शनिवार, 13 जुलाई 2019

आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ सख्त हुई सरकार

नोटबंदी से आतंकी संगठनों की अर्थव्यवस्था हुई कमजोर
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार के आतंकवाद के खिलाफ उठाए गये कदमों में आतंकवाद के वित्तपोषण पर सख्ती के साथ शिकंजा कसने की कार्यवाही की है। वहीं नोटबंदी का कदम भी आतंकी संगठनों की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने का बड़ा कदम साबित हुआ है।
यह दावा गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने बुधवार को छत्तीसगढ़ से कांग्रेस सांसद छाया वर्मा और दो अन्य सांसदों द्वारा आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए सरकार की कार्यवाही के बारे में पूछे गये सवाल के लिखित जवाब में किया है। गृह राज्यमंत्री रेड्डी के अनुसार सरकार ने देश में आतंक के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिये विभिन्न कदम उठाए गये हैं। इसके लिये खासतौर से सरकार ने आतंक के वित्तपोषण का मुकाबला करने के मकसद से विधिविरूद्ध कियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 के प्रावधानों को ज्यादा मजबूत किया है। वहीं आतंक के वित्तपोषण और जाली करेंसी के मामलों की गहनता से जांच करने के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण यानि एनआईए में टेरर फंडिंग एंड फेक करेंसी सेल (टीएफएफसी) का गठन किया गया है। सरकार का कहना है कि चूंकि जाली भारतीय करेंसी नोटों (एफआईसीएन) का नेटवर्क भारत में आतंक के वित्तपोषण का एक बड़ा माध्यम रहा है, इसलिए गृह मंत्रालय द्वारा जाली करेंसी नोटों के परिचालन की समस्या से निपटने के लिए राज्यों/केंद्र की सुरक्षा एजेंसियों के बीच आसूचना और जानकारी को साझा करने हेतु एफआईसीएन समन्वय समूह (एफकोर्ड) का गठन भी किया गया है।
गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी ने अपने जवाब में कहा है कि आतंक के वित्तपोषण पर शिकंजा कसने में केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2016 में 500 और 1000 के नोटों को बंद करने यानि नोटबंदी का कदम भी कारगर साबित हुआ है, जिसके कारण आतंकवादी संगठनों की आर्थिक कमर टूटती नजर आई और अगले दिन से जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं अचानत थमती देखी गई। उनका मानना है कि चूंकि आतंकवाद के वित्तपोषण में अवैध रूप से रखी गई रकम की मात्रा काफी अधिक होती है, इसलिए आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों के पास रखी 500 और 1000 मूल्यवर्ग की अधिकांश नकदी बेकार हो गई थी। गौरतलब है कि सीमापार के आतंकी संगठनों के इशारे पर जम्मू-कश्मीर में अलगवावादी संगठन आतंकी गतिविधियों के लिए नवयुवकों को धन के बल पर उकसाते रहे हैं। सरकार की एनआईए ने पिछले पांच साल के भीतर आतंकवाद के खिलाफ सख्ती के साथ कदम उठाते हुए ऐसे अलगाववादी संगठनों के खिलाफ भी ठोस कार्रवाही की है।
11July-2019

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