शनिवार, 27 जुलाई 2019

देश में सुरक्षा मानकों के साथ बिछेगा सड़कों का जाल

पांच साल में 11 लाख करोड़ की सड़क परियोजनाएं पूरी: गडकरी
हादसों पर अंकुश हेतु मोटर वाहन विधेयक पर मांगा समर्थन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में विश्वस्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में काम कर रही केंद्र सरकार ने दावा किया है कि पिछले पांच साल में नए वित्त मॉडल के साथ 11 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं के तहत 40 हजार किमी से ज्यादा हाइवे का निर्माण किया गया है। सड़क  परियोजनाओं में सुरक्षा के मानकों की तकनीकी के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है। सरकार ने सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की दिशा में संसद में विभिन्न राजनीतिक दलों से नए मोटर वाहन विधेयक को पारित कराने के लिए समर्थन करने का भी आव्हान किया है।     
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार मंगलवार को लोकसभा में वर्ष 2019-20 के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग के तहत लोकसभा में ध्वनिमत से पारित की गई अनुदान की मांगों से पहले हुई इस पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में विश्व स्तर के परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सरकार का जोर रहेगा। सरकार ने नए वित्त पोषण मॉडल के विकास की दिशा में पिछले पांच साल में इस मंत्रालय के अंतर्गत 11 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं का निर्माण किया है, जिसमें 40 हजार किमी से भी ज्यादा राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हुआ और 57 हजार किमी से ज्यादा की सड़क परियोजनाओं को अवार्ड किया जा चुका है। गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय के लिए इस बार बजट आवंटन में लगभग 5000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। इसके अलावा क्षेत्र के लिए धन आकर्षित करने के लिए कई नवीन निवेश मॉडल पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल में सड़क मंत्रालय के अलावा पोत परिवहन में छह लाख करोड़ और जल संसाधन के क्षेत्रों में एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को पूरा किया गया किया है।
भारत माला परियोजना की बढ़ी लागत
सदन में गडकरी ने आश्वासन दिया कि भले ही भूमि अधिग्रहण की लागत बढ़ने के कारण भारतमाला की लागत 5.35 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 8.41 लाख करोड़ रुपये हो गई है, लेकिन परियोजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ‘भारत माला’ परियोजना के पहले चरण में 24800 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा रहा है।
सड़क सुरक्षा पर फोकस
केंद्रीय परिवहन मंत्री ने सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिए सरकार के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि राजमार्गों पर सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए एडीबी द्वारा 7000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि मंत्रालय ने देशभर में दुर्घटनाओं से ग्रस्त 786 ब्लैक स्पोर्ट यानि काले धब्बों की पहचान की थी, जिनमें से ऐसे 300 जगहों को डिजाइन बदलकर ठीक किया जा चुका है। इस संबंध में गडकरी ने सभी दलों के सदस्यों से लोकसभा में पेश किये गये मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक-2019 को समर्थन देने का आह्वान किया, जिसमें सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कानून प्रस्तावित किए गए हैं।
2020 तक बीएस-6 प्रदूषण मानदंड
गडकरी ने आगे कहा कि चार महीनों के भीतर टोल प्लाजा में लंबी कतारों से बचने के लिए इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रक्रिया को तेज गति से और यातायात के आसान मार्ग के लिए अनिवार्य किया जाएगा। वहीं वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने अप्रैल 2020 तक भारत स्टेज-VI प्रदूषण मानदंड शुरू करने का निर्णय लिया है। इसी दिशा में जल्द ही देश में इलेक्ट्रिक और बायो ईंधन से चलने वाले वाहन को सड़कों पर उतारने पर जोर रहेगा।
22 हरित एक्सप्रेस-वे बनेंगे
गडकरी ने कहा कि देश में सड़क परिवहन को दुरस्त करने की दिशा 22 ग्रीन एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे, जिनमें से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे भी एक होगा। इसके जरिए दिल्ली से मुंबई की दूरी 12 घंटे में तय करना संभव हो पाएगा। यह गुड़गांव से शुरू होकर सवाई माधोपुर, अलवर, रतलाम, झाबुआ, बड़ोदरा से होकर मुंबई जाएगा। गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई मार्ग देशभर में तैयार किए जा रहे ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे नेटवर्क का ही एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सड़क परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण करने की प्रक्रिया बड़ी समस्या है, लेकिन उस चुनौती से निपटने की भी सरकार के पास योजना है। 
17July-2019

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