रविवार, 7 जुलाई 2019

केंद्रीय बजट:भारत को ई-वाहनों के निर्माण का हब बनाने की योजना

एक राष्ट्र-एक कार्ड के जरिए परिवहन की लागत कम करने पर बल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण हब बनाने की दिशा में ई-वाहनों पर जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी करने की तैयारी में है। सरकार ई-वाहनों के लिए चलाई जा रही फेम योजना में सोलर स्टोरेज बैटरी और चार्जिंग की सुविधा वाली अवसंरचना के समावेश करने की नीति को प्रोत्साहन देगी। वहीं परिवहन लागत को कम करने की दिशा में सरकार एक राष्ट्र-एक कार्ड से उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा
यह ऐलान शुक्रवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट-2019-20 पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया। उन्होंने कहा कि देश में ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए गत एक अप्रैल से आरंभ हुए फेम योजना के दूसरे चरण में आधुनिक बैटरी और पंजीकृत ई-वाहन की खरीद के लिए छूट दी जाएगी। इस योजना के तहत तीन वर्षों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गई है। सीतारमण ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया है। ई-वाहनों को किफायती बनाने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए प्राप्त ऋण की ब्याज अदायगी में 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त आयकर छूट देगी। करदाताओं को इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर लगभग 2.5 लाख रुपये का लाभ मिलेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के कुछ कलपुर्जों पर सीमा शुल्क से मुक्त रखे जाने का प्रस्ताव है।
इस योजना का मुख्य मकसद देश में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को प्रोत्साहन देना है। सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद तथा इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की अवसंरचना स्थापित करने के लिए रियायत देने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत केवल आधुनिक बैटरियों और पंजीकृत ई-वाहनों को ही रियायत दी जाएगी। इस योजना का लक्ष्य लोगों को किफायती और पर्यावरण अनुकूल सार्वजनिक परिवहन का विकल्प प्रदान करना है। वित्त मंत्री ने कहा कि फेम योजना में सोलर स्टोरेज बैटरी और चार्जिंग अवसंरचना को शामिल करने से विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। इन वाहनों के विनिर्माण से भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के हब के रूप में विकसित होगा।
यात्रा में एक राष्ट्र-एक कार्ड
केंद्र सरकार के बजट में वित्त मंत्री ने नेशनल ट्रांसपोर्ट कार्ड का भी ऐलान किया गया, जिसका इस्तेमाल बसों और रेलवे में किया जा सकेगा। इसका मकसद परिवहन लागत में कमी लाना है। रूपे कार्ड की मदद से चलाए जाने के प्रस्ताव के तहत इससे बस का टिकट, पार्किंग का खर्चा, रेल का टिकट सभी एक साथ किया जा सकेगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसका लक्ष्य रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का है। उन्होंने कहा कि सरकार एक देश-एक ग्रिड की योजना का ब्लूप्रिंट तैयार कर रही है।
प्रतिदिन 135 किमी सड़क का निर्माण
देश के सड़क जैसे बुनियादी ढांचों के लक्ष्य के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार राष्‍ट्रीय राजमार्ग कार्यक्रम की व्‍यापक पुनर्संरचना करेगी, ताकि निधियन योग्य मॉडल का इस्‍तेमाल करते हुए आवश्यक लम्‍बाई और क्षमता का राष्‍ट्रीय राजमार्ग ग्रिड सुनिश्चित किया जा सके। भारतमाला के पहले चरण को पूरा करने के बाद दूसरे चरण में राज्‍यों की सड़क नेटवर्कों का विकास करने में मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, औद्योगिक गलियारों, समर्पित माल-भाड़ा गलियारों, भारतमाला, सागरमाला, जलमार्ग विकास और उड़ान जैसे कार्यक्रमों की बदौलत देश के बुनियादी ढांचे को विकसित किया जा रहा है, जिसमें प्रतिदिन देश में 135 किमी लंबी सड़का का निर्माण हो रहा है। उनका कहना था कि देश की अर्थव्यवस्था के साथ रोजगार सृजन में भी इन महत्वपूर्ण योजनाओं की अहम भूमिका है, वहीं देश के विकास और परिवहन व्यवस्था में सुधार आएगा।
06July-2019

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