शनिवार, 27 जुलाई 2019

संसद से मिली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) विधेयक को मंजूरी


अब एनआईए के पास अब होंगे ज्यादा अधिकार
विदेश में मिलेगा एनआईए को कार्रवाई करने का अधिकार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
आतंकवाद और राष्ट्रद्रोह के खिलाफ जांच करने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)को ज्यादा शक्तियां देने वाला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण(संशोधन) विधेयक को लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा की भी मंजूरी मिल गई है। अब एनआईए आतंकवाद के अलावा मानव तस्करी, साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की भी जांच कर सकेगी और उसे विदेशों में जाकर कार्रवाई करने का भी अधिकार होगा।
लोकसभा से पारित राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण(संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पेश किया गया। इस विधेयक को राज्यसभा में चर्चा के बाद ध्वनिमत के साथ पारित कर दिया। इस विधेयक को लोकसभा ने सोमवार को मंजूरी दी थी। इससे पूर्व बुधवार को राज्यसभा में इस संशोधन वाले विधेयक को गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने पेश किया। उच्च सदन में चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के सांसद अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा उठाए गये सवाल का करारा जवाब देते हुए कहा कि सदन को एनआईए की साख रखनी चाहिए अगर सदन ही एजेंसी पर सवाल करेगा, तो लोग कैसे भरोसा करेंगे। उन्होंने कहा कि 2014-19 तक एनआईए के पास कुल 195 केस दर्ज हुए जिनमें से 129 केस में चार्जशीट हुई है। इनमें से भी 44 केसों में फैसला आ गया है और 41 में सजा भी हो चुकी है। इसलिए उन्होंने नसीहत दी कि एनआईए की कार्य क्षमता पर सवाल उठाना ठीक नहीं, लेकिन दुनिया में जहां भी भारतीय के खिलाफ अपराध होगा वहां एनआईए जांच करेगी। उन्होंने कहा कि एजेंसी के दुरुपयोग के आरोप पर कहा कि मोदी सरकार में किसी पर गलत केस नहीं होता और जांच एजेंसी अपना काम करती है, किसी के काम में दखल नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि किसी मामले में अपील का काम लॉ ऑफिसर का होता है, सरकार ऐसा नहीं कर सकती। गृह मंत्री ने कहा कि विदेश में आतंकी घटनाओं में हमारे नागरिक निशाना बनते हैं, लेकिन हमारे पास कार्रवाई का अधिकार नहीं है, लेकिन यह अधिकार इस विधेयक में दिया जा रहा है। पाकिस्तान के सवाल पर शाह ने कहा कि हर चीज कानून से नहीं होती है, उन्होंने कहा कि उरी और पुलवामा के बाद हमने घर में घुसकर जवाब दिया है। पाकिस्तान को छोड़ दें लेकिन विश्वभर में तो कानून के दायरे में इसे पहुंचाना होगा।
ज्यादातर विपक्षी दलों ने किया समर्थन
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने देश से आतंकवाद को खत्म करने के लिए सख्त कानून वाले एनआईए विधेयक को समर्थन देते हुए कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि इसमें किये गये सख्त प्रावधानों को दुरुपयोग न हो। वहीं राज्यसभा में बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें साइबर क्राइम को शामिल किया जाना एक अच्छी पहल है, लेकिन जजों को मामले की सुनवाई के लिए नियुक्त करने से पहले से जज की ओर से सुने जा रहे केस प्रभावित न हों इसके लिए कोई नया रास्ता निकालना चाहिए, ताकि न्यायपालिका पर बोझ और न बढ़े। सीपीआई के डी. राजा ने कहा कि बिल सुबह आया और शाम को आप पारित कराना चाहते हैं, तो फिर संसदीय समितियों का मतलब क्या है? इसके जवाब में शाह ने कहा कि अगर ऐसा है तो डिवीजन करा लीजिए और इसके बाद राजा सदन से बाहर चले गए।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस के सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने एनआईए विधेयक में किये गये प्रावधान पर सवाल खड़े किये और कहा कि एनआईए की जांच पर अदालत में जज भी सवालिया निशान लगा चुके हैं, वहीं सिंघवी ने कटाक्ष किया कि नरेंद्र मोदी तो 2011 में ही एनआईए कानून को फेडरल ढांचे के खिलाफ बता चुके हैं और आज उन्हीं की सरकार एनआईए को वैश्विक बनाना चाहती है? उन्होंने कहा कि सरकार के पास ऐसी बहुत कम संधि हैं जहां हमारी जांच एजेंसी किसी को विदेश से पकड़कर भारत ला सके। विदेश में जांच के अधिकार पर उन्होंने कहा कि कोई देश एनआईए को किस बिनाह पर जांच का अधिकार देगा। इस विधेयक पर कांग्रेस के ही विवेक तन्खा ने इसे न्यायपालिका पर बोझ बढ़ाने वाला कदम बताया, लेकिन आतंकवाद के साथ कांग्रेस समझौता नहीं कर सकती।
तृणमूल कांग्रेस ने इस तर्क पर किया विरोध
राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओब्राईन ने एनआईए विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि विधयकों के संसदीय समितियों की निगरानी के बगैर पेश किया जा रहा है, ऐसे विधेयक की निगरानी का मतलब उसका विरोध नहीं, बल्कि इससे चर्चा में कम समय लगेगा और विधेयक मजबूत होकर समितियों से गुजर कर आता तो बेहतर होता। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल सरकार पर सीबीआई, ईडी से गठबंधन का आरोप लगाते हैं, लेकिन क्या एनआईए भी सरकार के सहयोगी की तरह काम करेगी? क्योंकि संस्थाओं का दुरुपयोग पहले से होता आ रहा है। इसलिए सरकार को इसमें दखल नहीं देने के बजाए स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाहिए। 
18July-2019

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