प्राथमिकता में तीन तलाक व सड़क सुरक्षा संबन्धी विधेयक और
अध्यादेश
संसद सत्र की विस्तारित बैठकों में में प्रश्नकाल बजाए
महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र
की मोदी सरकार का प्रयास है कि 17वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र में ज्यादा से
ज्यादा कामकाज निपटाने के प्रयास में हैं। संसद सत्र की आठ बैठकों के लिए कराए गये
विस्तार में तीन तलाक और सड़क सुरक्षा से जुड़े लंबित महत्वपूर्ण विधेयकों और
अध्यादेशों को अंजाम तक पहुंचाना सरकार की उच्च प्राथमिकता होगी।
संसद
के बजट सत्र में आठ बैठकों के किये गये विस्तार में कल सोमवार से शुरू होने वाली
दोनों सदनों की बैठकों में प्रश्नकाल नहीं होंगे और इस एक-एक घंटे का इस्तेमाल
महत्वपूर्ण मुद्दो पर चर्चा के लिए किया जाना है। मोदी सरकार का इस दौरान संसद में
10 अध्यादेश वाले विधेयकों में से सात को दोनों सदनों की मंजूरी दिला चुकी है,
जबकि लोकसभा में पेश हो चुके कंपनी (संशोधन) विधेयक पास होना शेष है। इसके अलावा तीन
तलाक संबन्धी मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक और अविनियमित
निक्षेप स्कीम पाबंदी विधेयक पर उच्च सदन की मंजूरी शेष है। इन अध्यादेशों के
अलावा सड़क सुरक्षा से संबन्धित मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक समेत ऐसे 22 महत्वपूर्ण
विधेयक 16वीं लोकसभा के भंग होने के कारण निष्प्रभावी हो गये थे, जिनमें से लोकसभा
में नए सिरे से पास हो चुके मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक को राज्यसभा की मंजूरी
दिलाने की चुनौती होगी। 17 जून से आरंभ हुए संसद के बजट सत्र में अभी तक हालांकि
दोनों सदनों में अपेक्षा से भी ज्यादा कामकाज निपटाया जा चुका है, जिसके तहत बजट
से जुड़े वित्त संबन्धी विधेयकों समेत लोकसभा में 20 और राज्यसभा में 18 विधेयकों
पर मुहर लग चुकी है। अपने दूसरे कार्यकाल में जिस भारी भरकम कामकाज के साथ मोदी
सरकार संसद के इस सत्र में आई थी, उसके बचे हुए कामकाज को इन विस्तारित आठ दिनों
की कार्यवाही में निपटाने का प्रयास के साथ ही कल सोमवार से सरकार संसद में आएगी।
सरकार ने सोमवार से शुरू होने वाली कार्यवाही के पहले सप्ताह में तीन तलाक व कंपनी
विधेयक के साथ मोटर वाहन जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को शामिल किया है, लेकिन
राज्यसभा में बहुमत न होने के कारण मोदी सरकार ऐसे महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित
कराने के लिए विपक्षी दलों के साथ सहमति बनाने के मकसद से बातचीत करने में जुटी
है। विपक्ष से असहमति की स्थिति से निपटने के लिए सरकार अपनी वैकल्पिक रणनीति पर
भी काम कर रही है।
आज नहीं आएगा तीन तलाक बिल
सोमवार
29 जुलाई को सरकार राज्यसभा में दलगत आधार का आकलन करने में जुटी है और वह खासकर
लोकसभा से पारित हो चुके तीन तलाक विधेयक को पास कराने के प्रयास में है। यही कारण
है कि राज्यसभा की सोमवार व मंगलवार दो दिन की कार्यसूची में इस विधेयक को शामिल
नहीं किया है। राज्यसभा में सोमवार को अध्यादेश से जुड़े अविनियमित निक्षेप स्कीम
पाबंदी विधेयक के अलावा दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक को पेश
करने का निर्णय लिया गया है, जबकि 30 जुलाई मंगलवार को राज्यसभा में महत्वपूर्ण
लोकसभा से पारित अध्यादेश से जुड़े कंपनी (संशोधन) विधेयक को चर्चा के बाद पारित
कराने का प्रयास होगा।
लोकसभा में आज
सोमवार को सरकार लोकसभा में बांध सुरक्षा विधेयक,
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक, और अप्रासांगिक हो चुके पुराने कानूनों को
खत्म करने वाले निरसन और संशोधन विधेयक पेश करेगी। मंगलवार को लोकसभा में 16लोकसभा
में निष्प्रभावी हुए महत्वपूर्ण बिल उपभोक्ता संरक्षण (संशोधन) विधेयक को पेश कर
उसे पारित कराने का प्रयास होगा। हालांकि सरकार के सामने संसद के इसी सत्र में सार्वजनिक
परिसर (अनधिकृत व्यवसायों का प्रमाण)संशोधन विधेयक, जलियाँवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक
(संशोधन) विधेयक, सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, वेतन विधेयक, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य
और कार्य शर्तें संहिता विधेयक, अंतर-राज्यीय नदी जल विवाद (संशोधन) विधेयक, द रेपलिंग
और संशोधन विधेयक और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) विधेयकों को
पारित कराने की चुनौती होगी। 29July-2019
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