सोमवार, 30 नवंबर 2020

जगदलपुर की केंद्रीय जेल में कैदियों के निर्मित उत्पाद ट्राइब्स इंडिया में शामिल

आत्मनिर्भर भारत: ट्राइब्स इंडिया उत्पाद की नई रेंज को मिलेगा वैश्विक बाजार हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार के लिए ट्राइफेड लगातार उनके उत्पादों को बाजार मुहैया कराने के लिए ट्राइब्स इंडिया उत्पाद की नई रेंज का विस्तार कर रहा है। अब ट्राइफेड ने ट्राइब्स इंडिया उत्पाद की जिस नई रेंज को शामिल किया है, उसमें छत्तीसगढ़ में जगदलपुर की केंद्रीय जेल में कैदियों द्वारा बनाए गये उत्पाद शामिल हैं। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अनुसार ट्राइफेड़ ने अपने उत्पादों की रेंज का विस्तार करते हुए हाल ही में वन के ताजे संसाधनों से बनाए गए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले नए उत्पादों को शामिल किया है। खास बात यह है कि इन उत्पादों को छत्तीसगढ़ में जगदलपुर की केंद्रीय जेल के कैदियों ने बनाया हैं। इस संबन्ध में ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्णा ने कहा कि ट्राइब्स इंडिया की कोशिश लगातार आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार करने की रही है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के आव्हान पर आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत “गो वोकल फॉर लोकल” के मूल मंत्र में छत्तीसगढ़ के केंद्रीय जेल से ट्राइफेड़ की साझेदारी भी उसी कड़ी का एक और प्रयास है। इस साझेदारी के जरिए आदिवासियों द्वारा बनाए गए हैंडीक्रॉफ्ट उत्पादों को बड़ा बाजार मिलेगा और इसके जरिए न केवल वह आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी साकार करेंगे। आदिवासियों के जीवन स्तर को नई दिशा देने में ट्राइब्स इंडिया का ई-मार्केट प्लेस एक नई क्रांतिकारी पहल है। इसके जरिए देश के कोने-कोने में मौजूद आदिवासियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ने का मौका मिलेगा। उनका दावा है कि इन नए उत्पादों से ट्राइब्स इंडिया के उत्पादों की श्रृंखला मजबूत होने से ट्राइब इंडिया का ई-मार्केट प्लेस, उपहारों के लिए दिए जाने वाले उत्पादों का एक उत्कृष्ट माध्यम भी बनेगा। जहां तक ट्राइब्स इंडिया उत्पाद की नई रेंज में शामिल किये गये उत्पादों का सवाल है, उसमें छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जेल के आदिवासी कैदियों द्वारा मूर्ति और केतकी टोकरी को लॉन्च किया गया है। इन उत्पादों में भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और मां दुर्गा की मूर्तियां भी बाजार में उतारी गई हैं, जो कि सिर्फ उपहार देने के लिए ही नहीं हैं, बल्कि इससे जेल के आदिवासी कैदी भी आत्मनिर्भर बनेंगे। जगदलपुर केंद्रीय जेल बनी साझीदार प्रवीर कृष्णा ने कहा कि ट्राइफेड़ ने यह निर्णय भी लिया गया है कि जगदलपुर केंद्रीय जेल अब ट्राइफेड का साझीदार होगा। इसके तहत केंद्रीय जेल में आदिवासियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को ट्राइफेड नियमित रूप से खरीदेगा और इन उत्पादों को ट्राइब्स इंडिया वैश्विक प्लेटफॉर्म दिलाएगा। उन्होंने बताया कि इसी पहल के तहत देश के विभिन्न क्षेत्रों से उपहार के लिए उपयोगी उत्पादों की ट्राइफेड खरीदारी करता रहा है। कृष्णा ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में आदिवासियों द्वारा बनाए गए इन उत्पादों को ट्राइफेड ने शामिल किया वे सभी देश में ट्राइब्स इंडिया के 125 आउटलेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। इसके अलावा इन उत्पादों की बिक्री के लिए ट्राइब्स इंडिया की मोबाइल वैन भी लोगों तक अपनी पहुंच बनाएगी। वहीं यह उत्पाद ट्राइब इंडिया के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी tribesindia.com और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे। स्वदेशी उत्पादों से मिलेगा लाभ उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हाल ही में ओडिशा के आदिवासियों से सौरा पेटिंग के अलावा लैंपशेड और डोकरा दीये भी लिए गए हैं। इसी तरह तमिलनाडु और दक्षिण भारत के दूसरे राज्यों में जैविक सौंदर्य प्रसाधन वाले उत्पाद जैसे मधुमक्खी से बने लिप बॉम को भी शामिल किया गया है। यह बॉम पुदीना, नींबू और वनीला फ्लेवर में लॉन्च किए गए हैं। इसी तरह पश्चिम भारत से हाथ से पेंट किए हुए वर्ली चित्रकारी वाले दुपट्टा, जूट बैग, लैपटॉप बैग, जूट ऑर्गनाइजर, तोरण और लालटेन आदि को भी लॉन्च किया गया है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आदिवासी कलाकारों द्वारा बनाए गए यह उत्पाद उपहार और सजावट के लिए बेहतरीन विकल्प है। 17N0v-2020

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