राज्यसभा में भाजपा सांसद उठाया नक्सलवाद का मुद्दा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
छत्तीसगढ़
में इसी साल नक्सली हमले में विधायक भीमा मंडावी समेत चार लोगों की मौत का मामला
उठाते हुए भाजपा सांसद राम विचार नेताम ने
आरोप लगाया कि नक्सलवाद के प्रति राज्य सरकार गंभीर नहीं है, जिसके कारण राज्य में
नक्सलवाद फिर से अपनी जड़े जमा रहा है, जो एक गंभीर समस्या है।
राज्यसभा
में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसद राम विचार नेताम ने
देश के लिए नक्सलवाद जैसी घटनाओं को चिंता का विषय बताते हुए गत अप्रैल में नक्सली
हमले में युवा विधायक भीमा मंडावी समेत चार लोगों की मौत का मामला उठाया। नेताम ने
कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले छह माह से जिस प्रकार नक्सल प्रभावित दस जिलों के
अलावा अन्य जिलों में नक्सली गतिविधियां बढ़ रही है, जिन्हें काबू करने में राज्य
सरकार पूरी तरह से असमर्थ रही है। उन्होंने कहा कि मांडवी व अन्य की मौत की भी
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा एनआईए से जांच कराने को भी राज्य सरकार विचार
करने को तैयार नहीं है। उनका आरोप था कि हाल ही में कार्यवाही के नाम पर नक्सली
बताकर मारे गये दो लोग सामान्य नागरिक निकलने से साफ है कि राज्यसभा सरकार
नक्सलवाद के प्रति कतई गंभीर नहीं है। कांग्रेस सदस्यों द्वारा विरोध करने पर
नेताम ने तर्क दिया कि यदि राज्य सरकार की और से गंभीरतापूर्वक कार्यवाही हो रही
है तो फिर क्या कारण है कि ये नक्सली घटनाएं कम होने के बजाए दिन पर दिन बढ़ती जा
रही हैं। उन्होंने नक्सली गतिविधियों से निपटने के लिए ठोस और सकारात्मक कार्रवाई
की मांग करते हुए कहा कि राज्य में जहां खासकर गरीब और आदिवासी समाज है वहां उन
लोगों को एक तरफ नक्सलियों और दूसरी ओर पुलिस का शिकार होना पड़ रहा है। इसलिए इस
समस्या पर गंभीरतापूर्वक विचार होना चाहिए।
नायडू की दलील
भाजपा
सांसद के नक्सलवाद को लेकर राज्य सरकार को कठघरे में खड़े करने के प्रयास पर
कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने विरोध किया तो उस पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने
नसीहत के रूप में नेताम को कहा कि सदन में सदस्यों को अपनी बात रखते समय इस बात का
ध्यान रखा जाना चाहिए कि उससे आपसी झगड़े का संदेश कतई न जाए और आरोप लगाने के बजाय
मुद्दे के समाधान पर जोर दिया जाना चाहिए। इस पर नेताम ने सफाई दी कि वह यह कहना
चाहते हैं कि राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद राज्य में नक्सली हिंसा पर लगाम
नहीं लग पा रही है।
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मप्र में पलायन को मजबूर लोग
शून्यकाल
के दौरान उच्च सदन में भाजपा सांसद प्रभावत झा ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जनहित
की कुछ योजनाओं को बंद करने के कारण समूचे राज्य के 16 हजार से ज्यादा गांवों से
लोगों के कथित रूप से पलायन का मुद्दा उठाया। प्रभात झा ने कहा कि राज्य में
गरीबों और आम नागरिको के लाभ के लिए केंद्र की 303 योजनाएं चल रही थी, लेकिन इनमें
से राज्य सरकार ने बिना किसी कारण बताए सम्बल योजना व लाडली लक्ष्मी जैसी योजनाओं
समेत 137 योजनाओं को बंद कर दिया है। बंद की गई इन योजनाओं के लाभ से वंचित होने
की वजह से राज्य के 36 जिलों के 16 हजार से ज्यादा गांव खाली होने की स्थिति में
हैं, जहां से लोग पलायन करने को मजबूर हैं। उन्होंने राज्य में बिजली की समस्या बढ़ने
और अन्य जनहित की योजनाओं के बंद होने से खासकर पलायन जैसी स्थिति को लेकर गंभीर
विचार विमर्श करने की मांग की है।
29JUne-2019
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