आतंकी
हमलों व मुठभेड के दौरान शहीद हुए 413 जवान
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
सीमापार
से घुसपैठ और आतंकी हमलों तथा भारतीय सेना और सुरक्षाबलों के साथ हुई विभिन्न मुठभेड़ों
और एंटी-कॉम्बिंग ऑपरेशनों दौरान जम्मू-कश्मीर में पिछले पांच साल में जहां 963 आतंकियों
को मार गिराया है, वहीं इस दौरान हमारे 413 जवान शहीद हुए हैं।
केंद्रीय
गृह मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार के पिछले
पांच साल के कार्यकाल में सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के कारण
सेना आतंकवादियों को ढेर करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। मंत्रालय के अनुसार प्रत्येक
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के प्रत्येक मुख्यालय में एक कल्याण अधिकारी (वेलफेयर ऑफिसर)
होता है। इसके अलावा हर यूनिट स्तर पर कल्याण अधिकारी की नियुक्ति की गई जो ड्यूटी
के दौरान शहीद हुए सुरक्षाबलों के परिवार का ध्यान रखते हैं। इस हमले में 40 जवान शहीद
हो गए थे। हालांकि पिछले माह जून में भी दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में हुए आतंकी हमले
में पांच सीआरपीएफ जवान शहीद हुए। इससे पहले पिछले पांच साल में आतंकवाद के खिलाफ चलाए
गये ऑपरेशन के दौरान सीमापार से घुसपैठ करने के प्रयास और कश्मीर घाटी में आतंकी हमले
को अंजाम देने के दौरान भारतीय सेना और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान 963 आतंकवादियों
को ढ़ेर किया गया है, लेकिन इस दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए भारतीय सुरक्षा के
413 जवान भी शहीद हुए हैं। गौरतलब है कि एक दिन पहले सोमवार को राज्यसभा में सांसद
विजय गोयल के एक सवाल के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने जानकारी दी थी
कि 2018 में जम्मू-कश्मीर में 318 आतंकी हमले हुए। जबकि 2017 में यह संख्या 187 से
ज्यादा थी। सेना और सुरक्षाबलों ने मुछभेड़, घुसपैठ के दौरान मुठभेड़ और आतंकी घटनाओं
के दौरान 265 आतंकवादियों को मार गिराया है।
घुसपैठ में आई कमी
मंत्रालय के अनुसार मंगलवार को लोकसभा में सदस्यों
के सवालों के जवाब में गृहराज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सदन में ऐसी जानकारी दी,
जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में 2016 से 2018 के दौरान सीमापार से घुसपैठ
के मामलों में भी कमी आई है। वहीं उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि वर्ष
2016 से 2018 के दौरान सीमापार घुसपैठ की 398 घटनाएं हुईं और इनमें 126 घुसपैठी मारे
गए इन तीन वर्षों में 27 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए और 49 जवान घायल हो गए। रेड्डी ने
बताया कि वर्ष 2016 में सीमापार घुसपैठ की 1119, 2017 में 136 और 2018 में 143 घटनाएं
हुईं।
17July-2019
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