रविवार, 7 जुलाई 2019

संसद ने लगाई जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल पर मुहर

लोकसभा के बाद राज्यसभा ने सर्वसम्मिति से किया पारित
राष्ट्रपति शासन की अवधि भी छह माह के लिए बढ़ी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
लोकसभा की मंजूरी के बाद जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक और राज्य में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने वाले विधेयक को राज्यसभा ने भी भी सर्वसम्मिति से पारित कर दिया है। दोनों सदनों के पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मुहर लगते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
राज्यसभा में सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इस विधेयक को पेश किया, जिसे समाजवादी और तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने समर्थन करने का चर्चा के दौरान ऐलान किया। इस विधेयक को पारित कराने के लिए विपक्षी दलों के समर्थन से सरकार की राह आसान लग रही थी। चर्चा के दौरान प्रतिपक्ष नेता गुलामनबी आजाद ने सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को लेकर अपनाई जा रही नीतियों का विरोध किया और आजादी से अब तक की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को वहां के आम नागरिकों के हितों में काम करने की जरूरत है। आजाद ने राज्य में चुनाव कराने को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए थे, जिस पर अमित शाह ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने राष्ट्रपति शासन लगाने के आंकड़े सामने रखते हुए कहा कि सबसे ज्यादा बार आर्टिकल 356 का प्रयोग कांग्रेस की सरकारों ने किया है। राज्यसभा में चर्चा के बाद सभी सदस्यों के सवालों के जवाब गृहमंत्री अमित शाह ने दिये और इस विधेयक को पारित कराने की अपील की। अमित शाह ने आतंकवाद के मुद्दे पर कहा कि सभी सरकारों ने उसके खिलाफ उचित कदम उठाए हैं, लेकिन हर सरकार का अपना अपना नजरिया है और जिस नजरिए से मोदी सरकार खासकर आतंकवाद के खिलाफ कदम उठा रही है उससे निश्चित रूप से जम्मू-कश्मीर की तस्वीर बदलेगी और आतंकवाद की जड़े भी  खत्म होंगी, इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को दलगत नीति से ऊपर उठकर सरकार का सहयोग करने की जरूरत है। आखिर उच्च सदन में हुई तीखी चर्चा बाद रात्रि आठ बजे राज्यसभा ने जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ दे दी। अगले 6 महीने के लिए यह फैसला 3 जुलाई से प्रभावी होगा। इसके साथ ही राज्यसभा ने जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक को भी ध्वनिमत से पारित कर दिया। गौरतलब है कि यह दोनों विधेयक पिछले सप्ताह शुक्रवार को लोकसभा से पारित हो चुके हैं।
02July-2019

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