सोमवार, 30 नवंबर 2020

दागियों व करोड़पतियों से सराबोर है नीतीश मंत्रिमंडल!

57 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ लंबित हैं आपराधिक मामले मंत्रिमंडल में 93 फीसदी करोड़पति विधायक शामिल ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। नीतिश कुमार के नेतृत्व में सातवीं बार बिहार में सरकार का गठन हुआ, जिसमें दागियों व करोड़पति विधायकों से सराबोर बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश के मंत्रिमंडल में भी दागियों और करोड़पतियों का वर्चस्व रहेगा। मसलन नीतिश के मंत्रिमंडल में मंत्रियों में जहां 57 फीसदी आपराधिक छवि वाले और 93 करोड़पतियों को शामिल किया गया है। बिहार विधानसभा के 243 नवनिर्वाचित विधायकों में इस बार 68 फीसद दागियों और 81 फीसदी करोड़पति शामिल हैं। 125 सीटे जीतकर बहुमत हासिल करने वाले राजग के निर्वाचित विधायकों में 72 दागियों की फेहरिस्त में शामिल हैं। जबकि विधानसभा में पहुंचे 163 दागियों में 91 विपक्षी दलों के शामिल हैं। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जिन 15 विधायकों को मंत्रियों के रूप में शपथ दिलाई गई है, उनमें नीतिश के 14 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें आधे से ज्यादा आठ मंत्रियों यानि 57 फीसदी पर आपराधिक दाग है, जिनमें से 6 यानि 43 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ तो हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, बलात्कार, अपहरण व महिलाओं के ऊपर अत्याचार जैसे संगीन मामले लंबित चल रहे हैं। गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रिटक रिफॉर्म्स द्वारा विशेषण रिपोर्ट पर गौर की जाए तो मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत जदयू के छह, भाजपा के सात तथा हम व वीआईपी कोटे से एक-एक विधायक शामिल है। इनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा एक-एक भाजपा व हम का विधानसभा सदस्य मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जबकि जदयू से एक पूर्व एमएलसी को भी मंत्री बनाया गया है। विधानसभा चुनाव में निर्वाचित विधायकों में से राजग के दस सदस्यों को ही मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। वीआईपी के विजयी रहे विधायकों के बजाए चुनाव हारने वाले को मंत्री बनाया गया है। भाजपा सर्वाधिक चार मंत्रियों पर दाग बिहार राज्य की राजग सरकार के 15 सदस्यी मंत्रिमंडल में 8 दागियों में भाजपा के चार और जदयू के दो के अलावा हम व वीआईपी के एक-एक मंत्री पर आपराधिक मामले लंबित हैं। इनमें जदयू कोटे से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री डा. मेवालाल चौधरी, भाजपा के जिबेश कुमार, तार किशोर प्रसाद, रेणु देवी व डा. रामप्रीत पासवान के अलावा हम के संतोष कुमार तथा विकासशील इंसान पार्टी यानि वीआईपी के मुकेश साहनी शामिल हैं। इन दागी मंत्रियों में से जिन छह मंत्रियों पर संगीन आपराधिक मामले लंबित चल रहे हैं, उनमें भाजपा व जदयू के दो-दो के अलावा हम व वीआईपी के दोनों मंत्री शामिल हैं। करोड़पति मंत्रियों का वर्चस्व बिहार सरकार के 15 सदस्यीय मंत्रिमंडल में 13 मंत्री करोड़पतियों की फेहरिस्त में शामिल हैं। इनमें भाजपा के छह, जदयू के पांच तथा हम व वीआईपी का एक-एक मंत्री शामिल है। इनमें से चुनाव आयोग में दिये गये शपथ पत्र में की गई घोषणा के मुताबिक 14 मंत्रियों की औसत संपत्ति 3.93 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसमें अमीर मंत्री डा. मेवालाल चौधरी ने सबसे ज्यादा अपनी संपत्ति 12.31 करोड़ रुपये घोषित की है। जबकि सबसे कम 72.89 करोड़ रुपये की संपत्ति अशोक चौधरी ने घोषित की है। हालांकि जिन आठ मंत्रियों ने अपनी देनदारी घोषित की है, उनमें सबसे ज्यादा1.54 करोड़ रुपये की वीआईपी के मुकेश साहनी द्वारा घोषित की गई है। --------------------------------------- इस बार ज्यादा संख्या में जीते दागी व करोड़पति बिहार विधानसभा के 243 सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजों के अनुसार इस बार 68 फीसद दागी और 81 फीसदी करोड़पति विधायक के रूप में निर्वाचित होकर विधानसभा में दाखिल हुए हैं। मसलन चुनाव आयोग में दाखिल किये गये शपथ पत्रों के मुताबिक निर्वाचित हुए 243 विधायकों में से 163 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले लंबित होना घोषित किया है। जबकि 2015 के चुनाव में ऐसे दागियों की संख्या 142 थी। इसी प्रकार इस बार 194 करोड़पतियों ने विधानसभा चुनाव फतेह करके बाजी मारी है, जिनकी संख्या वर्ष 2015 में 162 थी। 19Nov-2020

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