, सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने की बात करे, स्टेशन पर सुविधा बढ़ाने की
बात करें तो इसके लिये निवेश आमंत्रित किया जाना चाहिए। पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे
में सुविधा बढ़ाने, गांवों और देश के विभिन्न हिस्सों को रेल सम्पर्क से जोड़ने के
लिये बड़े निवेश की जरूरत है। अच्छी सुविधा, सुरक्षा, हाई स्पीड आदि के लिये निजी सार्वजनिक
साझेदारी (पीपीपी) को प्रोत्साहित करने का सरकार ने निर्णय किया है। रेल मंत्री
पीयूष गोयल कहा कि जिस प्रकार की व्यवस्था हमें 2014 में मिली, वह जर्जर थी। पिछले
64 वर्षो में 12 हजार रनिंग किलोमीटर रेलमार्ग का विस्तार किया गया और पिछले पांच वर्ष
में मोदी सरकार के दौरान 7 हजार रनिंग किलोमीटर मार्ग बढ़ा। उन्होंने कहा कि पिछले
पांच वर्षो में तेज गति से रेलवे में दोहरीकरण, तिहरीकरण और विद्युतीकरण का कार्य किया
गया। रेलवे में दोहरीकरण और तिहरीकरण के कार्य में 59 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले
पांच वर्षों में 13687 किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण किया गया। उन्होंने रेलवे
में सुविधा बढ़ाने में पिछले वर्ष ढाई गुणा निवेश बढ़ा है। रेल मंत्री ने कहा कि जहां
तक ‘फ्राइट कारिडोर’ की बात है, 2007 से 2014 तक सात वर्षो में 9000 करोड़ रूपये खर्च
हुए लेकिन एक किलोमीटर ट्रैक लिंकिंग नहीं हुई जबकि 2014 से 2019 तक पांच वर्षो में
39,000 करोड़ रूपये का निवेश हुआ और 1900 किलोमीटर ट्रैंक लिंकिंग हुई। रेल मंत्री
ने सुरक्षा, दुर्घटना जैसे विषयों पर विपक्ष के आरोपों का आंकड़ों के माध्यम से जवाब
दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे में साफ सफाई, सुरक्षा और संरक्षा को बेहतर बनाने के लिए
हम लगातार प्रयासरत हैं। ट्रेनों में सुविधाएं बढ़ी है और पहले की तुलना में दुर्घटनाएं
कम हुई है। उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग से जुड़ा लाभ रेल कर्मचारियों को पहुंचाने
के लिए 22 हजार करोड़ रूपये दिया गया है, इसके बावजूद रेलवे को लाभ की स्थिति में रखा
गया है। उन्होंने
कहा कि आने वाले वर्षो में पूरे ब्रॉड गेज का शत प्रतिशत विद्युतीकरण किया जाएगा। अगले
12 महीने में सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगा दिए जाएंगे। रेल मंत्री ने कहा कि अगर
11 जुलाई, 2006 को हुई मुंबई ट्रेन विस्फोट की घटना इस सरकार के कार्यकाल के दौरान
हुई होती तो प्रधानमंत्री मोदी ने मुंहतोड़ जवाब दिया होता। मंत्री के जवाब के बाद
विपक्ष के कटौती प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए सदन ने रेल मंत्रालय संबंधी अनुदान
की मांग को मंजूरी दे दी।
13July-2019
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें